राष्ट्रपति ने की मैसूर दशहरा उत्सव का उद्घाटन

अरविन्द तिवारी 

मैसूर (गंगा प्रकाश)- महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज कर्नाटक के मैसूर में दशहरा उत्सव का उद्घाटन किया। उन्होंने चामुंडी हिल्स में देवी चामुंडेश्वरी की पूजा-अर्चना की और देशवासियों के कल्याण के लिये उनका आशीर्वाद लिया। राष्ट्रपति ने अपने भाषण की शुरूआत कन्नड़ में की और लोगों को शुभकामनायें दी। महामहिम मुर्मू ने बाद में हिन्दी में संबोधित करते हुये कहा कि विजयदशमी महिषासुर पर देवी चामुंडेश्वरी की विजय का पर्व है। यह त्योहार महिलाओं की शक्ति का भी प्रतीक है। नवरात्रि और दशहरा उत्सव पर और राज्य के नागरिकों को बधाई देते हुये उन्होंने  कहा कि इस तरह के त्योहार भारतीय समाज को एक साथ बांधते हैं और विविधता में एकता का उदाहरण देते हैं। मैसूर दशहरा एक ऐसा त्योहार है, जो भारत की समृद्ध संस्कृति के गौरव को उजागर करता है। महामहिम ने कहा कि कर्नाटक वह भूमि भी है, जो भारत की समृद्ध आध्यात्मिक परंपराओं को दर्शाती है। उन्होंने बौद्ध और जैन परंपराओं के साथ राज्य के संबंध पर फोकस करते हुये कहा कि शंकराचार्य, सूफीवाद, और सामाजिक सुधार आंदोलन शुरू करने वाले बसवन्ना और अन्य विभूतियों ने 12 वीं शताब्दी में अपने “वचन” के माध्यम से “अनुभव मंडप” की स्थापना की थी। राष्ट्रपति ने कहा कि कर्नाटक ने लंबे समय तक ‘भक्ति’, समानता, लोकतंत्र और महिला सशक्तिकरण के आदर्शों को कायम रखा है। राष्ट्रपति ने नवरात्रि के दौरान “नवदुर्गा” की पूजा को नारीत्व के उत्सव के रूप में वर्णित किया और कहा कि देवी की पूजा ‘जो दया और बलिदान की प्रतीक है, साथ ही अन्याय और अहंकार का विनाशक भी है। उन्होंने औपनिवेशिक शक्तियों के साथ संघर्ष में रानी अब्बाक्का देवी तथा रानी चेन्नमा की, और हैदरअली के सैनिकों का मुकाबला करने वाली चित्रदुर्ग की ओंके ओबव्वा की भूमिका का स्मरण किया। राष्ट्रपति ने कहा कि संतों ने त्यौहारों के माध्यम से समाज को एकजुट किया है और रामायण तथा महाभारत जैसे धर्मग्रंथों ने लोगों का मार्गदर्शन किया है। इस अवसपर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और शोभा करंदलाजे व राज्य मंत्रिमंडल के कई मंत्री भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री बोम्मई ने अपने संबोधन में कहा कि इस वर्ष दशहरा त्यौहार दो वर्षों के बाद बड़ी धूम-धाम से मनाया जा रहा है। पिछले दो वर्ष कोविड महामारी के कारण यह त्यौहार नहीं मनाया जा सका था। उन्होंने दशहरा पर्व के उद्घाटन के लिये आमंत्रण स्वीकार करने के लिए राष्ट्रपति का आभार व्यक्त किया। उद्घाटन समारोह के बाद राष्ट्रपति हुब्बल्ली के लिये रवाना हो गईं। उन्होंने धारवाड़ में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान के नये कैंपस का उद्घाटन किया। वहीं राष्ट्रपति आज मंगलवार को बैंगलुरु में हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड की एकीकृत क्रायोजेनिक ईंजन निर्माण संयंत्र का शुभारंभ करेंगी। वे वर्चुअल माध्यम से क्षेत्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान का शिलान्यास भी करेंगी। राष्ट्रपति मुर्मू सैंट जोसेफ विश्वविद्यालय का उद्घाटन करेंगी। यहां से बुधवार को उनका वापस दिल्ली आने का कार्यक्रम है।बताते चलें राष्ट्रपति के रूप में किसी भी राज्य की यह उनकी पहली यात्रा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का तीन दिवसीय कर्नाटक दौरा आज से शुरू हो गया है। सोमवार सुबह वह मैसूर पहुंचीं, जहां मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने उनकी अगवानी की।

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