PM आवास योजना में लापरवाही पर गरजा प्रशासन: देवभोग के 23 जिम्मेदारों को नोटिस, कलेक्टर बी.एस. उइके ने दी सख्त चेतावनी
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले के देवभोग ब्लॉक में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के क्रियान्वयन में घोर लापरवाही और धीमी प्रगति पर जिला प्रशासन ने बड़ा एक्शन लिया है। कलेक्टर बी.एस. उइके ने गुरुवार को देवभोग विकासखंड के पंचायत सचिवों, तकनीकी सहायकों, रोजगार सहायकों और आवास मित्रों की समीक्षा बैठक में जमकर फटकार लगाई और सीधे-सीधे कहा— “प्रधानमंत्री की योजना है, मज़ाक नहीं। अब लापरवाह कर्मचारियों की खैर नहीं!”

बैठक में योजना के कार्यों की स्थिति देखकर कलेक्टर भड़क उठे। उन्होंने 23 पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, रोजगार सहायक और आवास मित्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश देते हुए कहा कि अब सिर्फ कागज़ पर नहीं, ज़मीन पर काम दिखना चाहिए। कलेक्टर ने साफ कहा कि जिनकी जिम्मेदारी तय होगी, उनके खिलाफ कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी— चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों।
किन पर गिरी गाज?
नोटिस पाने वालों में ग्राम पंचायत बरकानी, डुमरगुड़ा, कदलीमुड़ा, सुपेबेड़ा, नवागांव, सितलीजोर और सुकलीभाठा पुराना के पंचायत सचिव, आवास मित्र और रोजगार सहायक शामिल हैं।
इसके अलावा तकनीकी सहायक उपासना ध्रुव, कुरेन्द्र बघेल, देहुती अलेन्द्र और शिवकुमार नारंगे को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।
कलेक्टर का सख्त संदेश
बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा—
“प्रधानमंत्री आवास योजना केंद्र सरकार की फ्लैगशिप योजना है, जिसके तहत गरीबों को पक्का मकान दिया जाना है। इसमें लेटलतीफी, लापरवाही या भ्रष्टाचार कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हर कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी तय करे वरना कार्रवाई तय है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर सर्वे, जिओ टैगिंग या किश्त जारी करने के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत मिली, तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। जनता के हक की योजना को लूट का जरिया बनाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन होगा।
क्या है स्थिति?
देवभोग ब्लॉक में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 6,723 आवास स्वीकृत हुए थे। इनमें से सिर्फ 1,528 आवास ही पूर्ण हो सके हैं। शेष कार्य या तो शुरू ही नहीं हुए या अधूरे पड़े हैं। यही आंकड़े देखकर कलेक्टर ने नाराजगी जताई और सभी पंचायतों में पंचायतवार प्रगति रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि “अब बहाने नहीं, सिर्फ काम चलेगा!”
अधिकारियों को चेतावनी
बैठक में मौजूद जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम, अपर कलेक्टर नवीन भगत और एसडीएम तुलसीदास मरकाम को निर्देश दिए गए कि वे संबंधित पंचायतों की निगरानी तेज करें और प्रत्येक सप्ताह प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें। कार्यों की जिओ टैगिंग और फोटोग्राफिक सबूत अनिवार्य होंगे।
निचोड़: गरियाबंद जिले में अब पीएम आवास योजना की फाइलें नहीं, जमीन पर ईंट-गारा चलेगा। जो काम करेगा, वही टिकेगा। बाकी को कलेक्टर उइके की सर्जिकल स्ट्राइक से कोई नहीं बचा पाएगा।