
सूझ-बूझ से दोबारा राजी कर लिया एसडीएम ने,भरोसा भी दिलाया जिन कारणों से बेवजह परेशानी बढ़ती है उसकी पुनरावृत्ति इस सीजन में नही होने देंगे….
देवभोग(गंगा प्रकाश):-देवभोग में संचालित 8 सहकारि समिति के कर्मचारियो ने आज बैठक आहूत कर शुरू होने जा रहे धान खरीदी प्रक्रिया में शामिल नहीं होने का निर्णय लिया।फिर ज्ञापन लेकर एसडीएम अर्पिता पाठक के दफ्तर पहूचे जिसमे उन्होंने 2023 में होने वाले धान खरीदी प्रक्रिया में शामिल नहीं करने की मांग रखते हुए कारणों का जिक्र भी किया।एसडीएम ने समिति कर्मचारियों की बात को पुरी गम्भीरता से सुनने के बाद,सहकारी विभाग के अफसरों से तत्काल बात किया,फिर भरोसा दिलाया कि आने वाले सीजन में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा।एसडीएम ने बताया कि समिति कर्मचारीयो ने जिन समस्याओं का जिक्र किया था, उसकी जानकारी व समाधान पर चर्चा किया गया है।वे काम करने के लिए दोबारा राजी हो गए हैं।

30 लाख भरना पड़ा था समितियों को
बीते सीजन में खरीदी खत्म होने के बाद धान उठाव कर अंतिम मिलान किया गया तो 8 समितियों में लगभग 30 लाख कीमत का वजन में कमी आया था।इसकी वसूली समिति के कर्मचारियों से हुई।वसूली के लिए पुलिसिया दबाव भी बनाया गया था,इसी दबाव पूर्वक कार्यवाही से आहत कर्मचारीयो ने इस बार धान खरीदी से दूर रहने का मन बना लिया था।

मार्च के बजाए अगस्त तक होता है उठाव
आहत कर्मियों ने एसडीएम को सौपे गए ज्ञापन में सुखत के वाजिब कारणों को गिनाया है।बताया कि 31 मार्च तक समिति में खरीदी किये गए धान का उठाव अनुबंध के मूताबिक हो जाना होता है,पर यंहा अगस्त तक उठाव होते रहता है।17 प्रतिशत तक नमी के बजाए ख़रीदी के वक़्त 15 प्रतिशत नमी को भी ख़रीदी करने दबाव बनाया जाता है।उठाव तक धान सुख जाता है।

परिवहन के दरम्यान कमी,खामियाजा समिति को
समिति कर्मियों ने बताया कि राइसमिल की संख्या कम होने से खरीदी धान के अधिकांश भाग उपार्जन केंद्र भेजना पड़ता है।जिसकी दूरी 160 किमी से ज्यादा होती है।स्थानीय धर्मकांटा में वजन कर ट्रक को रवाना किया जाता है,पर वँहा जाकर दोबारा तौल होते ही 24 घण्टे में ही वजन में भारी अंतर आ जाता है,रास्ते मे गड़बड़ी की संभावना जताया,पर इसका खामियाजा भी समिति को भुगतना पड़ता है।यह भी मांग रखा कि,खरीदी प्रक्रिया में प्रसाशन अपने एक कर्मचारी को प्रभारी नियुक्त करता है,जिसे परिवहन होते तक जवाबदार माना जाना चाहिए।