फर्जी शिकायत का हुआ पर्दाफाश, सोलर बिजनेस वेलफेयर ने खोली साजिश की पोल — क्रेडा अध्यक्ष सवन्नी के समर्थन में उठा उद्योगजगत, सीएम साय को पत्र लिख जताया विश्वास
रायपुर (गंगा प्रकाश)। फर्जी शिकायत का हुआ पर्दाफाश, छत्तीसगढ़ के ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत प्रतिष्ठित संस्था क्रेडा (छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी) के अध्यक्ष भूपेन्द्र सवन्नी के खिलाफ हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रसारित एक कथित भ्रष्टाचार की शिकायत को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। इस शिकायत को न सिर्फ गुमनाम और बेबुनियाद बताया गया है, बल्कि छत्तीसगढ़ सोलर बिजनेस वेलफेयर एसोसिएशन ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को पत्र लिखकर शिकायत को पूरी तरह फर्जी और दुर्भावनापूर्ण बताया है।

“ईमानदार नेतृत्व को बदनाम करने की साजिश”
संघ ने अपने पत्र में स्पष्ट कहा है कि इस शिकायत का कोई आधार नहीं है। यह न तो किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अधिकृत रूप से की गई है, न ही उसमें किसी शिकायतकर्ता का नाम, पता या संपर्क जानकारी दी गई है। इससे यह स्पष्ट होता है कि यह हरकत किसी शरारती और स्वार्थी तत्व द्वारा सुनियोजित साजिश के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ एक ईमानदार, नीतिगत और कर्मठ नेतृत्व को कलंकित करना है।
“सवन्नी ने क्रेडा को दी नई पहचान”
सोलर बिजनेस वेलफेयर एसोसिएशन ने अपने पत्र में जोर देकर कहा कि भूपेन्द्र सवन्नी के कार्यकाल में क्रेडा की छवि सुदृढ़ हुई है, और उन्होंने न सिर्फ संस्था की नीतियों को पारदर्शी बनाया, बल्कि राज्य के सौर ऊर्जा क्षेत्र को राष्ट्रीय मानचित्र पर नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया है।
संघ ने बताया कि राज्यभर में क्रेडा के साथ कार्यरत समस्त पंजीकृत ठेकेदार सवन्नी के नेतृत्व से संतुष्ट हैं और उनके कार्य की सराहना करते हैं।
“फर्जी शिकायतें ईमानदार अफसरों का मनोबल तोड़ने की कोशिश”
एसोसिएशन ने सीएम साय से मांग की है कि इस प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना और गुमनाम शिकायतों को गंभीरता से न लिया जाए, बल्कि इन्हें नस्तीबद्ध कर ऐसे प्रयासों की नकेल कसी जाए। एसोसिएशन का मानना है कि यदि इस तरह की बेबुनियाद शिकायतों को प्राथमिकता दी गई, तो इससे ईमानदारी से कार्य कर रहे अधिकारियों और संस्थाओं का मनोबल टूटेगा, और भ्रष्टाचार के विरुद्ध चल रही मुहिम कमजोर पड़ सकती है।
राजनीतिक मोड़ — पूर्व विधायक रंजना साहू का बड़ा हमला
भाजपा की तेजतर्रार नेत्री एवं प्रदेश प्रवक्ता रंजना साहू ने इस पूरे मामले में कांग्रेस पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि— “कांग्रेस की आदत है—झूठ बोलो, जोर से बोलो और बार-बार बोलो। लेकिन सच्चाई ज्यादा दिन छुपती नहीं। कांग्रेस अब सिर्फ फर्जी शिकायतों का सहारा लेकर ईमानदार नेतृत्व को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।”
रंजना साहू ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में हर विभाग में कमीशन का रेट फिक्स था। लेकिन अब जब भाजपा की विष्णु देव साय सरकार ने कार्यभार संभाला है, और नए निगम-मंडल अध्यक्षों ने पारदर्शी कार्यशैली को प्राथमिकता दी है, तो कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर आधारित कई लोगों के पाप के धंधे बंद हो चुके हैं।
“क्रेडा के खिलाफ गुमनाम शिकायत भी इसी बौखलाहट का नतीजा है,” — रंजना साहू
उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा की सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है और इस नीति के चलते कांग्रेस के कई “सुविधा भोगी” नेताओं और उनके संरक्षण में चल रहे काले खेल की पोल खुल रही है।
यह प्रकरण एक बार फिर दिखाता है कि कैसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता और निजी स्वार्थ ईमानदार और विकासोन्मुखी नेतृत्व पर कीचड़ उछालने से नहीं चूकते। लेकिन यह भी साफ हो गया है कि छत्तीसगढ़ की सरकार, उद्योग जगत और जनसमुदाय अब ऐसे हथकंडों से गुमराह नहीं होने वाले। भूपेन्द्र सवन्नी और क्रेडा का मजबूत कार्यनैतिक आधार ही उनके पक्ष में सबसे बड़ी गवाही बनकर खड़ा है।