सूरत शहर में होता है श्रम का सम्मान – पीएम मोदी

अरविन्द तिवारी  

सूरत/भावनगर(गंगा प्रकाश)- नवरात्रि के चल रहे समारोहों के दौरान गुजरात में बुनियादी ढांचे, खेल और आध्यात्मिक स्थलों की आधारशिला रखना मेरे लिये सौभाग्य की बात है। सूरत शहर लोगों की एकजुटता और जनभागीदारी, दोनों का बहुत ही शानदार उदाहरण है। हिन्दुस्तान का कोई प्रदेश ऐसा नहीं होगा जिसके लोग सूरत की धरती पर ना रहते हों , यानि एक प्रकार से यह मिनी हिन्दुस्तान है। सूरत की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह शहर श्रम का सम्मान करने वाला शहर है। यहां टैलेंट की कद्र होती है , प्रगति की आकांक्षायें पूरी होती हैं। आगे बढ़ने के सपने साकार होते हैं। जो सबसे बड़ी बात जो विकास की दौड़ में पीछे छूट जाता है यह शहर उसे ज्यादा मौका देता है। उसका हाथ थामकर आगे ले जाने का प्रयास करता है। सूरत की यही स्प्रिट आजादी के अमृतकाल में विकसित भारत के लिये बड़ी प्रेरणा है।

                उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 3400 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न परियोजनाओं की  शिलान्यास और उद्घाटन करने के बाद सूरत की  खास बातों का जिक्र करते हुये कही। उन्होंने लोगों को नवरात्रि की शुभकामनायें दीं। फिर यहां के स्वादिष्ट खानपान की ओर इशारा करते हुये कहा ‘वैसे नवरात्रि के समय मेरे जैसे व्यक्ति के लिये सूरत आना अच्छा लगता है। उन्होंने हंसते हुवे कहा लेकिन नवरात्रि का व्रत चल रहा हो तब सूरत आना कठिन लगता है। सूरत आओ और सूरती खाना खाये बिना जाओ..।पीएम मोदी ने सूरत की जनसभा में कहा कि बीते दो दशकों से विकास के जिस पथ पर सूरत चल पड़ा है, वो आने वाले सालों में और तेज़ होने वाला है। यही विकास आज डबल इंजन सरकार पर विश्वास के रूप में झलकता है। जब विश्वास बढ़ता है, तो प्रयास बढ़ता है। और सबका प्रयास से राष्ट्र के विकास की गति तेज होती है। पीएम ने इस दौरान कहा कि एयरपोर्ट से शहर को जोड़ने वाली सड़क जो बनी है वो सूरत की संस्कृति , समृद्धि और आधुनिकता को दर्शाती है। लेकिन यहां अनेक साथी ऐसे हैं जिन्होंने एयरपोर्ट के लिये भी हमारे लंबे संघर्ष को देखा है, उसका हिस्सा भी रहे हैं। उन्होंने कहा तब जो दिल्ली में सरकार थी, हम उनको बताते-बताते थक गये कि सूरत को एयरपोर्ट की जरूरत क्यों है, इस शहर का सामर्थ्य क्या है। आज देखिये कितनी ही फ्लाइट्स यहां से चलती हैं , कितने लोग हर रोज यहां एयरपोर्ट पर उतरते हैं।प्रधानमंत्री ने कहा कि सूरत के लोग वो दौर कभी भूल नहीं सकते , जब महामारियों को लेकर बाढ़ की परेशानियों को लेकर यहां दुष्प्रचार को हवा दी जाती थी। यहां के व्यापारियों से मैंने एक बात कही थी कि अगर सूरत शहर की ब्रांडिंग को गई तो हर सेक्टर , हर कंपनी की ब्रांडिंग अपने आप हो जायेगी। आज सूरत के सभी लोगों ने ऐसा कर के दिखा दिया है। मुझे खुशी है कि आज दुनियां के सबसे तेजी से विकसित होते शहर में सूरत का नाम है। पीएम ने कहा सूरत के कपड़ा और हीरा कारोबार से देश भर के अनेक परिवारों का जीवन चलता है। ड्रीम सिटी प्रोजेक्ट जब पूरा हो जायेगा तो सूरत, विश्व के सबसे सुरक्षित और सुविधाजनक डायमंड ट्रेडिंग हब के रूप में विकसित होने वाला है। सूरत में कार्यक्रम के पश्चात पीएम मोदी भावनगर पहुंचे। यहां भी उन्होंने रोड शो किया और लगभग छह हजार करोड़ रूपये की परियोजनाओं की शुरुआत करते हुये दुनियां के पहले सीएनजी टर्मिनल और एक “ब्राउनफील्ड बंदरगाह” की आधारशिला रखी।

भावनगर का पोर्ट आत्मनिर्भर भारत की पहचान – पीएम मोदी

भावनगर में लोगों को संबोधित करते हुये पीएम मोदी ने कहा कि एक तरफ देश जहां आज़ादी के पचहत्तर वर्ष पूरे कर चुका है, वहीं इस साल भावनगर अपनी स्थापना के तीन सौ वर्ष पूरे करने जा रहा है। अपने तीन सौ वर्षों की अपनी इस यात्रा में भावनगर ने सतत विकास की, सौराष्ट्र की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अपनी पहचान बनाई है। पीएम ने कहा कि भावनगर समंदर के किनारे बसा जिला है। गुजरात के पास देश की सबसे लंबी कोस्टलाइन है। लेकिन आजादी के बाद के दशको में तटीय विकास पर उतना ध्यान ना दिये जाने की वजह से ये विशाल कोस्टलाइन एक तरह से लोगों के लिये बड़ी चुनौती बन गई थी। उन्होंने कहा कि बीते दो दशकों में गुजरात की कोस्टलाइन को भारत की समृद्धि का द्वार बनाने के लिये हमने ईमानदारी से प्रयास किया है। गुजरात में हमने अनेकों पोर्ट्स विकसित किये , बहुत से पोर्ट्स का आधुनिकीकरण कराया। आज गुजरात की कोस्ट लाइन, देश के आयात-निर्यात में बहुत बड़ी भूमिका निभाने के साथ ही लाखों लोगों को रोजगार का माध्यम भी बनी है। आज गुजरात की कोस्टलाइन, री-न्यूएबल एनर्जी और हाईड्रोजन इकोसिस्टम का पर्याय बनकर उभर रही है। पीएम ने कहा कि भावनगर का ये पोर्ट आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका निभायेगा और रोज़गार के सैकड़ों नए अवसर यहां बनेंगे। यहां भंडारण, ट्रांसपोर्टेशन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े व्यापार-कारोबार का विस्तार होगा। वहीं उन्होंने कहा कि लोथल हमारी विरासत का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जिसको पूरी दुनियां के पर्यटन नक्शे पर लाने के लिए बहुत परिश्रम किया जा रहा है। लोथल के साथ वेलावदर नेशनल पार्क में इको टूरिज्म से जुड़े सर्किट का लाभ भी भावनगर को होने वाला है, विशेष रूप से छोटे बिजनेस को होने वाला है। गौरतलब है कि अपने दो दिवसीय गुजरात दौरे के प्रथम दिवस प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज सूरत के लिंबायत एयरपोर्ट पर उतरे जहां मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सी०आर० पाटिल ने  उनका स्वागत किया इसके बाद प्रधानमंत्री रोड शो के जरिये नीलगिरी ग्राउंड पर पहुंचे। इससे पहले उन्होंने रोड शो में सड़क पर खड़े लोगों को अभिभावदन स्वीकार किया। फिर यहां नीलगिरी ग्राउंड में उन्होंने सूरत की उपलब्धियों का बखान करते हुये 3400 करोड़ रुपये से भी अधिक की सौगात दी। इनमें जल आपूर्ति और जल निकासी परियोजनायें , ड्रीम सिटी, जैव विविधता पार्क और अन्य विकास परियोजनायें जैसे सार्वजनिक आधारभूत संरचना, विरासत बहाली, सिटी बस/बीआरटीएस आधारभूत संरचना, और इलेक्ट्रिक वाहन आधारभूत संरचना के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त परियोजनायें शामिल हैं। सूरत के बाद पीएम मोदी भावनगर पहुंचे , यहां भी उन्होंने रोड शो किया। पीएम मोदी ने भावनगर में लगभग 6,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की शुरुआत की और दुनियां के पहले सीएनजी टर्मिनल और एक ‘ब्राउनफील्ड बंदरगाह’ की आधारशिला रखी। इसके बाद उन्होंने अहमदाबाद में 36 वें राष्ट्रीय खेल महाकुंभ का शुभारंभ किया और उसके बाद गरबा कार्यक्रम में भी शामिल होकर राजभवन में रात्रि विश्राम किये।

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *