सुकमा। समावेशी शिक्षा के प्रभावी क्रियान्वयन के उद्देश्य से विकासखंड सुकमा में बीआरसी कार्यालय द्वारा 24 एवं 25 नवंबर को दो दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. मंडावी एवं जिला मिशन समन्वयक उमाशंकर तिवारी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। दोनों दिनों के प्रशिक्षण में विकासखंड के सात स्कूलों से 80 सामान्य एवं 80 दिव्यांग छात्र-छात्रा मिलाकर कुल 160 बच्चों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सामान्य एवं दिव्यांग बच्चों के बीच शैक्षणिक और सामाजिक समावेशन को मजबूत करना रहा। ज़्यादा जानें भारतीय राजनीति पर पुस्तकें धर्म अध्यात्म प्रौद्योगिकी गैजेट्स ई-पेपर सदस्यता ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा राज्य समाचार फोटो कहानियाँ व्यापार समाचार पत्रिका बिहार समाचार हिंदी समाचार पत्र सदस्यतापहले दिन वातावरण निर्माण विषय पर कार्यशाला हुई जिसमें मास्टर ट्रेनर द्वारा बच्चों को समावेशी शिक्षा, परस्पर सहयोग तथा 21 प्रकार की दिव्यांगताओं की विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर समावेशी शिक्षा सहायक कार्यक्रम समन्वयक रजनीश ने विशेष रूप से उपस्थित होकर बच्चों को प्रेरित किया। दूसरे दिन आउट ऑफ स्कूल गैप आइडेंटिफिकेशन विषय पर प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इसमें बच्चों को स्कूल से बाहर रहने वाले साथियों की पहचान, उन्हें शिक्षण से जोड़ने तथा संवेदनशील व्यवहार अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। विकासखंड शिक्षा अधिकारी शैलेंद्र सिंह भदोरिया ने प्रशिक्षण में उपस्थित होकर सामान्य बच्चों को दिव्यांग साथियों का स्कूल परिसर में सहयोग करने हेतु प्रेरित किया। कार्यशाला के दोनों दिवसों में बच्चों ने सक्रिय सहभागिता करते हुए समावेशी शिक्षा के सिद्धांतों को समझा और विद्यालय में सहयोगपूर्ण वातावरण बनाने का संकल्प लिया।



