विज्ञान केंद्र, आदिवासी संग्रहालय और वीर नारायण सिंह संग्रहालय में मिला ज्ञान, विज्ञान, संस्कृति व इतिहास का जीवंत अनुभव
छुरा (गंगा प्रकाश)। राष्ट्रीय आविष्कार अभियान के प्रारंभिक स्तर अंतर्गत गरियाबंद जिले के 100 चयनित विद्यार्थियों एवं 10 शिक्षकों का दल रायपुर स्थित विज्ञान केंद्र, आदिवासी संग्रहालय एवं शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय के शैक्षणिक भ्रमण पर रवाना हुआ। यह भ्रमण राज्य परियोजना कार्यालय के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी जगजीत सिंह धीर एवं जिला मिशन समन्वयक शिवेश कुमार शुक्ला के मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। भ्रमण दल का नेतृत्व एपीसी विल्सन पी. थॉमस द्वारा किया गया।
इस भ्रमण में विज्ञान एवं गणित विषय में रुचि रखने वाले विद्यार्थियों का विशेष रूप से चयन किया गया, ताकि उन्हें पुस्तकों से बाहर निकलकर विज्ञान, संस्कृति एवं इतिहास का प्रत्यक्ष अनुभव मिल सके।
रायपुर विज्ञान केंद्र में वैज्ञानिक सोच का व्यावहारिक अनुभव
भ्रमण का पहला पड़ाव रायपुर विज्ञान केंद्र रहा, जहां विद्यार्थियों को विभिन्न वैज्ञानिक मॉडल, उपकरण और इंटरएक्टिव प्रदर्शनों को करीब से देखने व समझने का अवसर मिला। छात्रों ने प्रकाश, ध्वनि, ऊर्जा, गति, चुंबकत्व, गुरुत्वाकर्षण और मानव शरीर से जुड़े वैज्ञानिक सिद्धांतों को प्रत्यक्ष प्रयोगों के माध्यम से जाना।
यहां बच्चों ने ऊर्जा संरक्षण, अपवर्तन, घूर्णन और संतुलन जैसे सिद्धांतों को खेल-खेल में समझा, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि विज्ञान केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि जीवन का अभिन्न हिस्सा है।
3D तारामंडल शो बना आकर्षण का केंद्र
विज्ञान केंद्र में आयोजित 3D तारामंडल शो विद्यार्थियों के लिए सबसे रोमांचक अनुभव रहा। इस शो में छात्रों को सौरमंडल, ग्रहों की संरचना, नक्षत्रों की चाल, अंतरिक्ष की उत्पत्ति और उपग्रहों की भूमिका के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई।
बच्चों ने अंतरिक्ष यात्रा, ग्रहों की दूरी और तारों की गति को लेकर उत्सुकता से प्रश्न पूछे, जिनका वैज्ञानिकों ने सरल भाषा में समाधान किया।
विज्ञान पार्क में खेल-खेल में सीख
प्राकृतिक वातावरण में बने विज्ञान पार्क में विद्यार्थियों ने बड़े आकार के वैज्ञानिक मॉडलों पर स्वयं प्रयोग किए। यहां गति, बल, ध्वनि और संतुलन के सिद्धांतों को उन्होंने व्यावहारिक रूप में अनुभव किया, जिससे सीखने की प्रक्रिया अधिक रोचक और प्रभावी बनी।
आदिवासी संग्रहालय में संस्कृति और परंपरा की जीवंत झलक
भ्रमण का अगला पड़ाव आदिवासी संग्रहालय, रायपुर रहा, जहां विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ की समृद्ध जनजातीय संस्कृति से रूबरू होकर गहरी जानकारी प्राप्त की।
यहां विभिन्न जनजातियों के पारंपरिक घर, दैनिक जीवन, लोक कलाएं, वेशभूषा, आभूषण, मुखौटे, चित्रकला, हस्तशिल्प और वाद्ययंत्र प्रदर्शित किए गए थे।
विद्यार्थियों ने जाना कि किस प्रकार जनजातीय जीवन प्रकृति संरक्षण, सामूहिकता, श्रम और परंपराओं से जुड़ा हुआ है। इस संग्रहालय ने बच्चों को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य किया।
शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय में देशभक्ति की प्रेरणा
भ्रमण का अंतिम पड़ाव रहा शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय, जो छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता सेनानी वीर नारायण सिंह को समर्पित है। यहां विद्यार्थियों ने उनके संघर्ष, बलिदान और अंग्रेजों के विरुद्ध चलाए गए आंदोलनों की दुर्लभ जानकारी प्राप्त की।
संग्रहालय में सुरक्षित पांडुलिपियाँ, ऐतिहासिक दस्तावेज, चित्र और उस काल की वस्तुएं देखकर बच्चों को छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम का जीवंत एहसास हुआ।
इस भ्रमण से विद्यार्थियों को साहस, त्याग, नेतृत्व और देशभक्ति के मूल्यों की गहरी समझ मिली।
विद्यार्थियों की प्रतिक्रिया: “यह यात्रा जीवन भर याद रहेगी”
भ्रमण से लौटे विद्यार्थियों ने कहा कि यह यात्रा उनके लिए अविस्मरणीय रही, क्योंकि उन्हें एक ही दिन में विज्ञान, संस्कृति और इतिहास का सजीव अनुभव मिला। उन्होंने बताया कि अब वे विज्ञान को केवल विषय नहीं, बल्कि जीवन से जुड़ा हुआ मानने लगे हैं।
शिक्षकों और शिक्षा विभाग की सराहना
शिक्षकों ने कहा कि इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण से छात्रों की जिज्ञासा, अवलोकन शक्ति और समझ विकसित होती है। वहीं जिला शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि आगे भी इस प्रकार के शैक्षणिक भ्रमण नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों का समग्र विकास सुनिश्चित किया जा सके।
इनका रहा विशेष योगदान
इस शैक्षणिक भ्रमण में पीएमयू टीम से टाकेश्वरी साहू, देवेंद्र सिंह आसनी, चंद्रहास साहू, राष्ट्रीय आविष्कार अभियान नोडल अर्जुन धनंजय सिन्हा, सिम्मी विल्सन, दीपा वर्मा, सुदामा प्रसाद लोधी, लीलाकांत यदु, दिलीप भारती, लेखराम वर्मा, रंजू भोई, सुनील मेहर, रामेश्वरी ध्रुव, द्रोण कुमार साहू, छगन दीवान, नेतराम साहू, हेमलता जोशी सहित जिले के बाल वैज्ञानिक विद्यार्थी शामिल रहे।



