छुरा नगर पंचायत में पार्षदों का हंगामा – 15 अगस्त का प्रस्ताव पास कर अन्य मुद्दों को दरकिनार करने पर कांग्रेस पार्षदों ने किया बैठक का बहिष्कार, अध्यक्ष व परिजनों पर मनमानी का आरोप
छुरा/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। नगर पंचायत छुरा में मंगलवार को आयोजित परिषद की बैठक उस वक्त विवादों में घिर गई जब 15 अगस्त ध्वजारोहण को लेकर पहला एजेंडा पारित करने के बाद अन्य अहम एजेंडों पर चर्चा करने से पहले ही कांग्रेस के पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया। विपक्षी पार्षदों का आरोप है कि नगर की ज़रूरी समस्याओं और जनहित के मुद्दों को दरकिनार कर केवल औपचारिक कार्यवाही की जा रही है, जिससे आमजन की समस्याएं लगातार अनदेखी हो रही हैं।

पीआईसी की कार्यवाही और प्रस्तावों पर पारदर्शिता नहीं – विपक्ष
बैठक में जैसे ही स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के एजेंडे को पास किया गया, कांग्रेस पार्षदों ने अन्य एजेंडों को दरकिनार करने का विरोध किया और बैठक से बाहर निकल आए। पार्षदों ने कहा कि पहले से कई बार मांग की गई कि पूर्व में हुए प्रस्तावों, विशेष रूप से पीआईसी (कार्यपालिका समिति) की कार्यवाही को परिषद की बैठक में सार्वजनिक किया जाए, लेकिन बार-बार मांग करने के बावजूद आज तक उसे पारदर्शिता के साथ प्रस्तुत नहीं किया गया।
स्ट्रीट लाइट योजना में घालमेल का आरोप
कांग्रेसी पार्षदों ने आरोप लगाया कि नगर में पूर्व कार्यकाल में पारित स्ट्रीट लाइट योजना का भी मनमाने तरीके से क्रियान्वयन हो रहा है। योजना के तहत कोसमबुड़ा पुल से लेकर कृषि उपज मंडी, बस स्टैंड से मेमन पेट्रोल पंप, और बजरंग चौक से मिंज घर तक स्ट्रीट लाइट लगाने का कार्य ठेकेदार को सौंपा गया था। पूर्व बैठक में तय हुआ था कि जो पोल बचेंगे, उन्हें एंब्रोस मिंज के घर से लेकर आवासपारा स्कूल तक लगाया जाएगा, क्योंकि यह इलाका नगर का अंतिम छोर है और वहां महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को जंगली जानवरों का खतरा बना रहता है।
लेकिन कांग्रेस पार्षदों का कहना है कि परिषद की जानकारी के बिना और बिना किसी प्रस्ताव के बचे हुए पोलों को मनचाहे मार्गों पर लगवाया जा रहा है। इसे लेकर पार्षदों में भारी रोष है।
अध्यक्ष के परिजनों पर हस्तक्षेप का गंभीर आरोप
पार्षदों ने सीधे तौर पर अध्यक्ष के परिजनों पर विभागीय कार्यों में दखलंदाजी और मनमानी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 20 अगस्त 2010 को राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग के अपर सचिव ने एक पत्र (क्रमांक 4426/3949/18/2010) के माध्यम से साफ निर्देश दिए थे कि निर्वाचित महिला पदाधिकारियों के कार्यों में उनके सगे-संबंधी हस्तक्षेप नहीं कर सकते। लेकिन नगर पंचायत छुरा में इस निर्देश की खुलेआम अवहेलना हो रही है।
जनता से जुड़े मुद्दों को किया गया नजरअंदाज
पार्षदों का आरोप है कि वर्तमान बैठक में कई ऐसे मुद्दे एजेंडे से हटा दिए गए जो सीधे जनता की समस्याओं से जुड़े हुए हैं — जैसे नामांतरण, वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन आदि। इन मामलों को लेकर लगातार आवेदन दिए जा रहे हैं, लेकिन परिषद स्तर पर उन्हें उचित प्राथमिकता नहीं दी जा रही।
प्रशासनिक लापरवाही पर जताई नाराजगी
बैठक के दौरान सभी कांग्रेस पार्षदों ने संयुक्त रूप से मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) को नगर की अव्यवस्थित कार्यप्रणाली पर घेरा और कहा कि हर वार्ड में अलग-अलग समस्याएं हैं — कहीं पानी की समस्या है तो कहीं सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। पार्षदों ने चेताया कि जब तक बचे हुए स्ट्रीट लाइट पोल आवासपारा मार्ग में नहीं लगाए जाते, और पूर्व प्रस्तावों पर स्पष्ट जानकारी नहीं दी जाती, तब तक परिषद की कार्यवाही का बहिष्कार जारी रहेगा।
संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में पार्षदों ने चेताया – ‘जनता की आवाज़ दबेगी नहीं’
बैठक के बाद कांग्रेस पार्षदों ने संयुक्त रूप से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जनता को पूरी जानकारी दी और यह स्पष्ट किया कि वे जनहित के मुद्दों को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत के संचालन में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनप्रतिनिधियों के निर्णयों का सम्मान अनिवार्य है — अन्यथा आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे।
छुरा नगर पंचायत की बैठक अब केवल औपचारिकताओं में नहीं सिमट रही, बल्कि यह स्थानीय राजनीति के गंभीर आरोपों और जवाबदेही की मांग के केंद्र में आ गई है। जनता से जुड़े मुद्दों को दरकिनार कर स्ट्रीट लाइट जैसे कार्यों में मनमानी व परिजनों की दखलंदाजी, भविष्य में और बड़े टकराव की आहट दे रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन और अध्यक्ष इस विवाद पर क्या रुख अपनाते हैं।