जिला बनने के बाद चौतींस हजार एक सौ बत्तीस हितग्राहीयों कों मिला नया राशन कार्ड
सक्ती (गंगा प्रकाश)। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश सहित नवगठित जिलों में भी तेजी से विकास हो रहे है। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का आमजन के जीवन में बहुत ही विशेष महत्व है। यह प्रणाली गरीब, मजदूर और निम्न आय वर्ग के लोगों सहित जरूरतमंद परिवारों को आवश्यक खाद्य वस्तुएं रियायती दर पर उपलब्ध कराने का सशक्त माध्यम है। कलेक्टर अमृत विकास तोपनो के दिशा निर्देशन में नवगठित सक्ती जिले में भी इस व्यवस्था के कुशल क्रियान्वयन से न केवल पारदर्शिता और दक्षता बढ़ी है, बल्कि पात्र हितग्राहियों की संख्या और खाद्यान्न आबंटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। बता दे कि नवगठित सक्ती जिले के गठन के पूर्व सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 2 लाख 8 हजार 5 सौ उन्तीस राशन कार्ड प्रचलन में थे। जबकि जिला गठन के बाद वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 2 लाख 42 हजार 6 सौ इक्सठ हो गई है। इस प्रकार जिला बनने के बाद 34 हजार एक सौ बत्तीस नए परिवार को राशनकार्ड बनाकर लाभान्वित किया जा रहा हैं। यह बढ़ोतरी जिले में जनकल्याण और समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि है। जिससे आमजन सीधे-सीधे लाभान्वित हो पा रहे है। सक्ती जिला गठन के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली ने न केवल अपने विस्तार का नया आयाम प्राप्त किया है, बल्कि पारदर्शिता, दक्षता और जनहित के क्षेत्र में एक उदाहरण भी पेश किया है।
खाद्यान्न आबंटन में वृद्धिः हर परिवार तक पहुंचे राशन
नवगठित सक्ती जिला बनने के बाद खाद्यान्न आबंटन में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। जिला बनने के पूर्व 67 हजार छत्तीस मीट्रिक टन चावल, 1 हजार 8 सौ इकत्तीस मीट्रिक टन रिफाईड नमक, 1 हजार 8 सौ 28 मीट्रिक टन शक्कर का आबंटन प्राप्त होता था। जिला बनने के बाद 76 हजार 5 सौ 88 मीट्रिक टन चावल, 2 हजार 2 सौ 44 मीट्रिक टन रिफाईड नमक, 2 हजार 2 सौ 41 मीट्रिक टन शक्कर का आवंटन प्राप्त होता है। इस प्रकार आबंटन में 9 हजार 5 सौ 52 मीट्रिक टन चावल, 4 सौ 13 मीट्रिक टन रिफाईंड नमक, 4 सौ 13 मीट्रिक टन शक्कर अधिक प्राप्त हो रहा है। नवगठित सक्ती जिला निर्माण के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत 8 उचित मूल्य दुकानों की संख्या मे भी वृद्धि हुई है। बता दे कि जिला बनने के पूर्व में 341 उचित मूल्य दुकानें संचालित थीं तथा वर्तमान में जिला बनने के बाद 349 उचित मूल्य दुकानें संचालित हो रही हैं।
डिजिटल पारदर्शिता से बढ़ा भरोसा
सक्ती जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को डिजिटल माध्यमों से सशक्त बनाया गया है। सभी उचित मूल्य दुकानों को ई-पॉस मशीनों से जोड़ा गया है, जिससे वितरण प्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और त्वरित सुविधा सुनिश्चित हुई है। डिजिटल मॉनिटरिंग के कारण खाद्यान्न वितरण की प्रक्रिया अब पूर्णतः पारदर्शी और जनहितैषी बन चुकी है।
जनसेवा में प्रशासन की प्रतिबद्धता
कलेक्टर अमृत विकास तोपनो के निर्देशन में जिले में खाद्य विभाग सक्ती द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आदर्श स्वरूप देने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि प्रत्येक पात्र हितग्राही को समय पर गुणवत्तापूर्ण राशन प्राप्त हो। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और प्रभावी बनाने की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर तोपनो के निर्देशानुसार जिले के सभी उपभोक्ता भंडार, शासकीय उचित मूल्य की दुकानें तथा गोदामों का समय-समय पर निरीक्षण किया जा रहा है। इन निरीक्षणों के दौरान खाद्यान्न की गुणवत्ता, भंडारण व्यवस्था, वितरण प्रक्रिया, और पारदर्शिता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सक्ती जिले में इस व्यवस्था को पारदर्शिता और दक्षता के साथ लागू किया जाना अपने आप में एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक उपलब्धि है।
नवगठित जिला होने के बाद भी सक्ती जिले ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली के क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट कार्य, डिजिटल सुधार और जनहित के प्रति प्रतिबद्धता के माध्यम से एक आदर्श मॉडल प्रस्तुत किया है। यह सफलता शासन की योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की दिशा में जिले की दूरदर्शी नीति और प्रशासनिक दक्षता का परिणाम है। नवगठित सक्ती जिले की यह उपलब्धि न केवल प्रेरणास्रोत है, बल्कि यह दर्शाती है कि पारदर्शी प्रशासनिक व्यवस्था से ही जनसुविधा और जनकल्याण को सशक्त बनाया जा सकता है।



