विकसित भारत की दिशा में छत्तीसगढ़ बनेगा नई ऊर्जा का केंद्र — स्वदेशी ही राष्ट्रभक्ति का प्रतीक
गरियाबंद/राजिम (गंगा प्रकाश)। राजिम की ऐतिहासिक धरती गुरुवार को आत्मनिर्भरता की नई चेतना से गूंज उठी। मंच पर दीप जले, शंखनाद हुआ और वातावरण में “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी” के जयघोष गूंजे। आत्मनिर्भर भारत अभियान पर आयोजित प्रेस वार्ता में कैबिनेट मंत्री गुरु खुशवंत साहेब ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश की बदलती दिशा और गति पर प्रकाश डालते हुए कहा —आत्मनिर्भर भारत केवल नीति नहीं, यह एक राष्ट्र संकल्प है — जो हर घर की दीवारों से शुरू होकर विश्व मंच तक गूंजेगा।

25 सितंबर से 25 दिसंबर — स्वदेशी संकल्प का 90 दिन का महाअभियान
मंत्री साहेब ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत संकल्प अभियान 25 सितंबर, पं. दीनदयाल उपाध्याय जी की जयंती से प्रारंभ होकर 25 दिसंबर, भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती तक पूरे देश में चलाया जा रहा है।
इसका उद्देश्य है — “हर घर स्वदेशी, घर-घर स्वदेशी”, ताकि देश का हर नागरिक “वोकल फॉर लोकल” की भावना को जीवन में उतारे। — यह वह आंदोलन है जिसने कोरोना जैसे वैश्विक संकट को अवसर में बदला। प्रधानमंत्री मोदी जी ने आत्मनिर्भर भारत का जो सपना दिखाया था, वह आज धरातल पर साकार हो रहा है, — मंत्री साहेब ने कहा।
रक्षा, कृषि, उद्योग — हर क्षेत्र में भारत अब आत्मनिर्भर
गुरु खुशवंत साहेब ने कहा कि आज भारत किसी से पीछे नहीं है।2014-15 में जहाँ देश का रक्षा निर्यात मात्र 1,941 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 23,622 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। — अब भारत हथियार नहीं खरीदता, बल्कि निर्यात करता है — यही आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान है।
उन्होंने बताया कि भारत आज विश्व की तीसरी सबसे बड़ी स्टार्टअप इकोसिस्टम है, जिसने 17 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार दिया है और 100 से अधिक यूनिकॉर्न कंपनियाँ तैयार की हैं। — यह मोदी जी की सोच है, जिसने युवाओं को ‘नौकरी मांगने वाला’ नहीं, ‘रोजगार देने वाला’ बना दिया है।
छत्तीसगढ़ का लक्ष्य — जीएसडीपी 10 लाख करोड़ तक और हर जिला आत्मनिर्भर
मंत्री साहेब ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य आगामी पाँच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना कर 10 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाने का है।इसके लिए स्थानीय उत्पादों, पारंपरिक कला, हस्तशिल्प और कृषि आधारित उद्योगों को प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा — बस्तर की लोककला, चांपा का कोसा, जशपुर की कॉफी और महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा बनाए गए हर्बल उत्पाद अब न सिर्फ छत्तीसगढ़ की शान हैं बल्कि राष्ट्रीय पहचान बन रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हर जिले में स्वदेशी आधारित उद्योग खड़ा करने का रोडमैप तैयार हो रहा है।
दीपावली पर ‘स्वदेशी दीप’ का संदेश
प्रेस वार्ता के दौरान मंत्री खुशवंत साहेब ने दीपावली पर्व की ओर इशारा करते हुए कहा — इस बार घरों में विदेशी लाइट नहीं, मिट्टी के दीप जलें। हर दीप में स्वदेशी की ज्योति हो, हर घर में भारतीय कारीगर की मेहनत की चमक हो। उन्होंने कहा कि यह समय केवल खरीदारी का नहीं, बल्कि आत्मसम्मान का त्यौहार” मनाने का है। — दैनिक जीवन में स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग केवल आर्थिक मजबूती नहीं, बल्कि राष्ट्रभक्ति का प्रतीक भी है। जब हम स्वदेशी अपनाते हैं, तो हम भारत की आत्मा को जगाते हैं।
विकसित भारत @2047 — आत्मनिर्भरता से ही संभव
मंत्री साहेब ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने वर्ष 2047 तक भारत को “विकसित राष्ट्र” बनाने का जो लक्ष्य रखा है, उसका मूल मंत्र आत्मनिर्भरता ही है।
उन्होंने कहा — आत्मनिर्भर भारत सिर्फ आर्थिक सुधारों का एजेंडा नहीं, बल्कि यह हमारे स्वाभिमान की पुनर्स्थापना है। यह आंदोलन हर किसान, हर मजदूर, हर युवा और हर महिला की शक्ति का प्रतीक है।
कार्यक्रम में जुटी भीड़, जोश से गूंजा राजिम
राजिम के इस प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश प्रभारी अशोक बजाज, विधायक रोहित साहू, पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय, भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल चंद्राकर, जिला महामंत्री चंद्रशेखर साहू, नगर अध्यक्ष महेश यादव, मंडल अध्यक्ष रिकेश साहू, दीपक साहू सहित बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता, महिला मोर्चा की कार्यकर्ता और युवा उद्यमी शामिल हुए।
मंच पर ‘वोकल फॉर लोकल’ के बैनर के साथ स्वदेशी उत्पादों की झलक दिखाई गई। राजिम के व्यापारियों ने भी संकल्प लिया कि वे आने वाले त्योहारों में केवल भारतीय निर्मित उत्पादों का ही प्रचार और बिक्री करेंगे।
मंच से गूंजा एक स्वर — भारत बदलेगा, जब हर घर बनेगा आत्मनिर्भर
कार्यक्रम के समापन में उपस्थित जनसमूह ने सामूहिक रूप से संकल्प लिया — हम स्वदेशी खरीदेंगे, स्वदेशी बेचेंगे, और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे।
भव्य आयोजन के बीच जब सभा में “भारत माता की जय” और “विकसित भारत का नारा — मोदी है तो मुमकिन है” के जयघोष गूंजे, तो राजिम का पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से भर उठा।