गरियाबंद/फिंगेश्वर(गंगा प्रकाश)। प्रारंभिक शिक्षा के लगातार गिर रहे स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कांग्रेस नेता एवं शासकीय ठाकुर दलगंजन सिंह उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शाला प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश बंछोर ने छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि संविधान में शिक्षा को मूल अधिकार के रूप में सुनिश्चित किया गया है, लेकिन वर्तमान सरकार की नीतियां इस अधिकार को कमजोर कर रही हैं। सरकार ने शिक्षकों को बच्चों को पढ़ाने के बजाय, कुत्ता निगरानी, एसआईआर रिर्पोटिंग, सर्वे, गैर शैक्षणिक कार्यो और चुनाव ड्यूटी में उलझा दिया है। उन्होंने कहा कि जब शिक्षक ही कक्षा में नहीं रहेंगे तो बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी ? ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार स्वयं चाहती है कि सरकारी विद्यालयों के बच्चे पढ़ाई से दूर रहें, ताकि शिक्षा का स्तर गिरता जाए और निजी स्कूलों का कारोबार फलता-फूलता रहे। श्री बंछोर ने कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चे स्कूल पहुंचते है लेकिन शिक्षक लगातार प्रशासनिक और गैर शैक्षणिक कार्यो में व्यस्त रहते हैं। नतीजा यह है कि शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है और संविधान प्रदत्त शिक्षा का अधिकार कागजों तक सीमित रह गया है। दूसरी ओर, प्राईवेट स्कूल मनमानी फीस, ड्रेस व अन्य मदों के नाम पर आम आदमी की जेब काट रहे हैं और सरकार मूकदर्शक बनी बैठी है। उन्होंने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि यह व्यवस्था बच्चों को अशिक्षा की ओर धकेल रही है। शिक्षित समाज सवाल पूछता है, और शायद इसी डर से सरकार ऐसी नीतियां बना रही है ताकि बच्चे अनपढ़ रहें और राजनीतिक कार्यक्रमों में सिर्फ झंडा उठाने तक सीमित रह जाएं। ओमप्रकाश बंछोर ने कहा कि भाजपा सरकार अब तक शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और सामाजिक न्याय जैसे बुनियादी मुद्दों पर कोई ठोस कार्य नहीं कर सकी है। सरकार जनता को बस झुनझना पकड़ाने का काम कर रही है, जबकि संविधान कहा है कि राज्य का प्रथम कर्तव्य नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है।
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