गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा महाकवि सुब्रमण्यम भारती की जयंती 11 दिसंबर 2025 को मनाया जाना है. इस वर्ष का विषय भाषाएं अनेक, भाव एक भारत की विशाल और विविध भाषाई विरासत को एक सूत्र में पिरोने वाली एकता और साझा संस्कृति पहचान की भावना को समाहित करना है. यह उत्सव महाकवि भारती की चिरस्थायी विरासत को एक श्रद्धांजलि है और इसका उद्देश्य राष्ट्र की सांस्कृतिक ताने-बाने को समृद्ध करने वाली भाषाई विविधता को बढ़ावा देना और उसका सम्मान करना है. इसी के तहत शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिजली में भाषा उत्सव कार्यक्रम मनाया गया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के शिक्षकों द्वारा मां सरस्वती के पूजा अर्चना के साथ किया गया. इस अवसर पर संस्था के व्याख्याता पूरन लाल साहू ने कहा कि भाषा विचारों को अभिव्यक्त करती है. भाषा विविधता को बढ़ावा देने और उसमें एकता को महसूस करने के लिए मनाया जाने वाला एक कार्यक्रम है. भाषा का उद्देश्य भारतीय संस्कृति और बहुभाषीय शिक्षा को बढ़ावा देना है.भारतीय भाषाओं के माध्यम से एकता और संस्कृति को सुरक्षित करने का प्रयास करती है जिससे बच्चों में भारतीय भाषाओं में उपलब्ध समृद्ध साहित्य के प्रति आदर और प्रेम विकसित करना होता है. भाषा और विचारों के बीच एक गहरा संबंध होता है. जब हम किसी भाषा में सोचते हैं तो भाषा हमें वह शब्द उपलब्ध कराती है जिनसे हमारे विचारों को सही तरीके से व्यक्त किया जा सकता है. भाषा ही सोचने और समझने की प्रक्रिया को संभव बनाती है जिससे व्यक्ति वर्तमान के अलावा अतीत और भविष्य के बारे में भी सोच पाता है. इस मौके पर व्याख्याता पूरन लाल साहू, दिनेश कुमार साहू, विनय कुमार साहू, रेखा सोनी, गीतांजली नेताम, नकुल राम साहू, रुद्र प्रताप साहू, क्लर्क तोमन साहू भृत्य आकाश सूर्यवंशी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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