छुरा (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले में कांग्रेस संगठन चुनाव की प्रक्रिया शुरू होते ही गुटबाजी खुलकर सड़क पर आ गई है। पार्टी के भीतर दो धड़े साफ़ तौर पर उभरकर सामने आ गए हैं — एक पक्ष पूर्व विधायक अमितेश शुक्ल के पुत्र को जिला अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में सक्रिय है, जबकि दूसरा पक्ष परिवारवाद और एकाधिकार की राजनीति का खुला विरोध कर रहा है।

एकतरफा बैठक से मचा बवाल
छुरा के स्थानीय रेस्ट हाउस में हाल ही में कुछ चुनिंदा कार्यकर्ताओं की बैठक बुलाई गई, जिसमें शैलेन्द्र साहू के नाम को जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। लेकिन इस बैठक ने ब्लॉक कांग्रेस में भारी आक्रोश फैला दिया है।
वरिष्ठ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि यह बैठक मात्र कुछ लोगों की निजी मंशा का परिणाम थी। इसमें अधिकांश मंडल अध्यक्ष, सेक्टर अध्यक्ष, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता व पदाधिकारी अनुपस्थित थे। इसके बावजूद, कुछ कार्यकर्ताओं ने अपने मन से निर्णय लेकर एकतरफा प्रस्ताव पारित कर दिया।
ब्लॉक कांग्रेस ने किसी को समर्थन नहीं दिया
आक्रोशित कांग्रेसियों ने कहा कि छुरा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी ने अब तक किसी भी दावेदार को समर्थन देने का निर्णय नहीं लिया है। – हम सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता स्वतंत्र हैं कि संगठन चुनाव में पर्यवेक्षक के सामने अपनी राय रख सकें। किसी एक व्यक्ति की राय को पूरे ब्लॉक पर थोपना अलोकतांत्रिक है। हम ऐसे निर्णय का खुलकर विरोध करते हैं।”
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में हर पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपने विवेक के अनुसार यह तय करेगा कि कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद हेतु किसे समर्थन देना है।
नीलकंठ ठाकुर ने जताई नाराजगी
विवाद के बीच आदिवासी नेता नीलकंठ ठाकुर ने भी प्रेस विज्ञप्ति में अपने नाम के दुरुपयोग पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा — मैंने किसी के समर्थन में कोई बयान नहीं दिया है। मेरे नाम का गलत प्रयोग किया गया है और मैं इस पर आक्रोशित हूं।
वरिष्ठ नेताओं की लंबी फेहरिस्त ने जताया विरोध
विरोध दर्ज कराने वालों में वरिष्ठ कांग्रेसी सलीम मेमन, मक्खू दीक्षित, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष समद खान, राजा यशपेंद्र शाह, महिला कांग्रेस की कार्यकारी जिलाध्यक्ष माहेश्वरी शाह, मंडल अध्यक्ष केवल साहू, चेतन ठाकुर, गज्जू ठाकुर, विजेंद्र ठाकुर, सेक्टर अध्यक्ष अखिल चौबे, दिगेश ठाकुर, गोपी यादव, गोपाल दिवाकर, ओंकार ठाकुर, दिलीप ठाकुर, जयराम जगत, भानुप्रताप भारद्वाज, धनेश नायक, पार्षद हरीश यादव, देवसिंग नेताम, शांतनु देवांगन, दीप्ति यादव, यामीन खान, हरिराम सिन्हा, लखन साहू, रणजीत ठाकुर, विमल सेनापति, शैलेन्द्र दीक्षित, पूर्व महिला जिलाध्यक्ष राजकुमारी सोनी, पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष धनेश्वरी मरकाम, मुस्कान साहू, श्वेता चंद्राकर, देशबाई ध्रुव, सेवन ध्रुव, संतोष यादव सहित महिला कांग्रेस, युवा कांग्रेस, एनएसयूआई एवं विभिन्न सेक्टर अध्यक्ष शामिल हैं।
परिवारवाद बनाम लोकतंत्र की जंग
राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि अमितेश शुक्ल का गुट संगठन चुनाव में अपना वर्चस्व बनाए रखना चाहता है, वहीं विरोधी गुट इसे परिवारवाद की जड़ें मजबूत करने की कोशिश बता रहा है।
कई नेताओं का मानना है कि अगर यही हाल रहा, तो गरियाबंद जिले में कांग्रेस की एकजुटता पर गहरा असर पड़ सकता है।
क्या जिला कांग्रेस में नई दरार?
संगठन चुनाव की आंच अब सीधे छुरा ब्लॉक से जिला कांग्रेस कार्यालय तक पहुंच गई है।
सूत्रों के मुताबिक, जिला कांग्रेस पर्यवेक्षक को इस पूरे विवाद की जानकारी दी जा चुकी है और आने वाले दिनों में पार्टी अनुशासन समिति इस प्रकरण पर विचार कर सकती है।
कुल मिलाकर, गरियाबंद में कांग्रेस संगठन चुनाव ने पार्टी के भीतर पुराने जख्मों को फिर हरा कर दिया है —एक ओर परिवारवाद की राजनीति, तो दूसरी ओर कार्यकर्ताओं की असली ताकत की लड़ाई अब खुलकर सामने आ गई है।