11 वर्षों से नगरवासियों को दे रहा स्वास्थ्य का अमूल्य उपहार — छुरा में चल रही नि:शुल्क योग कक्षा बनी बदलाव की मिसाल
योगाचार्य मिथलेश कुमार सिन्हा के मार्गदर्शन में सैकड़ों लोग हो रहे लाभान्वित, रोग से मुक्ति से लेकर जीवनशैली में आ रहा क्रांतिकारी परिवर्तन
छुरा/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। 11 वर्षों से नगरवासियों को दे रहा स्वास्थ्य का अमूल्य उपहार — नगर छुरा में जहां भागदौड़ और तनावपूर्ण जीवनशैली ने आम नागरिक के स्वास्थ्य पर गहरी चोट की है, वहीं गायत्री मंदिर प्रांगण में विगत 11 वर्षों से योगाचार्य मिथलेश कुमार सिन्हा के नेतृत्व में संचालित निःशुल्क योग कक्षा लोगों के लिए एक संजीवनी बन गई है। हर सुबह प्रातः 6 से 7 बजे तक आयोजित इस जनकल्याणकारी योग कक्षा से न सिर्फ नगरवासी, बल्कि ऑनलाइन माध्यम से दूरदराज के योग साधक भी जुड़ रहे हैं और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अनुभव कर रहे हैं।

योग से मिली नई ऊर्जा, आत्मबल और रोगों से मुक्ति — साधकों के अनुभव
तुलसीराम जगत (पिपरछेड़ी) कहते हैं — “जब से मैं योगाचार्य मिथलेश सिन्हा जी के सानिध्य में योग कर रहा हूं, मेरी रोग प्रतिरोधक क्षमता में चमत्कारिक वृद्धि हुई है। शरीर में नई ऊर्जा का संचार होता है, और मैं पहले से कहीं ज्यादा स्वस्थ महसूस करता हूं।”
शिवचरण कमार (पिपरछेड़ी) ने भी योग से मिले मानसिक परिवर्तन को साझा करते हुए कहा — “हर दिन योग करने से मेरे भीतर की नकारात्मकता दूर हो गई है। दिनभर ऊर्जा से भरपूर महसूस होता है, और मानसिक तनाव जैसे शब्द अब मेरे जीवन से बाहर हो चुके हैं।”
युगल साहू, सचिव (आवासपारा) जो नियमित रूप से ऑनलाइन माध्यम से योग कक्षा में सम्मिलित होते हैं, बताते हैं — “योगाचार्य सिन्हा जी की क्लास के बाद दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। पाचन तंत्र में जबरदस्त सुधार हुआ है और थकान जैसी कोई बात ही नहीं रह गई है। यह अनुभव मेरे लिए अमूल्य है।”
चंद्रकांत यदु योग को सिर्फ एक शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि संस्कृति और धर्म से जुड़ाव मानते हैं।“यहां योग के साथ-साथ जीवन मूल्य, संस्कृति और भारतीय परंपरा का भी पाठ पढ़ाया जाता है, जिससे हमारी जीवन दृष्टि ही बदल रही है।”
कृष्णा यादव बताते हैं — “सिर्फ मेरे लिए नहीं, हमारे पूरे परिवार के लिए योग लाभदायक साबित हुआ है। खासकर सर्वाइकल जैसी समस्या में योग और आयुर्वेद के नुस्खों ने अद्भुत राहत दी है।”
नगर के प्रतिष्ठित नागरिकों को भी मिला लाभ
नगर सेठ शंकर सचदेव कहते हैं — “पहले चलने में दिक्कत होती थी, नींद नहीं आती थी, पाचन खराब रहता था — लेकिन योग से मेरी पूरी दिनचर्या में सुधार आया है। अब न शरीर थकता है और न मन।”
सबसे प्रेरणादायक अनुभव साझा किया नगर सेठ पवन कुमार सिन्हा ने — “मैं मधुमेह (डायबिटीज) से वर्षों से पीड़ित था। योगाचार्य मिथलेश सिन्हा जी के मार्गदर्शन और योग-नियमित दिनचर्या से आज मैं पूर्णतः नॉन-डायबिटिक हो चुका हूं। अब मैं स्वयं हेल्थ कोच बनकर अन्य लोगों को भी स्वस्थ जीवन जीने की प्रेरणा दे रहा हूं।”
योगाचार्य मिथलेश सिन्हा — एक साधक, एक शिक्षक, एक समाजसेवी
गायत्री मंदिर परिसर में बिना किसी शुल्क के 11 वर्षों से योग शिक्षा देने वाले मिथलेश कुमार सिन्हा निःस्वार्थ भाव से जनकल्याण को समर्पित हैं। उनका प्रयास न सिर्फ शरीर को स्वस्थ करने तक सीमित है, बल्कि जीवनशैली, मानसिकता और आत्मिक उन्नति तक को प्रभावित कर रहा है।
उनकी कक्षा में बच्चे, युवा, वरिष्ठ नागरिक, गृहिणियाँ से लेकर नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी और अधिकारी भी शामिल हैं। ऑनलाइन जुड़ने वालों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है।
छुरा नगर में चल रही यह नि:शुल्क योग कक्षा अब एक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। मिथलेश कुमार सिन्हा जी जैसे समर्पित योगाचार्य की प्रेरणा से यह स्पष्ट है कि यदि इच्छा हो, तो योग न सिर्फ बीमारियों से छुटकारा दिला सकता है, बल्कि समाज को स्वस्थ, समृद्ध और सशक्त भी बना सकता है।