Masik Durgashtami 2025 : मासिक दुर्गाष्टमी 2025 हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पावन तिथि मानी जाती है। यह व्रत हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्तों की सभी बाधाएँ दूर होती हैं, साहस बढ़ता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।आज की मासिक दुर्गाष्टमी पर भक्त विशेष रूप से मां दुर्गा की उपासना करते हैं और व्रत रखकर उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी 2025: शुभ मुहूर्त
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तिथि प्रारंभ: आज (28 नवंबर 2025) सुबह शुक्ल अष्टमी
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पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय: प्रातःकाल से लेकर मध्याह्न तक
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व्रत संकल्प: सूर्योदय के बाद करना शुभ माना जाता है
मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा विधि (Masik Durgashtami Puja Rituals)
1. स्नान और संकल्प
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प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
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मां दुर्गा के सामने हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें।
2. मां दुर्गा की स्थापना
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लाल वस्त्र बिछाकर मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
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दीपक जलाएं और धूप, चंदन, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें।
3. दुर्गा चालीसा और मंत्र का जाप
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दुर्गा चालीसा, दुर्गा कवच या “ॐ दुं दुर्गायै नमः” मंत्र का जाप करें।
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कम से कम 108 बार मंत्र जप विशेष फलदायी माना गया है।
4. भोग लगाएं
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मिश्री, फल, खीर या गुड़ का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
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व्रत रखने वाले शाम को फलाहार कर सकते हैं।
5. आरती और प्रार्थना
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मां दुर्गा की आरती करें और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करें।
मासिक दुर्गाष्टमी पर भूलकर भी न करें ये गलतियाँ
1. तामसिक भोजन न करें
मांस, शराब, प्याज-लहसुन जैसे तामसिक पदार्थों से दूर रहें।
2. क्रोध और विवाद से बचें
इस दिन मन को शांत रखना और संयम बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
3. काले कपड़े न पहनें
काले वस्त्र इस दिन अशुभ माने जाते हैं—इसके स्थान पर लाल, पीले या सफेद वस्त्र पहनें।
4. महिलाओं का अनादर न करें
मां दुर्गा स्त्री शक्ति का स्वरूप हैं—इसलिए इस दिन किसी भी महिला के प्रति अपमानजनक व्यवहार से बचें।
5. अपवित्रता और नकारात्मकता से दूर रहें
घर और पूजा स्थान को स्वच्छ रखें।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
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इस व्रत से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है।
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जीवन में साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास बढ़ता है।
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परिवार में शांति और समृद्धि आती है।
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मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और स्वास्थ्य में सुधार आता है।



