CG: भीषण गर्मी में जल संकट के बीच हैंडपंप हेल्पर सुरेश और रोहित बने मसीहा
गांव-गांव मरम्मत कर रहे बिगड़े हैंडपंप, विभागीय अनदेखी के बीच दे रहे सेवा का अनुपम उदाहरण
वरिष्ठ टेक्नीशियन विमल सिन्हा और पंकज ध्रुव भी कर रहे सहयोग
क्षेत्रवासी कर रहे सम्मान की मांग, प्रशासन से उम्मीदें बढ़ीं
मैनपुर/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के सैकड़ों गांवों में जब भीषण गर्मी के कारण जल संकट गहराया, जब नदियां-नाले सूख गए, सरकारी नलजल योजनाएं दम तोड़ने लगीं और जिम्मेदार अधिकारी अपने वातानुकूलित दफ्तरों से बाहर नहीं निकले, तब दो साधारण लेकिन सेवा भावना से लबरेज़ लोग गांव-गांव आशा की किरण लेकर पहुंचे — ये हैं पीएचई विभाग के अनियमित कर्मचारी सुरेश कुमार सूर्यवंशी और रोहित कुमार सिन्हा।
ये दोनों हेल्पर अपने सीमित संसाधनों, बेहद मामूली वेतन (₹10,000 प्रतिमाह), और बिना किसी नियमित स्थायी सेवा के बावजूद लगभग 100 से 150 गांव और टोलों में पेयजल संकट को दूर करने में जुटे हुए हैं। जहां सरकारी तंत्र असफल नजर आया, वहां इनका समर्पण ही गांववालों के लिए संजीवनी बना।

दो दशक से ज्यादा की सेवा और न थमने वाला जज़्बा
सुरेश कुमार सूर्यवंशी वर्ष 1998 से और रोहित कुमार सिन्हा वर्ष 2014 से पीएचई विभाग में अनियमित हेल्पर के रूप में कार्यरत हैं। गर्मी के मौसम में जहां अधिकतर लोग दोपहर की चिलचिलाती धूप में घर से बाहर निकलने से परहेज करते हैं, वहीं ये दोनों ग्रामीण इलाकों की ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर दिन भर घूमते हैं, बिगड़े हैंडपंपों की मरम्मत करते हैं और ग्रामीणों को राहत पहुंचाते हैं।
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कभी साइकिल से दूर-दराज के गांवों तक सफर तय करने वाले ये कर्मचारी आज भी उसी जज़्बे और ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। इस साल की भीषण गर्मी में अब तक ये 100 से अधिक हैंडपंपों की मरम्मत कर चुके हैं।
तकनीकी सहयोगियों का भी अहम योगदान
इस अभियान में वरिष्ठ हैंडपंप टेक्नीशियन विमल सिन्हा और पंकज ध्रुव भी लगातार साथ दे रहे हैं। ये दोनों टेक्नीशियन कड़ी धूप और कठिन परिस्थितियों के बावजूद क्षेत्र के गांवों में मरम्मत कार्यों को अंजाम दे रहे हैं। कहीं पाइप टूटा है तो कहीं वाल्व जाम है, कहीं पूरा हैंडपंप ही धंस चुका है — हर समस्या का समाधान इनकी टीम मुस्तैदी से कर रही है।
सरकार की लचर व्यवस्था और ठेकेदारों की लापरवाही उजागर
विकासखंड मैनपुर में पेयजल आपूर्ति के लिए कई नलजल योजनाएं शुरू की गई थीं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि ठेकेदारों की लापरवाही और विभागीय उदासीनता के चलते अधिकांश योजनाएं ठप पड़ी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल अब सिर्फ हैंडपंपों पर निर्भर रह गया है। ऐसे में इन कर्मचारियों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।
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संजय नेताम की सक्रियता, क्षेत्रीय नेतृत्व भी कर रहा प्रयास
इस संकट की घड़ी में जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम भी अपनी भूमिका में सक्रिय हैं। वे लगातार व्हाट्सएप ग्रुपों और प्रत्यक्ष दौरे के माध्यम से ग्रामीणों की समस्याएं विभाग तक पहुंचा रहे हैं और समाधान के लिए दबाव बना रहे हैं। उनकी पहल से कई गांवों में तत्काल राहत पहुंचाई गई है।
सम्मान की उठी मांग
सामान्यतः अनदेखे रह जाने वाले ये कर्मचारी आज क्षेत्र की उम्मीद बन गए हैं। क्षेत्रवासियों ने कलेक्टर गरियाबंद और पीएचई विभाग के अधिकारियों से अनुरोध किया है कि सुरेश कुमार सूर्यवंशी और रोहित कुमार सिन्हा को जिला स्तर पर सम्मानित किया जाए। ग्रामीणों का कहना है कि यदि हर विभाग में ऐसे ईमानदार और समर्पित कर्मचारी हों तो विकास की धारा दूर-दराज के गांवों तक स्वतः ही बहने लगेगी।
छत्तीसगढ़ क्राइम्स परिवार और समस्त क्षेत्रवासी इन जज़्बे को नमन करते हैं और आशा करते हैं कि इनकी मेहनत को सिर्फ ताली बजाकर नहीं, बल्कि स्थायी सेवा, बढ़े हुए वेतन और प्रशासनिक सम्मान देकर सराहा जाए।