छुरा(गंगा प्रकाश)। सांस्कृतिक रंगों और आत्मनिर्भरता के संदेश से सराबोर सारागांव मातार उत्सव में इस वर्ष कुछ खास देखने को मिला। जहां एक ओर मंच पर कलाकारों ने अपनी नृत्य प्रतिभा से दर्शकों का दिल जीता, वहीं दूसरी ओर वक्ताओं ने युवाओं को प्रेरणा दी कि अगर सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है तो व्यापार, व्यवसाय और उद्योग-धंधों के माध्यम से अपनी पहचान बनाएं।
मुख्य मंच पर उपस्थित छत्तीसगढ़ शासन के लघु वन उपज प्रदेश प्रतिनिधि एवं पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष श्री देवसिंह रात्रे ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा — एक समय था जब सारागांव को सबसे ज्यादा सरकारी कर्मचारियों और व्यापारिक गतिविधियों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब उस रफ्तार में ठहराव आ गया है। आज जरूरत है कि युवा फिर से उसी जोश और मेहनत के साथ आगे आएं, रोजगार के नए रास्ते खोजें और गांव की आर्थिक रीढ़ को मजबूत बनाएं।
श्री रात्रे ने आगे कहा कि यदि किसी कारणवश युवाओं को सरकारी नौकरी नहीं मिल पा रही है, तो उन्हें हताश होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार और बैंक दोनों मिलकर युवाओं को व्यवसाय और स्टार्टअप के लिए ऋण सुविधा और नाबार्ड सहित राज्य सरकार की छूट योजनाएं उपलब्ध करा रही हैं। बस जरूरत है आगे बढ़कर लाभ उठाने की।
उन्होंने यह भी कहा कि छोटे उद्योग और स्वरोजगार के माध्यम से न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण किया जा सकता है, बल्कि गांव के अन्य युवाओं के लिए भी रोजगार सृजन संभव है।

सांस्कृतिक रात में छाया उत्सव का रंग
रात्रि कालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम में मातार उत्सव का उल्लास चरम पर था। मंच पर डीजे डांस प्रतियोगिता ने पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर दिया। इस प्रतियोगिता में कुल 38 टीमों ने भाग लिया, जिसमें 12 सामूहिक, 10 युगल और 16 एकल नृत्य प्रस्तुतियां शामिल थीं।
डांस के दौरान दर्शकों की तालियों की गड़गड़ाहट पूरे मैदान में गूंजती रही। हर प्रस्तुति में क्षेत्रीय संस्कृति की झलक और युवाओं की प्रतिभा साफ झलक रही थी।
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प्रतियोगिता परिणाम
एकल नृत्य प्रतियोगिता:
प्रथम — भाग्यश्री (बिलासपुर)
द्वितीय — जीवन साहू
तृतीय — छोटे बाबू झलक
युगल नृत्य प्रतियोगिता:
प्रथम — खुशबू एवं श्याम (महासमुंद)
द्वितीय — साधना एवं सरगम (जांजगीर-चांपा)
तृतीय — मानिक एवं हीरा (सुनसुनिया बागबाहरा)
सामूहिक नृत्य प्रतियोगिता:
प्रथम — पुष्पांजलि डांस ग्रुप (आमानारा)
द्वितीय — आर.एन. डांस ग्रुप (संभल बागबाहरा)
तृतीय — सरगम डांस ग्रुप (कनसिंघी)
गरिमामय उपस्थिति ने बढ़ाया कार्यक्रम का महत्व
मंच पर जिले और क्षेत्र के कई गणमान्य अतिथि उपस्थित थे—लेखराम ध्रुवा (जिला पंचायत सभापति, गरियाबंद),अभिषेक मिश्रा(प्रदेश अध्यक्ष, किसान कांग्रेस छत्तीसगढ़), हेमचंद देवांगन, नारायण सिंह (जनपद सदस्य),इंद्रेश्वरी दीवान (सरपंच), उत्तम चंद्राकर (ग्राम प्रमुख),कुंदन निर्मलकर (ग्राम प्रमुख), कामता यदु (उप सरपंच),गोकुल ध्रुव (पूर्व सरपंच), देव ध्रुव आदि की उपस्थिति ने कार्यक्रम को विशेष बना दिया।
कार्यक्रम का संचालन शीतल ध्रुव ने अपने सधे हुए शब्दों और जोशीले अंदाज में किया, जिससे पूरा आयोजन और भी जीवंत हो उठा।
सारागांव — परंपरा और प्रगति का प्रतीक
मातार उत्सव न केवल एक सांस्कृतिक आयोजन है, बल्कि यह गांव के सामूहिक उत्साह, भाईचारे और नई सोच का प्रतीक बन चुका है। इस मंच से जो संदेश दिया गया — सरकारी नौकरी नहीं तो उद्योग-व्यवसाय सही — वह आने वाले समय में गांव के युवाओं के लिए प्रेरणादायक साबित हो सकता है।




