गरियाबंद से बड़ी राजनीतिक खबर :“शिक्षा का युक्तिकरण नहीं, यह शिक्षकों और छात्रों का शोषण है” – कांग्रेस नेता राजेश साहू का भाजपा सरकार पर बड़ा हमला
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)।गरियाबंद से बड़ी राजनीतिक खबर: प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को लेकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर करारा हमला बोला है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश साहू ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि छत्तीसगढ़ में शिक्षा का स्तर दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है, और यह सरकार की विफल व जनविरोधी नीतियों का परिणाम है। उन्होंने कहा – “युक्तिकरण के नाम पर राज्य सरकार ने शिक्षकों और छात्रों का मानसिक शोषण शुरू कर दिया है। यह शिक्षा का विध्वंस है, सुधार नहीं।”

क्या कहा राजेश साहू ने?
राजेश साहू ने प्रदेश सरकार को केंद्र की कटपुतली सरकार बताते हुए कहा कि – “सरकार नई शिक्षक भर्ती तो भूल ही चुकी है, ऊपर से 2008 के शिक्षक सेटअप में भी मनमानी छेड़छाड़ कर रही है। स्कूलों से एक-एक पद कम किया जा रहा है, जिससे बचे-खुचे शिक्षक अत्यधिक कार्यभार के दबाव में मानसिक रूप से टूट चुके हैं। इसका सीधा असर पढ़ाई पर पड़ रहा है। छात्रों की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है।”
उन्होंने आगे कहा कि युक्तिकरण के नाम पर गांवों के स्कूलों की रीढ़ तोड़ी जा रही है।
“शिक्षकों का तबादला कर दिया जाता है, पर वहां पद खत्म कर दिए जाते हैं। छात्र भ्रमित हैं, पालक चिंतित हैं, और शिक्षा व्यवस्था प्रशासनिक प्रयोगशाला बनकर रह गई है।”
निजी स्कूलों पर भी लगाए गंभीर आरोप
राजेश साहू ने प्रेस बयान में निजी स्कूलों की मनमानी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा – “प्रदेश के निजी स्कूल हर साल मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं। RTE (राइट टू एजुकेशन) के तहत पढ़ने वाले गरीब बच्चों के साथ खुला अन्याय हो रहा है। सरकार इन स्कूलों पर कोई नियंत्रण नहीं रख पा रही है। यह लूट की छूट है।”
उन्होंने बताया कि –
- किसी भी निजी स्कूल में निगरानी समिति का गठन नहीं किया गया।
- RTE बच्चों को ड्रेस और किताबों की कोई सरकारी सुविधा नहीं दी जा रही।
- शासन की ओर से फंड तक जारी नहीं हुआ।
- हर साल पाठ्यक्रम में मामूली बदलाव कर नई किताबें थोप दी जाती हैं, जिससे पालकों पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है।
राजेश साहू ने तीखा सवाल किया – “क्या यह सब शासन की जानकारी के बिना हो रहा है? नहीं। यह एक संगठित लूट है, जिसमें शासन और निजी स्कूलों की मिलीभगत नजर आती है।”
युक्तिकरण: शिक्षा सुधार या विध्वंस?
कांग्रेस नेता ने युक्तिकरण नीति को ‘शिक्षा का भूकंप’ बताया। उन्होंने कहा – “इस नीति से गांव के स्कूल खाली हो रहे हैं। शिक्षक मानसिक तनाव में हैं। बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है, लेकिन सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए आंकड़ों की बाजीगरी दिखा रही है। यह प्रदेश के भविष्य के साथ खिलवाड़ है।”
राजेश साहू ने रखीं ये मांगें –
- युक्तिकरण पर तत्काल रोक लगाई जाए।
- निजी स्कूलों में निगरानी समितियों का गठन अनिवार्य किया जाए।
- RTE के बच्चों को किताब, ड्रेस और मूलभूत सुविधाएं तत्काल दी जाएं।
- फीस, किताब और यूनिफॉर्म के मामलों में सरकारी नियंत्रण लागू किया जाए।
आंदोलन की चेतावनी
राजेश साहू ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि – “अगर जल्द ही इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए तो कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। हम शिक्षकों, छात्रों और पालकों के साथ मिलकर बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे। शिक्षा बच्चों का अधिकार है, सरकार का सौदा नहीं। सरकार को याद रखना चाहिए कि अगर उसने शिक्षा के साथ खिलवाड़ बंद नहीं किया तो जनता जवाब देने तैयार बैठी है।”
कांग्रेस का सीधा संदेश
राजेश साहू का यह बयान भाजपा सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा के मुद्दे पर अब सड़कों पर उतरने से भी पीछे नहीं हटेगी।
प्रदेश में पहले से ही शिक्षकों की कमी, पदों का घटाया जाना और निजी स्कूलों की मनमानी जैसे मुद्दों को लेकर नाराजगी है।
ऐसे में राजेश साहू का यह तीखा बयान आने वाले समय में राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर सकता है।