गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर विकासखंड में 8 दिसंबर से सघन कुष्ठ रोग खोज अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 31 दिसंबर तक चलेगा। अभियान के दौरान स्वास्थ्य अमले की टीमें घर घर जाकर स्क्रीनिंग करेंगी और संभावित मरीजों की पहचान कर उपचार से जोड़ेगी। जिला नोडल अधिकारी डा. लक्ष्मीकांत जांगड़े ने बताया कि कुष्ठ रोग की प्रारंभिक पहचान सबसे प्रभावी तरीका है। इससे मरीज को विकृति से बचाया जा सकता है। विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डा. स्नेहलता होमने ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में मितानिन और ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक घर घर पहुंचकर संभावित मरीजों की पहचान, जांच और पुष्टि करण करेंगे। पुष्टि होने पर मरीजों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जाएगा। अभियान में स्वास्थ्य टीमें त्वचा की संवेदना जांचकर रोग की पहचान करेंगी। विकासखंड स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। कुष्ठ रोग के लक्षणों में त्वचा पर दाग या धब्बे जिनमें सुन्नपन हो, त्वचा का तांबिया/तेलिया दिखना, चेहरे पर चिकनाई और चमक, त्वचा में गांठें या मोटापन, आंख की पलकों का सामान्य रूप से बंद न होना, हाथ-पैर के तलवों में सुन्नपन और गर्म-ठंडा महसूस न होना शामिल हैं। खण्ड चिकित्साधिकारी डा. स्नेहलता होमने ने अपील की है कि गरियाबंद को कुष्ठ मुक्त जिला बनाने में स्वास्थ्य विभाग का सहयोग दें। किसी भी शंका पर तुरंत स्वास्थ्य कार्यकर्ता या मितानिन से संपर्क कर जांच कराए।
There is no ads to display, Please add some



