CG: विद्या मंदिर लोहझर में शाला प्रवेश उत्सव बना प्रेरणा का पर्व
— अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति, शिक्षकों-विद्यार्थियों का उमंग भरा जोश और गाँव के सहयोग से रचा गया अनुकरणीय आयोजन

छुरा (गंगा प्रकाश)। विद्या मंदिर लोहझर में आज मगंलवार को शैक्षणिक सत्र 2025-26 के शुभारंभ के अवसर पर “शाला प्रवेश उत्सव” का आयोजन पूरे गरिमामय वातावरण में किया गया। यह आयोजन सिर्फ औपचारिकता नहीं था, बल्कि शिक्षा के प्रति समर्पण, सामुदायिक सहभागिता और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के संकल्प का सजीव चित्र बन गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे अशोक कुमार वर्मा, जो स्वयं इस विद्यालय के सेवा-निवृत्त प्रधान पाठक रह चुके हैं। वर्षों की सेवा और अनुभव के साथ उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा, “विद्यालय केवल पढ़ाई का स्थान नहीं बल्कि जीवन निर्माण की प्रयोगशाला है।”
कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के वर्तमान अध्यक्ष ईश्वर साहू ने की, जिन्होंने कहा कि शाला प्रवेश उत्सव केवल नए बच्चों का स्वागत नहीं, बल्कि पूरे गाँव के भविष्य को दिशा देने का उत्सव है।
गांव-समाज की भागीदारी, शिक्षा के पर्व को बनाया विशेष
विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे ग्राम पंचायत लोहझर के सरपंच यसवंत ठाकुर, जिन्होंने ग्रामीण विकास में शिक्षा की केंद्रीय भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा, “बच्चों को स्कूल भेजना ही नहीं, उन्हें शिक्षित बनाना हमारा सामाजिक उत्तरदायित्व है। गाँव तभी आगे बढ़ेगा जब बच्चे आगे बढ़ेंगे।”
साथ ही मंच को सुशोभित किया संकुल प्राचार्य गिरजा शंकर देवांगन एवं संकुल समन्वयक विनोद चंद्राकर ने, जिन्होंने शिक्षा गुणवत्ता में सुधार हेतु संकल्प दोहराया।
राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े भारत निषाद, उपाध्यक्ष, युवा मोर्चा (पूर्व मंडल पांडुका) एवं जितेंद्र यदु, जिला कार्यकारिणी सदस्य, भाजपा, भी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने शिक्षा के प्रति शासन-प्रशासन के प्रयासों की जानकारी दी और गाँव-समाज को मिलकर काम करने का आह्वान किया।
शिक्षक और समाजसेवियों की प्रेरक उपस्थिति
कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यगण विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनमें उपाध्यक्ष जगन्नाथ पटेल, दिलीप सूर्यवंशी, खेमराज सेन, पुरुषोत्तम गोस्वामी, परमेश्वर यादव, परमेश्वर गिरी, रेखराम बंदे, प्रमुख रूप से शामिल थे।
पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधान पाठक एच.एल. नायक, शिक्षकों में दिलीप कुमार सिंहा, खेमचंद पटेल और सदस्यगण उमा धुर्व, पलक गण, लेखू ठाकुर ने भी सहभागिता निभाई।
विद्यालय के शिक्षकों में भोज कुमार पटेल, राधेश्याम साहू, भूपेश कुमार यदु, गायत्री निर्मलकर, दुकाल भाई निषाद, सुमित्रा निषाद, विनीता साहू, खेमलाल चक्रधारी, उमेश्वर वर्मा, झाड़ू राम चक्रधारी, ओमप्रकाश बंजारे, राहुल मिरी पंच, तुलश निषाद आदि की उपस्थिति ने आयोजन को ऊर्जा दी।
बच्चों का स्वागत, नवप्रवेशी छात्रों को मिले तोहफे
इस अवसर पर नवप्रवेशी बच्चों का तिलक लगाकर, मिठाई खिलाकर तथा पाठ्य सामग्री भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया। विद्यार्थियों ने पारंपरिक वेशभूषा में स्वागत गीत, कविता पाठ एवं लघु नाट्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को जीवंत बना दिया। बच्चों की मुस्कान और उत्साह इस बात का प्रतीक था कि शिक्षा उनके लिए आनंद का विषय बन रही है।
भावनात्मक संचालन और प्रेरणादायक संवाद
कार्यक्रम का भावपूर्ण संचालन विद्या मंदिर के प्रधान पाठक डाहरू राम कोसले ने किया। उन्होंने श्रोताओं को विद्यार्थियों की शिक्षा, संस्कार और समाज में योगदान के महत्व से परिचित कराया। पूरे कार्यक्रम में अनुशासन, समयबद्धता और सौहार्द की झलक रही।
समापन और भविष्य की दिशा
कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों एवं शिक्षकों के साथ विद्यार्थियों और अभिभावकों का सामूहिक फोटो लिया गया। समापन पर विद्यार्थियों को पेन्सिल, पठन सामग्री और बिस्किट वितरित किए गए। अध्यक्ष ईश्वर साहू ने सभी का आभार व्यक्त किया और कहा, “इस विद्यालय को हम सब मिलकर शिक्षण, अनुशासन और संस्कृति का आदर्श केंद्र बनाएंगे।”
विश्लेषण: शिक्षा के पर्व में जनभागीदारी की मिसाल
शाला प्रवेश उत्सव लोहझर ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब समाज, प्रशासन और विद्यालय एक साथ कदम मिलाकर चलते हैं तो शिक्षा केवल व्यवस्था नहीं, एक जनांदोलन बन जाती है। यह आयोजन अन्य शालाओं के लिए एक प्रेरक उदाहरण है।