गरियाबंद – पत्रकारों पर रेत माफियाओं के हमले मामले में FIR दर्ज होने के बाद भी राजिम क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन और परिवहन जारी है. बकली में हो रहे अवैध रेत खनन की जानकारी पर आज खनिज विभाग और राजस्व विभाग ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए 2 चैन माउंटेन जब्त किया है.
बता दें, गरियाबंद जिले के पितईबंद घाट (पैरी नदी) में 9 जून 2025 (सोमवार) को अवैध रेत उत्खनन की रिपोर्टिंग करने गए पत्रकारों पर खदान संचालक के गुर्गों ने जानलेवा हमला किया था. गुर्गों ने न सिर्फ पत्रकारों के कैमरे और पहचान पत्र छीन लिए, बल्कि उन्हें दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. जान बचाने के लिए पत्रकारों को खेतों और खलिहानों में जाकर छिपना पड़ा था. रिपोर्टिंग करने गए पत्रकारों में इमरान मेमन, थानेश्वर साहू, जितेंद्र सिन्हा और अन्य मीडियाकर्मी शामिल थे.
सूचना के बाद भी नहीं पहुंची थी खनिज विभाग की टीम
कवरेज के दौरान जब पत्रकारों ने जारी अवैध रेत परिवहन की सूचना जिला खनिज अधिकारी को दी, तो खनिज विभाग की टीम नहीं पहुंची बल्कि कुछ ही देर में खदान संचालक के 7–8 गुर्गे वहां आ धमके. पहले उन्होंने पत्रकारों से बहस की, फिर कैमरा और ID छीन लिए और मारपीट शुरू कर दी. जब पत्रकारों ने भागकर जान बचाई, तो गुर्गे बाइक और स्कूटी से उनका पीछा करते रहे.
वीडियो संदेश के बाद ASP ने दिए कार्रवाई के निर्देश
घटना के तुरंत बाद पत्रकार इमरान मेमन ने मीडिया और प्रशासनिक अधिकारियों के ग्रुप में एक वीडियो संदेश भेजा था. इस घटना की सूचना मिलते ही कलेक्टर भगवान सिंह ने एसडीएम को मौके के लिए रवाना किया और एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने राजिम पुलिस को तत्काल भेजने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद राजिम पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की.
FIR की कॉपी:


पत्रकारों ने किया धरना प्रदर्शन
वहीं बीते दिन (12 जून) शाम 6 बजे पत्रकारों ने आरोपियों की गिरफ्तारी और राजिम इलाके में चल रहे सभी अवैध खदानों को बंद कराने की मांग को लेकर राजिम के सुंदर लाल शर्मा चौक में धरना प्रदर्शन किया. पत्रकारों की मांग है कि जानलेवा हमला करने वाले आरोपियों की गिरफ्तारीके साथ ही गुर्गों को इशारे में चलाने वाले माफियाओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाए. हमले से आहत पत्रकारों ने माइनिंग अधिकारी पर भी साठगांठ का आरोप लगाया है.
There is no ads to display, Please add some




