धौराकोट में सुशासन की मिसाल! समाधान शिविर बना जनआशा का केंद्र, 3,670 समस्याओं का हुआ त्वरित समाधान

गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के सुदूर वनांचल में बसे धौराकोट गाँव में आज कुछ अलग था। गाँव की गलियों में उत्सव-सा माहौल था, ग्रामीणों की आंखों में उम्मीद की चमक और दिलों में राहत की भावना थी। मौका था सुशासन तिहार के तहत आयोजित समाधान शिविर का, जहां शासन का सिस्टम, संवेदनशीलता और सेवा भावना के साथ साक्षात खड़ा था — जनता के द्वार।

कलेक्टर बीएस उइके और जनप्रतिनिधियों ने संभाली कमान

गांव के चौपाल में लगे पंडाल में जैसे ही कलेक्टर बीएस उइके और जनप्रतिनिधि पहुंचे, जनसैलाब उमड़ पड़ा। जनसामान्य से सीधे संवाद करते हुए कलेक्टर ने न केवल समस्याएं सुनीं, बल्कि संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए — “समस्या का समाधान, तुरंत और तटस्थ रूप से हो!”।

शिविर नहीं, बदलाव की लहर!

शिविर में कुल 3,670 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 3,667 मांग और 3 शिकायतें थीं। हैरानी की बात यह रही कि सभी मामलों का त्वरित निराकरण कर प्रशासन ने ग्रामीणों का भरोसा जीत लिया। इससे स्पष्ट होता है कि शासन की मंशा अब फाइलों से निकलकर जमीनी हकीकत बन चुकी है।

जनकल्याणकारी योजनाओं की बारिश

महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और किसानों — सभी के लिए यह शिविर किसी सौगात से कम नहीं था:

  • महिला एवं बाल विकास विभाग ने दो नन्हें बच्चों का अन्नप्राशन संस्कार और तीन गर्भवती माताओं की गोदभराई की रस्म अदा की — जिससे माहौल भावनात्मक हो उठा।
  • समाज कल्याण विभाग ने दो दिव्यांगजनों को ट्रायसायकल भेंट की।
  • स्वास्थ्य विभाग ने आयुष्मान कार्ड, मुफ्त दवाइयां, और मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक औषधियों का वितरण किया।
  • शिक्षा विभाग ने हाई स्कूल और हायर सेकंडरी में उच्च अंक प्राप्त करने वाले बच्चों को शील्ड और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।

स्वास्थ्य और तकनीक का संगम

गांववासियों ने शिविर में बड़ी संख्या में ब्लड प्रेशर, शुगर और रक्त परीक्षण कराए। आधार कार्ड बनवाने और अपडेट कराने की सुविधा ने लोगों को तकनीकी रूप से भी मजबूत किया।

12 ग्राम पंचायतों का मिला आशीर्वाद

धौराकोट सहित बरबहाली, नवागांव, चिचिया, माहुलकोट, मोखागुड़ा, कदलीमुड़ा, गाड़ाघाट, डुमरपीटा, सिलतीजोर, फलसापारा और भतराबहली के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। हर पंचायत से आए आवेदनों का निपटारा कर प्रशासन ने “न्याय आपके द्वार” के नारे को साकार कर दिखाया।

जनप्रतिनिधियों की सक्रिय सहभागिता

शिविर में जनपद अध्यक्ष श्रीमती पद्मलया निधि, जनपद उपाध्यक्ष  सुधीर अग्रवाल, जिला पंचायत सदस्य श्रीमती नेहा सिंघल, पूर्व विधायक डमरूधर पुजारी, सरपंच शोभाराम नायक, और अन्य जनप्रतिनिधियों ने हिस्सा लेकर सरकार और जनता के बीच सेतु की भूमिका निभाई।

धौराकोट से संदेश: सुशासन सिर्फ शब्द नहीं, अब है जमीनी सच!

इस ऐतिहासिक समाधान शिविर ने यह सिद्ध कर दिया कि अगर प्रशासन चाहे, तो सुदूर अंचलों तक भी विकास और न्याय की रौशनी पहुँच सकती है। धौराकोट में न केवल समस्याओं का समाधान हुआ, बल्कि भरोसे का पुनर्जन्म भी हुआ।

यह शिविर नहीं था — यह एक संदेश था, एक चेतावनी थी उस व्यवस्था के लिए जो जनता को फाइलों में उलझा कर भूल जाती है। अब जनता जाग चुकी है, और प्रशासन भी सजग है!

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