68 हजार 744 प्रकरणों का निपटारा, करीब 1 करोड़ रुपये के अवॉर्ड पारित
गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिला एवं अपर सत्र न्यायालय में आज न्याय की नई इबारत लिखी गई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देश पर आयोजित नेशनल लोक अदालत में हजारों पक्षकारों के वर्षों से लंबित प्रकरणों का समाधान हुआ। एक ही दिन में 68 हजार 744 प्रकरणों का निपटारा करते हुए 98 लाख 16 हजार 927 रुपये का अवॉर्ड पारित किया गया।
यह आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष एवं प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर श्री बलराम प्रसाद वर्मा के मार्गदर्शन और सचिव श्री अविनाश दुबे के निर्देशानुसार संपन्न हुआ।

कैसे हुआ इतना बड़ा निपटारा?
लोक अदालत के लिए विशेष रूप से तालुका विधिक सेवा समिति, गरियाबंद द्वारा 2 खण्डपीठ गठित की गई थीं। जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री बी.आर. साहू, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कु. सीमा कंवर, न्यायिक मजिस्ट्रेट वरिष्ठ श्रेणी श्रीमती कांची अग्रवाल, तथा न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री सचिन पॉल टोप्पो की पीठों के साथ ही राजस्व न्यायालयों में व्यापक पैमाने पर सुनवाई की गई।
खण्डपीठवार नतीजे:
- जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश बी.आर. साहू की पीठ – 94 मामलों का निपटारा, 77 लाख 64 हजार 2 रुपये का अवॉर्ड।
- मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कु. सीमा कंवर की पीठ – 143 प्रकरणों का निपटारा, 5 लाख 46 हजार 750 रुपये की राशि अदा।
- देवभोग न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती कांची अग्रवाल की पीठ – 408 प्रकरणों का निपटारा, 4 लाख 81 हजार 900 रुपये की राशि।
- राजिम न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री सचिन पॉल टोप्पो की पीठ – 588 मामलों का निपटारा, 10 लाख 24 हजार 275 रुपये की राशि।
राजस्व न्यायालयों में – 67,511 प्रकरणों का निपटारा।
सिर्फ अदालत ही नहीं, सेवाओं का भी मेला
- लोक अदालत के अवसर पर जिला एवं अपर सत्र न्यायालय परिसर में विभिन्न विभागों के स्टॉल भी लगाए गए।
- उद्यानिकी विभाग ने पक्षकारों को फलदार और फूलदार पौधों का वितरण किया।
- स्वास्थ्य विभाग ने पक्षकारों, अधिवक्ताओं और कर्मचारियों का स्वास्थ्य परीक्षण किया।
- बैंक, विद्युत विभाग और नगरपालिकाओं ने भी अपने-अपने स्टॉल लगाकर जनता को सेवाओं की जानकारी दी।
गरिमामयी उपस्थिति ने बढ़ाया आयोजन का महत्व
नेशनल लोक अदालत के शुभारंभ में विशेष अतिथि के रूप में कलेक्टर श्री भगवान सिंह उइके, अपर कलेक्टर श्री प्रकाश सिंह राजपूत, तथा तहसीलदार श्री चितेश देवांगन सहित अनेक प्रशासनिक और न्यायिक अधिकारी मौजूद रहे।
तालुका अध्यक्ष एवं अपर सत्र न्यायाधीश, एफटीएससी गरियाबंद श्री यशवंत वासनीकर, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश श्री बी.आर. साहू, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कु. सीमा कंवर ने कलेक्टर एवं अन्य अधिकारियों के साथ विभिन्न विभागों और बैंकों के स्टॉल का निरीक्षण किया तथा अधिक से अधिक मामलों के राजीनामा कर समाधान के लिए अधिकारियों को प्रेरित किया।
क्यों खास रहा यह आयोजन?
- वर्षों से लंबित प्रकरणों का एक दिन में निपटारा।
- पक्षकारों को राहत और आर्थिक मुआवजा।
- राजस्व, बैंकिंग और समरी मामलों में त्वरित न्याय।
- समाज में न्याय के प्रति विश्वास और आपसी समझौते की भावना को बल।
सफलता का श्रेय किसे?
इस लोक अदालत की सफलता में खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों, अधिवक्ता संघ के सदस्यों, न्यायालयीन कर्मचारियों, प्रीलिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले विभागीय अधिकारियों और सबसे बढ़कर पक्षकारों की भागीदारी रही।
गरियाबंद की यह नेशनल लोक अदालत न्याय और समाधान का ऐतिहासिक उदाहरण बन गई। यह आयोजन न केवल लंबित मामलों को खत्म करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हुआ, बल्कि न्यायपालिका और प्रशासन की संयुक्त पहल का जीवंत उदाहरण भी रहा।