रक्षा बंधन पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष का अनोखा अभियान — जवानों, नेताओं और जनसेवकों की कलाई पर सजी ‘विश्वास की डोर’
गरियाबंद/छुरा/रायपुर (गंगा प्रकाश)। रक्षा बंधन का पर्व हमेशा से भाई-बहन के पवित्र रिश्ते, स्नेह और विश्वास का प्रतीक रहा है, लेकिन इस बार गरियाबंद जिले की महिला कांग्रेस कमेटी की जिला कार्यकारिणी अध्यक्ष श्रीमती मंजू ध्रुव ने इस त्योहार को एक अलग ही रूप देकर इसे जनसेवा और भाईचारे के रंग में रंग दिया। उन्होंने सोमवार को सुबह से देर शाम तक विशेष दौरा करते हुए पुलिस जवानों से लेकर पूर्व मंत्री और मौजूदा विधायक तक कई हस्तियों की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा और उनके स्वस्थ, सुरक्षित और सफल जीवन की कामना की।
पुलिस थाने से हुई शुरुआत — ‘वर्दी वाले भाइयों’ के लिए गर्व का लम्हा
अपने दिन की शुरुआत मंजू ध्रुव ने छुरा पुलिस थाना से की। ड्यूटी पर तैनात जवानों के हाथों में जब उन्होंने राखी बांधी, तो पुलिसकर्मियों के चेहरों पर गर्व और भावुकता दोनों झलकने लगी। उन्होंने जवानों को उनके साहस, निस्वार्थ सेवा और सुरक्षा के लिए धन्यवाद दिया और कहा — “हम चैन की नींद सोते हैं, क्योंकि आप लोग दिन-रात हमारी सुरक्षा में खड़े रहते हैं। आपकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करना मेरा सौभाग्य है।”

पुलिस जवानों ने भी इस स्नेह का मान रखते हुए बहन की रक्षा का वचन दोहराया। थाने का माहौल कुछ देर के लिए पारिवारिक रिश्तों की मिठास से भर गया।
रायपुर में पूर्व मंत्री से मुलाकात — राजनीति में भाईचारे की मिसाल
इसके बाद मंजू ध्रुव रायपुर पहुँचीं, जहाँ प्रथम पंचायत मंत्री एवं राजिम विधानसभा के पूर्व विधायक अमितेश शुक्ल के गृह निवास में पहुंचकर उन्होंने राखी बांधी। इस अवसर पर उन्होंने शुक्ल के अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु जीवन के लिए मंगलकामनाएं दीं।
अमितेश शुक्ल ने भी इस gesture को राजनीति से परे एक भावनात्मक रिश्ता बताते हुए कहा — “राखी सिर्फ कलाई पर बंधी एक डोर नहीं, बल्कि विश्वास, सम्मान और जिम्मेदारी का प्रतीक है।”
बिंद्रा नवागढ़ विधायक को भी बांधी राखी — ‘जनसेवा में हमेशा साथ’ का संदेश
मंजू ध्रुव का सफर यहीं खत्म नहीं हुआ। रायपुर से आगे बढ़ते हुए वे बिंद्रा नवागढ़ विधानसभा के विधायक जनक ध्रुव के निवास पर पहुँचीं और उन्हें भी राखी बांधी। उन्होंने विधायक के उज्ज्वल भविष्य, अच्छे स्वास्थ्य और जनसेवा में निरंतर सफलता की दुआ की।
जनक ध्रुव ने इस मौके पर कहा — “राजनीति में भी ऐसे रिश्ते हमें याद दिलाते हैं कि जनसेवा के साथ-साथ मानवीय संवेदनाएं सबसे अहम हैं।”
‘विश्वास और सुरक्षा की डोर’ — मंजू ध्रुव का संदेश
अपने दिनभर के इस खास अभियान के अंत में श्रीमती मंजू ध्रुव ने कहा — “रक्षा बंधन सिर्फ भाई-बहन का त्योहार नहीं है, बल्कि यह विश्वास और सुरक्षा की डोर है। चाहे वह वर्दी में देश की रक्षा करने वाला जवान हो, या जनता के लिए काम करने वाला जनप्रतिनिधि — समाज के ऐसे सभी भाइयों की कलाई पर राखी बांधना मेरे लिए गर्व की बात है।”
स्थानीय लोगों ने सराहा पहल
मंजू ध्रुव की इस अनोखी पहल को स्थानीय लोगों ने खूब सराहा। लोगों का कहना था कि एक ही दिन में पुलिस, राजनीति और जनसेवा को जोड़ते हुए उन्होंने भाईचारे की ऐसी मिसाल पेश की है, जो आने वाले समय में प्रेरणा देगी।