इस्लामाबाद: भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और तुर्की की ओर से पाकिस्तान को दी गई हथियारों की गारंटी फेल हो जाने से इस तिकड़ी में बौखलाहट है। उधर पाकिस्तान को अब डर सता रहा है कि अगर अगली बार भारत ने हमला किया तो अब किसके हथियार के भरोसे जंग लड़ेंगें?….बता दें कि तुर्की के ड्रोन और चीन की मिसाइलों व फाइटर प्लेन भी भारत का कुछ बिगाड़ नहीं सके। इससे पाकिस्तान का भरोसा अब तुर्की और चीन से उठ चुका है। लिहाजा पाकिस्तान को दोबारा भरोसा दिलाने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन ने अपने 2 मंत्रियों को एक साथ इस्लामाबाद भेजा है।
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तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान और रक्षा मंत्री यासिर गुलेर रक्षा उद्योग बुधवार को पाकिस्तान पहुंचे हैं, जहां वह सहयोग समेत पारस्परिक हितों से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ चर्चा करेंगे। इस दौरान पाकिस्तान को तुर्की अपने हथियारों पर दोबारा भरोसा दिलाने के लिए इस्लामाबाद से चर्चा कर सकता है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की के सारे ड्रोन और अन्य हथियार पाकिस्तान को गच्चा दे गए थे। चीन के हथियार भी फुस्स साबित हुए। इससे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में तुर्की और चीन के हथियारों की भारी बेइज्जती भी हुई और उनके बाजार मूल्य भी गिर गए।
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किन मुद्दों पर होगी बात
तुर्की के रक्षा और विदेश मंत्री के एक साथ इस्लामाबाद पहुंचने से साफ है कि उनकी डील पाकिस्तान के साथ रक्षा क्षेत्र में होनी है। रेडियो पाकिस्तान की खबर के अनुसार, आधिकारिक कार्यक्रमों के दौरान साझा हितों से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। खबर में कहा गया है, “यह यात्रा पाकिस्तान और तुर्की के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारस्परिक विश्वास पर आधारित करीबी संबंधों को दर्शाती है।” सूत्रों ने कहा कि दोनों द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय मुद्दों और रक्षा उद्योग सहयोग पर प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ चर्चा भी करेंगे। तुर्की के पाकिस्तान के साथ मजबूत संबंध हैं और मई में भारत के साथ सैन्य टकराव के दौरान तुर्की ने उसके प्रति समर्थन जताया था।