Chhattisgarh Winter Session 2025 : रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र इस बार कई बड़े निर्णयों और नए प्रयोगों का गवाह बनने वाला है। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सत्र शुरू होने से पहले बताया कि 14 दिसंबर से नए सत्र की शुरुआत होगी और पहले ही दिन एक महत्वपूर्ण “नया प्रयोग” किया जाएगा।
CG : छोटे भाई ने की बड़े भाई की हत्या… आपसी विवाद में हसिया से किया वार…पति-पत्नी गिरफ्तार
पहले दिन पेश होगा ‘विजन 2047’ का प्रस्तुतिकरण
अध्यक्ष रमन सिंह के अनुसार, 14 दिसंबर को सत्र के पहले दिन पूरा समय विजन 2047 पर चर्चा को समर्पित रहेगा।
उन्होंने कहा:
“नई तैयारी के साथ नया सत्र शुरु होने वाला है। पहले दिन ‘विजन 2047’ का प्रस्तुतिकरण होगा और दिनभर छत्तीसगढ़ के विकास की कल्पना और योजनाओं पर चर्चा की जाएगी।”
इस विजन डॉक्यूमेंट में यह बताया जाएगा कि आने वाले 20–25 वर्षों में प्रदेश को किस दिशा में बढ़ाया जाना है।
जबरन धर्मांतरण पर सख्त कदम: सरकार लाएगी कठोर विधेयक
छत्तीसगढ़ में बढ़ती जबरन और प्रलोभन आधारित मतांतरण की शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार शीतकालीन सत्र में एक बड़ा विधेयक पेश करने जा रही है। सरकार नया मतांतरण विरोधी कानून लाने की तैयारी में है, जो मौजूदा छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1968 की जगह लेगा। पुराना कानून बहुत हल्का माना जाता था, जिसमें केवल 1 वर्ष की सजा और 5,000 रुपए जुर्माने का ही प्रावधान था।
नई प्रस्तावित सजा क्या होगी?
नए कानून में:
-
प्रलोभन
-
धोखाधड़ी
-
दबाव
-
किसी भी तरह की जबरदस्ती
से किए गए धर्मांतरण को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा। ऐसे मामलों में कठोर सजा और कड़ा दंड प्रस्तावित है।
9 राज्यों के कानूनों का अध्ययन कर तैयार हुआ नया कानून
सरकार ने इस विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए इन राज्यों के धर्म स्वतंत्रता अधिनियमों का अध्ययन किया:
-
ओडिशा
-
मध्यप्रदेश
-
उत्तर प्रदेश
-
और अन्य कुल 9 राज्य
नए मसौदे में 17 महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं।
आदिवासी क्षेत्रों में विवाद बढ़ा था
बस्तर, जशपुर, रायगढ़ जैसे आदिवासी इलाकों में प्रलोभन देकर धर्मांतरण के आरोप लंबे समय से विवाद का कारण रहे हैं। कई जगहों पर यह मुद्दा गुटीय संघर्ष का रूप ले चुका है और कानून-व्यवस्था पर भी असर डाला है। नया कानून इन विवादों पर रोक लगाने की दिशा में सरकार का बड़ा कदम माना जा रहा है।
शीतकालीन सत्र: कौन-कौन से मुद्दे रहेंगे प्रमुख?
-
‘विजन 2047’ का विस्तृत प्रस्तुतिकरण
-
नया मतांतरण विरोधी विधेयक
-
कानून-व्यवस्था और आदिवासी क्षेत्रों की स्थिति
-
राज्य के विकास रोडमैप और नीति चर्चाएँ
-
सामाजिक और आर्थिक सुधार एजेंडा
शीतकालीन सत्र 14 से 17 दिसंबर तक आयोजित होगा।



