फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर भाजपा संगठन चुनाव में फिंगेश्वर एवं राजिम भाजपा मंडल के साथ- साथ भाजपा जिलाध्यक्ष के चयन की भी चर्चाओं का दौर चल रहा है इसके चलते भाजपा संगठन में चुनावी सरगमी तेज हो गई है, ये चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि क्योंकि अब जो पदाधिकारी बनेंगे उनके नेतृत्व में अगले निकाय चुनाव होंगे।संगठन के चुनाव में खास बात यह है कि मंडल अध्यक्ष और जिला प्रतिनिधि मिलकर जिलाध्यक्ष के लिए नाम तय करेंगे।वैसे तो जिलाप्रतिनिधि पहले भी बनते थे लेकिन तब गुपचुप नियुक्तियां होती थीं।इस बार संगठन ने मंडल अध्यक्ष चुनाव के लिए होने वाली बैठकों व रायशुमारी में ही जिला प्रतिनिधि नियुक्ति को शामिल किया है।इन जिलाप्रतिनिधियों का चुनाव मंडल अध्यक्षों की तरह बूथ अध्यक्ष ही करेंगें
16 से 31 दिसंबर के बीच जिलाध्यक्ष का चुनाव होगा
बूथों के परिसीमन को लेकर शनिवार को रायपुर में प्रदेश स्तरीय बैठकहुई 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष व जिलाप्रतिनिधि नियुक्त किए जाने है।इसके बाद 16 से 31 दिसंबर के बीच जिलाध्यक्ष के चुनाव होंगे।
कांग्रेस संगठन में भी ब्लॉक अध्यक्ष व जिलाध्यक्ष की नियुक्तियां की जाएंगी।यहां अभी कोई स्पष्ट गाइड लाइन तय नहीं हुई है लेकिन आने वाले कुछ दिनों में रायशुमारी और स्थानीय नेताओं की नब्जट टोलने के लिए जिला प्रभारी आएंगे।बैठक के बाद ही पता चलेगा कि कौन- कौन दावेदार संगठन में रुचि ले रहा है।
भाजपा ने मंडल अध्यक्ष के लिए 45 साल की उम्र तय की है।वहीं पिछले दिनों राजधानी रायपुर में हुई बैठक में संगठन ने ये भी स्पष्ट कर दिया कि जोन,मंडलअध्यक्ष बनेंगे वे सांसद- विधायक के रिश्तेदार अथवा उनके नजदीकी नेता नहीं होंगे।इससे पेंच फंसा हुआ है, क्योंकि प्रमुख दावेदार तो नजदीकी नेता ही हैं।ये दीगर बात है कि ऐन वक्त पर नीति- नियम के विपरीत भी नियुक्तियां होती हैं।जैसे पिछली बार 40 साल उम्र सीमा थी लेकिन अधिकांश मंडलों में 45 प्लस वाले मंडल अध्यक्षों की नियुक्त कर दी गई। इस बार 45 प्लस का नियम है लेकिन दावेदारों में तो 50 या उससे अधिक उम्र वाले नेता शामिल हैं।यूं तो उम्र सीमा के हिसाब से अब तक जिले में लगभग 50 से अधिक लोगों ने मंडल अध्यक्ष की दौड़ में शामिल होने की इच्छा जताई लेकिन कई नाम ऐसे भी हैं जो अंदर खाने दावेदारी चला रहे हैं।वहीं यदि उम्र सीमा का पालन नहीं होता है तो फिर कई दिग्गजों के नाम भी चर्चा में हैं।संगठन के नियम नहीं टूटे तो फिर इनमें से किसी को जिलाप्रतिनिधि बनाकर संतुष्ट किया जा सकता है।