CG: योग बना वैश्विक आंदोलन, भारत की आध्यात्मिक पहचान को मिला विश्व मंच: सांसद रूपकुमारी चौधरी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से योग 190 से अधिक देशों में पहुंचा, 20,000 करोड़ की इंडस्ट्री में बदला भारतीय ज्ञान विज्ञान

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। योग बना वैश्विक आंदोलन,विश्व के मानचित्र पर भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान को स्थापित करने की दिशा में एक और मील का पत्थर जुड़ गया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर गरियाबंद सर्किट हाउस में आयोजित प्रेस वार्ता में महासमुंद लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और वैश्विक नेतृत्व के कारण आज योग एक अंतरराष्ट्रीय जनआंदोलन बन चुका है।
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उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान देने का प्रस्ताव रखा था, तो मात्र 3 महीनों के भीतर 193 में से 177 देशों ने इसका समर्थन किया था।
“यह न सिर्फ भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण था, बल्कि मोदी जी के नेतृत्व की वैश्विक स्वीकार्यता का भी उदाहरण है,” — सांसद चौधरी ने कहा।
योग दिवस 2025 की थीम — “One Earth, One Health”
इस वर्ष 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम है: “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ”। यह विषयवस्तु दर्शाती है कि योग केवल व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का साधन नहीं है, बल्कि यह समाज, प्रकृति और पर्यावरण के साथ एकात्मता का भी संदेश देता है।
सांसद चौधरी ने कहा,
“योग हमें यह सिखाता है कि हमारी सांसें भी प्रकृति से जुड़ी हैं। जब व्यक्ति अपने भीतर संतुलन पाता है, तभी समाज और पृथ्वी के साथ उसका रिश्ता भी संतुलित होता है। मोदी जी ने इसी संतुलन को वैश्विक भाषा दी है।”
योग: भारत की विरासत से वैश्विक बाज़ार तक
सांसद ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि आज योग केवल ध्यान और साधना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की अर्थव्यवस्था बन चुका है।
भारत से प्रशिक्षित 1 लाख से अधिक प्रमाणित योग शिक्षक आज विश्वभर के देशों में योग सिखा रहे हैं और इसे एक नई जीवनशैली के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
“पहले योग को भारतीय परंपरा मानकर लोग उससे कतराते थे, लेकिन अब अमेरिका, जापान, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में योग स्टूडियो की भरमार है,” सांसद ने कहा।
उन्होंने बताया कि योग भारत की 15,000 वर्ष पुरानी ज्ञान परंपरा का हिस्सा है, जो वेद, उपनिषदों और योगसूत्रों में प्रतिपादित है। यह शरीर को सजग, मन को स्थिर और आत्मा को उदात्त बनाता है।
गरियाबंद में भव्य स्तर पर मनाया जाएगा योग दिवस: विधायक रोहित साहू
प्रेस वार्ता में गरियाबंद विधायक रोहित साहू ने जिले में योग दिवस को लेकर की जा रही तैयारियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पूरे जिले में शासकीय कार्यालयों, स्कूलों, महाविद्यालयों, ग्राम पंचायतों और सामाजिक संगठनों के सहयोग से विशेष योग अभ्यास सत्र, जनजागरूकता रैली और प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए जाएंगे।
विधायक ने कहा,
“आज की भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जीवनशैली में योग ही वह साधन है, जो व्यक्ति को तनाव, थकान और अवसाद से बाहर निकाल सकता है।”
उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे योग को महज़ एक गतिविधि न समझें, बल्कि इसे अपनी दैनिक दिनचर्या और जीवन का मूलमंत्र बनाएं।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में हुआ संवाद
इस अवसर पर गरियाबंद नगर पालिका अध्यक्ष रिखीराम यादव, भाजपा जिला अध्यक्ष अनिल चंद्राकर, भाजपा पदाधिकारीगण, स्थानीय योग प्रशिक्षक और मीडिया प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। सभी ने एक मत से यह माना कि योग भारत का ऐसा अमूल्य उपहार है, जिसे अब विश्व अपनाकर लाभान्वित हो रहा है।
एक वरिष्ठ योग प्रशिक्षक ने बताया कि पहले लोग योग को “बुजुर्गों का अभ्यास” मानते थे, परंतु अब युवा पीढ़ी में भी फिटनेस से अधिक “मेंटल पीस” के लिए योग की ओर झुकाव बढ़ रहा है।
भारत की आत्मा की आवाज़ है योग
आज जब पूरी दुनिया पर्यावरण संकट, मानसिक तनाव और जीवनशैली जनित रोगों से जूझ रही है, तब योग एक सार्वभौमिक समाधान बनकर उभरा है। यह केवल कसरत नहीं, बल्कि जीवन जीने की भारतीय शैली है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में —
“योग भारत की प्राचीन परंपरा है, यह शांति और सद्भाव की संस्कृति को बढ़ावा देता है। योग केवल हमें जोड़ता नहीं, बल्कि हमें स्वयं से मिलवाता है।”
गरियाबंद से उठी यह आवाज़ अब एक वैश्विक अनुनाद बन चुकी है। भारत की मिट्टी में जन्मा योग अब धरती के हर कोने में सांस ले रहा है — और यह कोई संयोग नहीं, बल्कि संस्कृति से नीति तक की एक सफल यात्रा है।