CG: नरेंद्र देवांगन ने रचा इतिहास: 9वीं बार गरियाबंद जिला अधिवक्ता संघ की कमान संभाली, 18 वर्षों का अटूट प्रभाव
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। नरेंद्र देवांगनने रचा इतिहास:गरियाबंद न्यायिक परिसर आज सोमवार को ऐतिहासिक गवाह बना, जब वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र देवांगन ने जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष पद पर लगातार 9वीं बार विजय प्राप्त कर नया कीर्तिमान रच दिया। 18 वर्षों से जारी उनके नेतृत्व का यह ताजा अध्याय न केवल उनके प्रति अधिवक्ताओं के विश्वास को दर्शाता है, बल्कि संघ की कार्यदक्षता का भी परिचायक है।
कड़ा मुकाबला, निर्णायक जीत
इस बार चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए देवांगन का मुकाबला वरिष्ठ अधिवक्ता शिवदयाल साहू से था। कुल 57 अधिवक्ताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया, जिसमें नरेंद्र देवांगन को 33 वोट, जबकि शिवदयाल साहू को 24 वोट प्राप्त हुए। मतगणना के दौरान रोमांच चरम पर था। दो बार पुनर्मतगणना भी कराई गई, लेकिन अंतिम परिणाम में देवांगन ने 9 मतों के अंतर से निर्णायक जीत दर्ज की।

“यह जीत आपकी श्रद्धा का परिणाम है”
अपनी जीत पर अध्यक्ष देवांगन ने कहा – “यह पद, यह सम्मान, यह शक्ति – सब आप सभी अधिवक्ताओं की अटूट श्रद्धा और विश्वास का ही परिणाम है। मेरा संकल्प है कि 18 वर्षों की मेरी सेवा का लाभ आने वाले समय में हर अधिवक्ता को मिले और हमारा संघ न्यायिक क्षेत्र में उत्कृष्टता का प्रतीक बने।”
निर्वाचन अधिकारियों ने निभाई अहम भूमिका
इस चुनाव प्रक्रिया को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में निर्वाचन अधिकारी अधिवक्ता बी. आर. देवांगन तथा हरीश साहू की अहम भूमिका रही। दोनों अधिकारियों ने चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए निरंतर मेहनत की, जिसके लिए अधिवक्ताओं ने उनका आभार व्यक्त किया।
अन्य पदाधिकारियों की भी घोषणा
अध्यक्ष के साथ अन्य पदों पर भी चुनाव हुए, जिनमें कुछ निर्विरोध नियुक्तियाँ रहीं:
- उपाध्यक्ष: प्रशांत मानिकपुरी (निर्वाचित)
- सचिव: प्रदीप लम्बे (प्रतिस्पर्धात्मक)
- कोषाध्यक्ष: हेमराज दाऊ (प्रतिस्पर्धात्मक)
- सहसचिव: रमेश्वर निर्मलकर (निर्विरोध)
- देवभोग उपाध्यक्ष: घनश्याम पात्र (निर्विरोध)
सहसचिव और देवभोग उपाध्यक्ष पद के लिए किसी अन्य ने नामांकन नहीं किया, जिससे इनका निर्वाचन निर्विरोध हुआ। सचिव और कोषाध्यक्ष पद के लिए मुकाबला रोचक रहा, जिसमें युवा अधिवक्ताओं ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया।
मतदान का माहौल: उत्साह और गहमागहमी
मतदान और मतगणना के दौरान जिला न्यायालय परिसर पूरी तरह चुनावी रंग में रंगा दिखा। दोनों पक्षों के समर्थकों ने अपने उम्मीदवार के लिए पूरा जोर लगाया। परिणाम आने के बाद एएसोसिएशन हॉल में भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया, जिसमें नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं पदाधिकारियों को पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया। वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने उन्हें बधाई देते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।
आने वाला एजेंडा: CLE, कार्यशालाएँ, महिला सशक्तिकरण
अपनी प्राथमिकताओं पर बोलते हुए देवांगन ने कहा कि आगामी वर्ष में:
- Continuing Legal Education (CLE) के तहत नये कानूनों और न्यायिक प्रक्रियाओं पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों के अधिवक्ताओं के लिए विशेष कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी।
- महिला अधिवक्ताओं के सशक्तिकरण के लिए mentorship कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
- पूर्व अधिवक्ताओं का सम्मान समारोह भी संघ की प्राथमिकता में रहेगा।
उन्होंने जोर देकर कहा – “हमारा लक्ष्य है कि गरियाबंद का अधिवक्ता संघ सिर्फ़ संख्या में बड़ा न रहे, बल्कि कार्यक्षेत्र, प्रभाव और न्यायिक सुधार के मानकों में भी अग्रणी भूमिका निभाए।”
न्यायिक fraternity में बनी चर्चा
देवांगन की यह 9वीं जीत पूरे जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां उनके समर्थक इसे अनुभव और नेतृत्व की जीत मानते हैं, वहीं कुछ युवा अधिवक्ता इसे भविष्य के लिए चुनौती भी मान रहे हैं। बावजूद इसके, लगातार 18 वर्षों तक शीर्ष नेतृत्व संभालना गरियाबंद न्यायिक इतिहास की ऐतिहासिक घटना है, जिसने संघ की स्थिरता और संगठनात्मक शक्ति को मजबूत किया है।
यह चुनाव परिणाम बताता है कि नेतृत्व, सेवा और निरंतर विश्वास का कोई विकल्प नहीं होता। नरेंद्र देवांगन की यह ऐतिहासिक जीत न केवल अधिवक्ताओं के लिए, बल्कि पूरे न्यायिक तंत्र के लिए प्रेरक है, जो न्याय को सिर्फ़ पेशा नहीं बल्कि समाज सेवा और कर्तव्य मानते हैं।