CG: छुरा में बैंक घोटाले का पर्दाफाश: केसीयर नवीन बरिहा ने गबन किए ₹3.28 लाख, बैंक ने लौटाई समूहों की रकम
छुरा/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)।छुरा में बैंक घोटाले का पर्दाफाश: बैंकिंग सेक्टर में भरोसे की बुनियाद को हिला देने वाला मामला छुरा के बैंक ऑफ़ बड़ौदा शाखा से सामने आया है। यहां केसीयर पद पर कार्यरत कर्मचारी नवीन बरिहा ने गरीब महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों (SHG) की रकम में ₹3,28,200 का गबन कर लिया। बैंक जांच में यह मामला पूरी तरह साबित हुआ, जिसके बाद बैंक प्रबंधन ने तुरंत कार्यवाही करते हुए समूहों की पूरी रकम ब्याज समेत वापस कर दी।

कैसे हुआ गबन का खुलासा
वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान नवीन बरिहा बैंक में केसीयर पद पर कार्यरत थे। आरोप है कि वे समूहों से रकम वसूल कर बैंक में जमा नहीं करते थे। शाखा प्रबंधक सौविक दास ने जानकारी दी कि नवीन बरिहा समूहों से पैसा लेने के बाद रसीद तो काट देता था, लेकिन वह रकम बैंक खाते में नहीं डालता था। लंबे समय तक समूहों के खातों में पैसे जमा नहीं होने और रसीदों के मिलान में गड़बड़ी पाए जाने पर बैंक प्रबंधन को शक हुआ।
जांच में खुली पूरी पोल
जब मामला शाखा प्रबंधक के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे बैंक के उच्च कार्यालय को रिपोर्ट किया। बैंक के आंतरिक लेखा-परीक्षण दल ने विस्तृत जांच की। जांच रिपोर्ट में नवीन बरिहा के खिलाफ स्पष्ट आरोप सिद्ध हुए। बैंक प्रबंधन ने उन्हें नोटिस जारी किया लेकिन उन्होंने संतोषजनक जवाब प्रस्तुत नहीं किया। जांच में यह भी पाया गया कि केसीयर नवीन बरिहा ने अपने पूरे कार्यकाल में पद का दुरुपयोग करते हुए बार-बार इसी तरह की वित्तीय गड़बड़ियां की थीं।
फरार रहा आरोपी, बैंक ने की वसूली
आरोप सिद्ध होने के बाद बैंक ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की। बैंक अधिनियम के तहत राशि वसूली की कार्यवाही प्रस्तावित की गई। जांच के दौरान वह लंबे समय तक फरार भी रहा। बैंक अधिकारियों ने इस कृत्य को ‘गंभीर लापरवाही और विश्वासघात’ करार दिया है।
बैंक ने लौटाई रकम, बढ़ाया विश्वास
बैंक ऑफ़ बड़ौदा शाखा छुरा ने समूहों को उनका पैसा ब्याज समेत लौटाकर अपनी जिम्मेदारी निभाई। लौटाई गई कुल रकम ₹4,00,772.62 रही। इसमें मूलधन ₹3,28,200 और ब्याज ₹72,572.62 शामिल है। समूहवार रकम का विवरण इस प्रकार है:
समूह का नाम मूलधन (₹) ब्याज (₹)
- शारदा SHG कोड़ामाल 98,900 13,961.49
- महामाया SHG जामली 1,46,100 30,729.03
- भावना SHG कोड़ामाल 49,000 6,935.18
- बंजारी SHG मडेंली 30,000 4,024.12
- राधाकृष्णाSHG परसदाखुर्द 4,200 566.48
- लक्ष्मी SHG मूढ़ीपानी – 12,038.79
- सागर SHG नागिनबाहरा – 4,317.53
(लक्ष्मी व सागर SHG ने मूलधन की जानकारी के अभाव में ब्याज समेत रकम प्राप्त की)
राशि वापसी में सभी का योगदान
रकम वापसी की इस प्रक्रिया में शाखा प्रबंधक सौविक दास, हेड केसीयर चेतन निर्मलकर, केसीयर नरेश बंजारा, दैनिक कर्मचारी भेष यादव व दुर्गा साहू, बैंक सखी प्रभा साहू, और जनपद पंचायत के पंचायत इंस्पेक्टर कयाराम यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
सवालों के घेरे में बैंकिंग व्यवस्था
यह मामला बैंकिंग प्रणाली पर भी कई सवाल खड़े करता है। गरीब और ग्रामीण महिलाओं के समूहों की मेहनत की जमा पूंजी को एक केसीयर द्वारा हड़प लेना न केवल कानूनन अपराध है बल्कि नैतिक दृष्टि से भी घोर निंदनीय है। SHG महिलाओं का कहना है कि बैंक में उनकी मेहनत की कमाई सुरक्षित है, इस भरोसे को फिर से कायम करने के लिए बैंक द्वारा राशि लौटाना एक सकारात्मक कदम है।
आगे क्या
बैंक प्रबंधन का कहना है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए लेखा-परीक्षण प्रणाली को और मजबूत किया जाएगा। साथ ही गबन के आरोपी नवीन बरिहा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जारी रहेगी और रिकवरी की कार्रवाई भी बैंक अधिनियम के तहत पूरी की जाएगी।
इस प्रकरण ने साबित कर दिया कि यदि शाखा प्रबंधक और टीम सजग रहे, तो ऐसी वित्तीय धोखाधड़ी का समय रहते पर्दाफाश किया जा सकता है। यह मामला आने वाले दिनों में अन्य बैंक कर्मचारियों के लिए चेतावनी भी होगा कि बैंकिंग जैसे भरोसे के व्यवसाय में ईमानदारी से बड़ा कोई विकल्प नहीं।