देवभोग/गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। गरियाबंद पुलिस ने एक बार फिर अपनी सख्त कार्यवाही से यह साबित कर दिया है कि कानून से बच निकलना अब आसान नहीं। थाना देवभोग पुलिस ने अवैध पशु परिवहन और पशुओं पर क्रूरता के मामलों में “एंड टू एंड” कार्रवाई करते हुए मुख्य सरगना चित्रसेन मेहरा को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी से घटना में प्रयुक्त एर्टिगा कार (क्रमांक OD 24 K 5470) जिसकी कीमत करीब 10 लाख रुपये है, उसे भी जब्त कर लिया है।
यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशन में चल रहे अवैध पशु परिवहन एवं पशु क्रूरता विरोधी विशेष अभियान के तहत की गई है, जिसके तहत लगातार अपराधियों पर शिकंजा कसा जा रहा है।
14 अक्टूबर को मिली थी पहली सफलता
थाना देवभोग पुलिस ने दिनांक 14 अक्टूबर 2025 को गुप्त सूचना के आधार पर की गई कार्रवाई में दो आरोपियों
(1) लक्ष्मण मेहरा पिता मोहन मेहरा (50 वर्ष),(2)हरि मेहरा पिता सनाधर मेहरा (46 वर्ष),दोनों निवासी ग्राम मेदना घाटीगुड़ा, थाना दबगांव, जिला नवरंगपुर (ओडिशा) को 19 नग कृषक पशुओं (बैल) के साथ पकड़ा था।
आरोपी बिना किसी वैध दस्तावेज के पशुओं को अवैध रूप से परिवहन कर रहे थे। जब पुलिस ने पूछताछ की, तो आरोपी दस्तावेज प्रस्तुत करने में असफल रहे। इसके बाद पुलिस ने अपराध क्रमांक 292/2025 दर्ज किया, जो कि धारा 4, 6, 10 छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004 एवं धारा 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के तहत पंजीबद्ध किया गया।
मुख्य सरगना तक पहुंची पुलिस की जांच
मामले की गहराई से विवेचना के दौरान जब पुलिस ने गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ की, तो पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। दोनों के बयान और मिले साक्ष्यों से पता चला कि इस अवैध परिवहन का मुख्य सरगना चित्रसेन मेहरा पिता सुकाला मेहरा (उम्र 27 वर्ष) है, जो ग्राम मेदना चाटीगुड़ा, थाना दबगांव, जिला नवरंगपुर (ओडिशा) का निवासी है।
इस जानकारी के बाद देवभोग पुलिस की विशेष टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए 20 अक्टूबर 2025 को आरोपी चित्रसेन को उड़ीसा के ग्राम मेघा चारीगुड़ा से गिरफ्तार कर लिया।

आरोपी का बड़ा खुलासा — पुलिस की नाक के नीचे चल रहा था खेल!
पूछताछ में आरोपी चित्रसेन ने चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने स्वीकार किया कि उसने ही दोनों आरोपियों को कृषक मवेशियों की खरीदी एवं परिवहन के लिए भेजा था।
साथ ही बताया कि वह एर्टिगा वाहन (OD 24 K 5470) का उपयोग मवेशियों को पैदल हांकने वाले मजदूरों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने और पुलिस की नजर से बचने के लिए रास्ते पर निगरानी रखने में करता था।
आरोपी की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त एर्टिगा कार को बरामद कर जब्त कर लिया है।
अब तक तीन गिरफ्तारियां, कड़ी निगरानी में पूरा नेटवर्क
देवभोग थाना पुलिस द्वारा अब तक इस प्रकरण में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है— (1) लक्ष्मण मेहरा पिता मोहन मेहरा (50 वर्ष) — गिरफ्तार दिनांक 14.10.2025, (2) हरि मेहरा पिता सनाधर मेहरा (46 वर्ष) — गिरफ्तार दिनांक 14.10.2025,(3)चित्रसेन मेहरा पिता सुकाला मेहरा (27 वर्ष) — मुख्य सरगना, गिरफ्तार दिनांक 20.10.2025
जप्ती के विवरण अनुसार— कुल 19 नग कृषक बैल (कीमत ₹1,90,000/-), एर्टिगा कार क्रमांक OD 24 K 5470 (कीमत लगभग ₹10 लाख)
वरिष्ठ अधिकारियों की प्रशंसा, पुलिस टीम को बधाई
इस सफलता पर गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा ने देवभोग थाना प्रभारी व संपूर्ण टीम की सराहना करते हुए कहा कि पशु क्रूरता एवं अवैध परिवहन के खिलाफ यह कार्रवाई अन्य अपराधियों के लिए स्पष्ट संदेश है कि ऐसे अपराधों में लिप्त कोई भी व्यक्ति अब नहीं बचेगा।
संदेश साफ है — अवैध कारोबारियों पर अब कोई रहम नहीं
देवभोग पुलिस की यह कार्यवाही न केवल अवैध पशु व्यापार पर रोक लगाने में मील का पत्थर साबित हो रही है, बल्कि इसने यह भी दिखाया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय अंतरराज्यीय गिरोहों तक पुलिस की पहुंच अब और अधिक सशक्त हो चुकी है।
गरियाबंद पुलिस ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि कानून का हाथ लंबा होता है — और जब बात पशुओं की क्रूरता की हो, तो कानून और भी सख्त हो जाता है।




