
अरविन्द तिवारी
नई दिल्ली(गंगा प्रकाश) – तीन दिन बाद 28 सितंबर को अमृत महोत्सव का विशेष दिन आ रहा है। इस दिन हम भारत मां के वीर सपूत भगत सिंह जी की जयंती मनायेंगे। हमने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुये यह तय किया है कि लम्बे समय से प्रतीक्षित चंडीगढ़ हवाईअड्डे का नाम अब स्वतंत्रता सेनानी शहीद भगत सिंह जी के नाम पर रखा जायेगा। अभी कुछ दिन पहले ही देश ने कर्तव्यपथ पर नेताजी सुभाषचन्द्र बोस की मूर्ति की स्थापना के जरिये भी ऐसा ही एक प्रयास किया है और अब शहीद भगत सिंह के नाम से चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नाम इस दिशा में एक और कदम है।
उक्त बातें आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 93वां एपिसोड के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। इस कार्यक्रम का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन के अलावा यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किया गया। चंडीगढ़ एयरपोर्ट का नामकरण शहीद भगतसिंह के नाम रखे जाने की घोषणा पर पीएम मोदी ने चंडीगढ़ , पंजाब और हरियाणा के साथ ही देशवासियों को बधाई देते हुये कहा कि इसका इंतजार काफी समय से किया जा रहा था। उन्होंने जयंती पर दीनदयाल उपाध्याय को भी याद करते हुये कहा कि 25 सितंबर को उनकी जयंती मनाई जाती है। पीएम ने कहा कि आजादी के बाद देश में जो हीनभावना थी , उससे आजादी दिलाकर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने हमारी बौद्धिक चेतना को जागृत किया। उन्होंने कहा कि वे कहते भी थे कि हमारी आजादी तभी सार्थक हो सकती है जब वो हमारी संस्कृति और पहचान की अभिव्यक्ति करे और इसी विचार के आधार पर उन्होंने देश के विकास का विजन दिया। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की सबसे बड़ी खूबी यही रही है कि उन्होंने अपने जीवन में विश्व की बड़ी-बड़ी उथल-पुथल को देखा था। वे विचारधाराओं के संघर्ष के साक्षी बने थे और इसीलिये एकात्म मानवदर्शन और अंत्योदय के विचार देश के सामने रखे जो पूरी तरह भारतीय थे। वे कहते थे कि देश की प्रगति का पैमाना , अंतिम पायदान पर मौजूद व्यक्ति होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ने मानव मात्र को एक समान मानने वाले भारतीय दर्शन को फिर से दुनियां के सामने रखा। हमारे शास्त्रों में कहा गया है – आत्मवत् सर्वभूतेषु यानि जीव मात्र को अपने समान मानें , अपने जैसा व्यवहार करें। पीएम मोदी ने कहा कि भारतीय दर्शन कैसे दुनियां का मार्गदर्शन कर सकता है , ये दीनदयाल उपाध्याय ने हमें सिखाया।आजादी के अमृतकाल में हम दीनदयाल उपाध्याय को जितना जानेंगे और उनसे जितना सीखेंगे , देश को उतना ही आगे लेकर जाने की प्रेरणा हम सबको मिलेगी। पीएम नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में नामीबिया से देश में लाये गये चीतों का जिक्र करते हुये कहा कि सत्तर साल बाद चीतों के देश में आने से देश के कोने-कोने से लोगों ने चीतों के लौटने पर खुशियां जताई हैं। सभी का सवाल है कि चीतों को देखने का अवसर कब मिलेगा। उन्होंने कहा कि चीतों के लिये एक टास्क फोर्स बनी है , जो इनकी निगरानी कर रही है। जैसे ही ये माहौल में घुल-मिल जायेंगे तो इन्हें देखने का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री ने मन की बात में माई गाव ऐप पर चीतों का नाम सुझाने के लिये कहा कि चीतों को लेकर जो हम अभियान चला रहे हैं , आखिर उसका नाम क्या होना चाहिये। यह बहुत अच्छा होगा यदि चीतों का नामकरण हमारी परंपराओं के अनुरूप हो। साथ ही सुझाव दें कि इंसानों को जानवरों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिये ? इस प्रतियोगिता में भाग लें और हो सकता है कि आप चीतों को देखने वाले पहले व्यक्ति हों। पीएम ने कहा भारत के अलग-अलग समुदायों और विविधताओं से भरी संस्कृति को यहां फलते-फूलते देखा जा सकता है। इतना ही नहीं , इन तटीय इलाकों का खानपान लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है। लेकिन इन मजेदार बातों के साथ ही एक दुखद पहलू भी है। हमारे ये तटीय क्षेत्र पर्यावरण से जुडी कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमारे त्योहारों के साथ देश का एक नया संकल्प भी जुड़ा है। यह संकल्प ‘वोकल फॉर लोकल’ का है। आने वाले दो अक्टूबर को बापू की जयंती के मौके पर इस अभियान को और तेज करने का संकल्प लेना है। खादी, हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट इन सारे प्रोडक्ट के साथ लोकल सामान जरूर खरीदें। उन्होंने कहा वोकल फार लोकल अभियान इसलिये भी ख़ास है क्योंकि आज़ादी के अमृत महोत्सव के दौरान हम आत्मनिर्भर भारत का भी लक्ष्य लेकर चल रहे हैं जो सही मायने में आज़ादी के दीवानों को एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मन की बात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज भारत पैरा-स्पोर्ट्स में नई ऊंचाइयों को छू रहा है , जिसे हमने कई टूर्नामेंटों में देखा है। ऐसे कई लोग हैं जो विकलांगों के बीच फिटनेस संस्कृति को बढ़ावा देने , उनके आत्मविश्वास को मजबूत करने के लिये जमीन पर काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने आगे कहा हमने देखा है त्योहारों पर पैकिंग के लिये पॉलिथीन बैग्स का भी बहुत इस्तेमाल होता रहा है। स्वच्छता के पर्वों पर पॉलिथीन जो कि एक नुकसानकारक कचरा है। ये भी हमारे पर्वों की भावना के खिलाफ है। इसलिये हम स्थानीय स्तर पर बने हुये नान प्लास्टिक बैग्स का ही इस्तेमाल करें। हमारे यहां टके, सूत के , केले के, ऐसे कितने ही पारंपरिक बैग का चलन एक बार फिर से बढ़ रहा है। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम त्योहारों के अवसर पर इनको बढ़ावा दें, और स्वच्छता के साथ अपने और पर्यावरण के स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। उन्होंने स्वच्छता और दूसरी कमुनिटी एक्टिविटिज और शहर के सौन्दर्यीकरण पर काम करने वाली बेंगलुरू की टीम यूथ फार परिवर्तन की सराहना की। प्रधानमंत्री ने कहा दुनियां अब इस बात को स्वीकार कर चुकी है कि फिजिकल और अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिये योग बहुत ज्यादा कारगर है। विशेषकर डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से जुड़ी मुश्किलों में योग से बहुत मदद मिलती है। योग की ऐसी ही शक्ति को देखते हुये 21 जून को संयुक्त राष्ट्र ने अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाना तय किया हुआ है। अब संयुक्त राष्ट्र ने भारत के एक और प्रयास को चिन्हित किया है, उसे सम्मानित किया है। ये प्रयास है वर्ष 2017 में शुरू किया गया – भारत उच्च रक्तचाप नियंत्रण पहल। पीएम ने कहा जो या तो सुन नहीं पाते या बोलकर अपनी बात नहीं रख पाते , ऐसे साथियों के लिये सबसे बड़ा सम्बल होती है “साईन लेंग्वेज”। भारत में बरसों से एक बड़ी दिक्कत ये थी कि साईन लेंग्वेज के लिये कोई स्पष्ट हाव-भाव तय नहीं थे ना ही कोई मानक था। इन मुश्किलों को दूर करने के लिये ही वर्ष 2015 में इंडियन साईन लेंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर की स्थापना हुई थी। मुझे खुशी है कि ये संस्थान अब तक दस हजार शब्द और एक्सप्रेसंस की शब्दकोष तैयार कर चुका है। उन्होंने कहा गुजरात में 29 सितम्बर से आयोजित नेशनल गेम्स में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों को मेरी बहुत-बहुत शुभकामनायें। आप सब भी नेशनल गेम्स को जरूर फॉलो करें और अपने खिलाड़ियों का हौसला बढायें कोविड महामारी की वजह से पिछली बार के आयोजनों को रद्द करना पड़ा था। इस बार खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिये मैं उनके बीच में ही रहूंगा। पीएम मोदी ने देशवासियों को सोमवार से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रि की शुभकामनायें देते हुये कहा कि इस समय देश में चारों ओर उत्सव की रौनक है। कल नवरात्रि का पहला दिन है , इसमें हम देवी के पहले स्वरूप ‘मां शैलपुत्री’ की उपासना करेंगे। यहां से नौ दिनों का नियम-संयम और उपवास , फिर विजयदशमी का पर्व भी होगा। यानि एक तरह से देखें तो हम पायेंगे कि हमारे पर्वों में आस्था और आध्यात्मिकता के साथ-साथ कितना गहरा संदेश भी छिपा है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और संयम से सिद्धि की प्राप्ति और उसके बाद विजय का पर्व, यही तो जीवन में किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने का मार्ग होता है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ में आजादी का अमृत महोत्सव के साथ साथ सर्जिकल स्ट्राइक की भी चर्चा की और कहा कि जीवन के संघर्षों से तपे हुये व्यक्ति के सामने कोई भी बाधा टिक नहीं पाती।प्रधानमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव में ‘दत्तक’ कार्यक्रम के तहत गाँवों को गोद लेने और बीमारियों के विषय में जागरूक कराने वाले मेडिकल कॉलेज स्टूडेंट्स की सराहना की। बताते चलें 28 अगस्त को ‘मन की बात’ के पिछले एपिसोड में पीएम मोदी ने देशवासियों से कुपोषण मिटाने में मदद का आह्वान किया था।मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की 92वीं कड़ी में पीएम मोदी ने देशवासियों से अपने विचार साझा करते हुये जल को मानवता का ‘परम मित्र’ और जीवनदायिनी बताया था। अमृत सरोवर सहित जल संरक्षण की दिशा में किये जा रहे विभिन्न प्रयासों का जिक्र करते हुये पीएम ने कहा था कि इस अभियान के तहत कई जगहों पर पुराने जलाशयों का कायाकल्प भी किया जा रहा है। साथ ही देशवासियों से आग्रह किया कि वे आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले गुमनाम नायक-नायिकाओं की कहानी बच्चों को जरूर दिखायें।