
अरविन्द तिवारी
बेंगलुरु (गंगा प्रकाश)- राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज दक्षिण क्षेत्र के आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह जानकर अच्छा लगा कि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी को विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहयोगी प्रयोगशालाओं में से एक के रूप में नामित किया गया है। उन्होंने आगे कहा मुझे यह जानकर खुशी हुई कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद ने प्रभावी कोविड प्रबंधन के लिये अनुकरणीय समर्थन प्रदान किया है और अपने अनुसंधान बुनियादी ढांचे का विस्तार कर रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी), पुणे भी वायरोलॉजी के क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ाने के लिये हर संभव कदम उठा रहा है। राष्ट्रपति ने कहा विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में मांगों को पूरा करने के लिये देश भर में क्षेत्रीय परिसरों के माध्यम से राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान का विस्तार प्रशंसनीय है। उन्होंने देश के मानव इतिहास में देश में निर्मित टीकों के साथ सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि महामारी से निपटने में, हमारी उपलब्धियां कई विकसित देशों की तुलना में बेहतर रही हैं। इस उपलब्धि के लिये हम अपने वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, नर्सों, पैरामेडिक्स और टीकाकरण से जुड़े कर्मचारियों के आभारी हैं। इस मौके पर स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ० भारती प्रवीण पवार भी मौजूद थीं।