नई दिल्ली। भारत के प्रमुख और सबसे बड़े त्योहार दीपावली को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी मान्यता मिली है। UNESCO ने दीपावली को अपनी अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सूची में आधिकारिक रूप से शामिल कर लिया है। यह उपलब्धि भारत की संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिक मूल्यों को वैश्विक पहचान दिलाने वाला ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है।
भारत के लिए बड़ी सांस्कृतिक उपलब्धि
दीपावली न केवल भारत का प्रमुख त्योहार है बल्कि विश्वभर में बसे भारतीय समुदायों द्वारा भी यह पर्व बड़े उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाता है। UNESCO की सूची में शामिल होने के बाद दीपावली को एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता मिली है, जिससे इसकी प्रतिष्ठा और भी बढ़ गई है।
पीएम मोदी ने कहा—‘दीपावली हमारी सभ्यता की आत्मा’
इस महत्वपूर्ण घोषणा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा:
“भारत और दुनिया भर में लोग इस खबर से उत्साहित हैं। दीपावली हमारी सभ्यता की आत्मा है। यह प्रकाश, धर्म और सकारात्मकता का प्रतीक है।”
पीएम मोदी ने आगे कहा कि दीपावली भारत की संस्कृति, जीवन दर्शन और मूल्यों से गहराई से जुड़ा है। UNESCO द्वारा मिली यह मान्यता विश्व मंच पर दीपावली की लोकप्रियता को और बढ़ाएगी।
मानवता को मार्ग दिखाते रहेंगे प्रभु श्रीराम के आदर्श
प्रधानमंत्री ने कहा कि दीपावली केवल उत्सव नहीं, बल्कि सत्य, धर्म और अच्छाई की विजय का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम के आदर्श सदैव मानवता को मार्गदर्शन देते रहेंगे, और यह वैश्विक सम्मान उन मूल्यों को दुनिया के सामने और अधिक सशक्त रूप से प्रस्तुत करेगा।
भारत की सांस्कृतिक धरोहर को मिला वैश्विक सम्मान
UNESCO की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में शामिल होना किसी भी परंपरा या त्योहार के लिए सर्वोच्च अंतरराष्ट्रीय मान्यताओं में से एक माना जाता है। दीपावली के शामिल होने से भारत की सांस्कृतिक विरासत जगमगा उठी है।
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