छुरा परिक्षेत्र के शिक्षकों, पत्रकारों, कलाकारों और समाजसेवियों को मिला “माता बहादुर क्लारीन सामाजिक शिक्षा रत्न सम्मान 2025”
रायपुर/छुरा (गंगा प्रकाश)। राजधानी रायपुर के शांतिनगर स्थित विमतारा पैलेस में रविवार को छत्तीसगढ़ कलार समाज के शिक्षा प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय “माता बहादुर क्लारीन अलंकार 2025” एवं “सामाजिक शिक्षा रत्न सम्मान 2025” समारोह गरिमा, भव्यता और उत्साह के साथ संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए समाज के शिक्षाविदों, पत्रकारों, कलाकारों, खिलाड़ियों, समाजसेवियों और उद्योगपतियों को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए अलंकरण एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

छुरा क्षेत्र की प्रतिभाओं ने बढ़ाया समाज का मान
गरियाबंद जिले के छुरा कलार समाज परिक्षेत्र की कई प्रतिभाओं ने इस राज्य स्तरीय आयोजन में समाज और क्षेत्र दोनों का नाम रौशन किया।
मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहे छत्तीसगढ़ कलार समाज के प्रांतीय अध्यक्ष युवराज सिन्हा, महासमुंद विधायक राजू सिन्हा, योग आयोग के अध्यक्ष रूपनारायण सिन्हा तथा समाज के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों ने मंच से इन विभूतियों को सम्मानित किया।
सम्मानित व्यक्तित्व और उनके योगदान
योगाचार्य मिथलेश सिन्हा (छुरा) — उन्हें “बहादुर क्लारीन स्वास्थ्य अलंकरण 2025” से सम्मानित किया गया। उन्होंने पिछले कई वर्षों से नि:शुल्क योग सेवा, स्वास्थ्य जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में निस्वार्थ कार्य करते हुए समाज में एक सकारात्मक संदेश दिया है।
पंडवानी गायिका पूनम (पूर्णिमा) सिन्हा (छुरा) — अपनी गायन कला और पंडवानी के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें “कला रत्न सम्मान 2025” प्रदान किया गया। उनकी आवाज़ और प्रस्तुति ने छत्तीसगढ़ी लोककला को नई ऊँचाइयाँ दी हैं।
पत्रकारिता क्षेत्र में विशेष उपलब्धियाँ — कुलेश्वर सिन्हा (वरिष्ठ पत्रकार), किशन सिन्हा (युवा पत्रकार), भूपेंद्र सिन्हा (जुझारू पत्रकार) इन तीनों को “छत्तीसगढ़ बहादुर क्लारीन पत्रकारिता सम्मान 2025” से नवाजा गया।
तीनों पत्रकारों ने ग्रामीण अंचलों की सच्ची और जनहितकारी रिपोर्टिंग के माध्यम से समाज और प्रशासन के बीच सेतु का कार्य किया है।
खेल अलंकार 2025 — खोमेश्वर सिन्हा को खेल के क्षेत्र में निरंतर योगदान और युवाओं को प्रेरित करने के लिए सम्मानित किया गया।
महिला सशक्तिकरण अलंकार 2025 — कुंती बाई सिन्हा को समाज में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और सामाजिक सरोकारों में सक्रिय भागीदारी के लिए यह सम्मान प्रदान किया गया।

समाज की एकता और गौरव का प्रतीक बना आयोजन
समारोह में समाज के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने एक स्वर में कहा कि इस तरह के आयोजन समाज में नई ऊर्जा, एकता और आत्मविश्वास का संचार करते हैं।
प्रांतीय अध्यक्ष युवराज सिन्हा ने अपने संबोधन में कहा — छत्तीसगढ़ कलार समाज आज हर क्षेत्र में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रहा है। समाज के प्रतिभाशाली सदस्य जिस समर्पण और ईमानदारी से कार्य कर रहे हैं, वह आने वाली पीढ़ी के लिए प्रेरणा है। ऐसे सम्मान समारोह समाज में नई दिशा और सोच का निर्माण करते हैं।
महासमुंद विधायक राजू सिन्हा ने भी कहा कि समाज का यह राज्य स्तरीय आयोजन न केवल सम्मान का अवसर है, बल्कि यह युवा पीढ़ी को उत्कृष्टता की ओर अग्रसर होने का आह्वान भी है।
अंत में हुआ आभार प्रदर्शन और संकल्प
कार्यक्रम के समापन सत्र में समाज के पदाधिकारियों ने सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया।
मंच से यह भी घोषणा की गई कि आगामी वर्ष में “माता बहादुर क्लारीन अलंकार 2026” समारोह और भी बड़े स्तर पर आयोजित किया जाएगा, ताकि समाज की और अधिक प्रतिभाओं को सम्मानित किया जा सके।
https://gangaprakash.com/crpf-jawan-suicide-on-duty-crpf-jawan-commits-suicide-reason-unknown/
समाज के स्वर्णिम भविष्य की झलक
राजधानी रायपुर में आयोजित यह सम्मान समारोह न केवल एक सांस्कृतिक और सामाजिक उत्सव बना, बल्कि उसने यह संदेश भी दिया कि — जहां समाज के लोग एकजुट होकर कार्य करते हैं, वहां पहचान, प्रगति और सम्मान अपने आप मिलते हैं।
छुरा परिक्षेत्र की प्रतिभाओं ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि गरियाबंद की माटी में योग, कला, पत्रकारिता और सेवा की वह भावना आज भी जीवित है, जो समाज और राज्य दोनों को आगे बढ़ाने की ताकत रखती है।




