छुरा क्षेत्र में हुई बैठक में कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप, समाज को एकसूत्र में पिरोने का आह्वान
छुरा (गंगा प्रकाश)। आगामी 2 दिसंबर 2025 को राजिम मेला मैदान में होने वाले जिला स्तरीय गीता जयंती महोत्सव एवं सम्मान समारोह को लेकर छुरा विकासखंड के सर्व यादव समाज ने व्यापक तैयारियां शुरू कर दी हैं। सोमवार को गायत्री मंदिर सभा हाल में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में समाज के वरिष्ठजनों, युवा प्रतिनिधियों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कर कार्यक्रम को भव्य बनाने का संकल्प लिया।
बैठक का मुख्य उद्देश्य—गीता जयंती महोत्सव को यादगार बनाना, समाज की एकता को मजबूती देना और विभिन्न वर्गों में बंटे यादव समाज को एक सूत्र में बांधने की दिशा में ठोस पहल करना—रहा।
जिला स्तरीय महोत्सव में होगा यादवी शंखनाद
2 दिसंबर को यादव समाज भवन, राजिम मेला मैदान में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को इस बार विशेष रूप से यादवी शंखनाद नाम दिया गया है, जो समाज की एकजुटता, संस्कृति और शक्ति का प्रतीक माना जा रहा है।
कार्यक्रम में ठेठवार, कन्नौजिया, भोरथिया, कोषरिया, झेरिया, मगधा, देशहा सहित सभी प्रमुख यादव उपवर्गों के समाज प्रमुख और प्रतिनिधि संयुक्त रूप से शामिल होंगे। बैठक में उपस्थित पदाधिकारियों ने कहा कि यह आयोजन न केवल सम्मान समारोह होगा, बल्कि वर्षों से समाज में व्याप्त वर्गीय सीमाओं को समाप्त कर एक “सर्व यादव समाज” के निर्माण की दिशा में ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
छुरा की बैठक में खुलकर रखे गए विचार
गायत्री मंदिर सभा हाल में हुई इस बैठक में समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने कहा कि आज समय की मांग है कि सभी वर्गीय विभाजनों को त्यागकर एकजुटता को प्राथमिकता दी जाए। समाज की समृद्धि, युवाओं की प्रगति और सांस्कृतिक धरोहर के संरक्षण के लिए एक सशक्त एवं संगठित समाज की आवश्यकता पर बल दिया गया।
युवा वर्ग और महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर अपने सुझाव दिए। उनका कहना था कि यदि समाज को मजबूत बनाना है तो प्रत्येक गांव, प्रत्येक परिवार को इस आयोजन में शामिल करना होगा। इससे सामाजिक एकता को नई दिशा और नई ऊर्जा मिलेगी।
सभी विकासखंडों से अधिकतम भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर
बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि जिले के सभी विकासखंडों के प्रत्येक गांव से समाज के पुरुषों, महिलाओं और युवाओं की अधिकतम सहभागिता सुनिश्चित की जाए। इसके लिए टीम गठित कर गांव-गांव जाकर आमंत्रण व जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया गया।
पदाधिकारियों ने कहा कि गीता जयंती केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि समाज की विचारधारा, धर्मशास्त्र और नैतिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का अवसर है। इस अवसर पर समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाएगा।
एक समाज – एक पहचान के संकल्प को मिली सहमति
बैठक में सबसे महत्वपूर्ण चर्चा समाज की एकता पर केंद्रित रही। वर्षों से विभिन्न उपवर्गों में बंटे यादव समाज को एक ही मंच पर लाने के प्रयासों की खुले मन से सराहना की गई।
क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने कहा कि यह आयोजन समाज की “एक पहचान – एक यादव समाज” की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि जब समाज एकजुट होगा तभी युवाओं का मार्गदर्शन, महिलाओं की सुरक्षा व सम्मान, शिक्षा और रोजगार के अवसरों का विस्तार, तथा सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण संभव है।
कार्यक्रम की तैयारियां तेज, उत्साह चरम पर
बैठक में समिति के पदाधिकारियों ने तैयारी संबंधी रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। मंच व्यवस्था, अतिथि सत्कार, सांस्कृतिक कार्यक्रम, वाहनों की व्यवस्था, समाज के झंडे-वैनर, प्रचार-प्रसार, सुरक्षा एवं अनुशासन समिति जैसे सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
युवा विंग ने बताया कि सोशल मीडिया के माध्यम से भी कार्यक्रम का प्रचार-प्रसार तेजी से किया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक लोग कार्यक्रम से जुड़ सकें।
महिला वर्ग की सक्रिय भागीदारी
बैठक में मौजूद महिलाओं ने कहा कि समाज के उत्थान में महिला शक्ति की भूमिका महत्वपूर्ण है। गीता जयंती महोत्सव में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल होकर सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता दर्ज कराएंगी।
अंत में लिया गया सर्वसम्मति से संकल्प
बैठक के अंत में उपस्थित सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से संकल्प लिया कि 2 दिसंबर को राजिम मेला मैदान में आयोजित यादवी शंखनाद कार्यक्रम को जिले का सबसे सफल और ऐतिहासिक आयोजन बनाया जाएगा। प्रत्येक गांव, प्रत्येक घर से सूचना पहुंचाकर समाज के हर वर्ग की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।



