गरियाबंद(गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले में सुरक्षाबलों को नक्सल विरोधी अभियान में ऐतिहासिक सफलता मिली है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों के संयुक्त ऑपरेशन में तीन दिन तक चली मुठभेड़ के बाद सुरक्षाबलों ने 10 बड़े कैडर नक्सलियों को मार गिराया। इनमें माओवादी संगठन का कुख्यात कमांडर मो़डेम बालाकृष्णा उर्फ मनोज (सीसी रैंक) भी शामिल है।

तीन दिन तक चला ऑपरेशन
जानकारी के अनुसार, 10 सितंबर से 12 सितंबर 2025 तक ई-30, एसटीएफ, सीएएफ एवं कोबरा 207 बटालियन की संयुक्त टीम ने थाना मैनपुर क्षेत्र के राजाडेरा मटाल पहाड़ी में सर्चिंग अभियान चलाया। खुफिया जानकारी के आधार पर रवाना हुई इस टीम पर घात लगाकर नक्सलियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। नक्सली सुरक्षाबलों को जान से मारने और हथियार लूटने की योजना बना रहे थे, लेकिन जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जबर्दस्त जवाबी कार्रवाई की। इस भीषण मुठभेड़ में 10 नक्सली मारे गए।
डीजीपी पहुंचे गरियाबंद, दी बधाई
गरियाबंद पुलिस की इस ऐतिहासिक सफलता पर छत्तीसगढ़ पुलिस के मुखिया डीजीपी अरूण देव गौतम स्वयं गरियाबंद पहुंचे। उनके साथ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (नक्सल ऑप्स) विवेकानंद सिन्हा, आईजी रायपुर रेंज अमरेश मिश्रा, बीएसएफ, सीआरपीएफ, कोबरा 207 और एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। पुलिस लाइन में आयोजित विशेष कार्यक्रम में डीजीपी ने कहा— “गरियाबंद पुलिस और सभी सुरक्षा बलों ने मिलकर नक्सल उन्मूलन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह सफलता जवानों की बहादुरी और कड़ी मेहनत का परिणाम है।”
जवानों के लिए रखा गया “बड़ा खाना”
इस अवसर पर पुलिस लाइन में एक बड़ा भोज (बड़ा खाना) आयोजित किया गया। इसमें डीजीपी अरूण देव गौतम, एडीजी विवेकानंद सिन्हा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी जवानों के साथ बैठे और भोजन किया। इस दौरान जवानों के हौसले और मनोबल को और ऊंचा उठाने के लिए उन्हें सम्मानित किया गया।
शहीदों को नमन, जवानों का उत्साह दोगुना
पुलिस महानिदेशक ने गरियाबंद पुलिस अधीक्षक निखिल राखेचा और पूरे ऑपरेशन में शामिल ई-30, एसटीएफ, सीएएफ और कोबरा 207 बटालियन के अधिकारियों व जवानों को बधाई देते हुए कहा कि नक्सलवाद की जड़ों को खत्म करने के लिए ऐसे ही दृढ़ संकल्प और समन्वय की जरूरत है। उन्होंने शहीद जवानों के बलिदान को भी नमन किया।