गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान पर अब सवालों के तीर विपक्ष से नहीं, जनता के बीच से भी उठने लगे हैं। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ स्टेट वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद चंदूलाल साहू ने कांग्रेस पर तीखा व्यंग्य करते हुए कहा है कि कांग्रेस में संगठन नहीं, भ्रष्टाचार सृजन अभियान चल रहा है।
श्री साहू ने कहा कि कांग्रेस में जिला अध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया इतनी उलझी हुई और संदिग्ध है कि पीएससी-यूपीएससी की परीक्षा भी इसके आगे आसान लगती है। उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर जारी गुटबाजी और पैसों के लेन-देन के आरोपों ने राहुल गांधी के महत्वाकांक्षी संगठन सृजन अभियान की पोल खोल दी है।

उन्होंने कहा — कांग्रेस चार-चार चुनावों में हारने के बाद आत्ममंथन नहीं, अवसरवाद का खेल खेल रही है। अब पार्टी में पद नहीं बांटे जा रहे, बल्कि बोली लगाई जा रही है।
श्री साहू ने कांग्रेस के पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा सह प्रभारी जरिता लेतफलांग पर लगाए गए ‘पैसे मांगने’ के आरोप का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना कांग्रेस के भ्रष्ट डीएनए का जीता-जागता उदाहरण है।
उन्होंने तंज कसा — कांग्रेस का राजनीतिक इतिहास अगर पलटकर देखें तो वह किसी भ्रष्टाचार गाथा से कम नहीं। सत्ता में हों तो घोटाले, विपक्ष में हों तो सौदे—यह कांग्रेस की स्थायी पहचान बन चुकी है।

पूर्व सांसद ने कहा कि कांग्रेस के नेता आज भी जनता को भ्रमित करने में लगे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि पार्टी के अंदर ही निष्ठा, विचार और ईमानदारी की कब्र खोद दी गई है।
श्री साहू ने कहा — राहुल गांधी को अब ‘संगठन सृजन अभियान’ का नाम बदलकर ‘संपर्क-सौदा अभियान’ रख देना चाहिए, क्योंकि कांग्रेस में पद का निर्धारण अब योग्यता नहीं, जेब की गहराई तय करती है।
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस के भीतर जो कुछ हो रहा है, वह लोकतंत्र के लिए खतरे की घंटी है। जब कोई पार्टी अपने ही कार्यकर्ताओं के अधिकारों की नीलामी करने लगे, तो समझ लीजिए जनता के अधिकारों की रक्षा उससे संभव नहीं।
साहू ने कहा कि जनता सब जानती है, सब देख रही है। कांग्रेस की कथनी-करनी का अंतर ही उसकी दुर्दशा का कारण है। भ्रष्टाचार में डूबी पार्टी जब नैतिकता की बात करे, तो लोकतंत्र खुद शर्मिंदा होता है।

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