मौसम ने मचाया कहर: रायपुर से बस्तर तक अलर्ट, तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश का तांडव!
रायपुर/धमतरी/गरियाबंद (गंगा प्रकाश)।छत्तीसगढ़ में मौसम ने अपना रंग बदल लिया है। भीषण गर्मी से झुलसते प्रदेशवासियों को जहां एक ओर राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर तूफानी हवाओं, तेज गरज-चमक और मूसलधार बारिश ने चिंता भी बढ़ा दी है। राजधानी रायपुर समेत करीब एक दर्जन जिलों में मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों के लिए खतरनाक चेतावनी जारी कर दी है।
तीन घंटे में तबाही वाला तूफान!
मौसम विभाग के ताजा बुलेटिन के अनुसार, अगले तीन घंटों में रायपुर, बालोद, धमतरी, दुर्ग, गरियाबंद, कांकेर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी और राजनांदगांव में आंधी-तूफान के साथ तेज सतही हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश का खतरा है। कई इलाकों में बिजली गिरने और पेड़ उखड़ने की भी आशंका जताई गई है।
ऑरेंज और येलो अलर्ट से हड़कंप
राज्य के कई जिलों में मौसम विभाग ने चेतावनी स्तर बढ़ा दिया है।
- ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए जिले:बस्तर, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, बालोद, धमतरी, गरियाबंद — इन जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं के साथ वज्रपात की आशंका है।
- येलो अलर्ट में शामिल जिले:गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, मुंगेली, कबीरधाम, बेमेतरा, राजनांदगांव, दुर्ग, महासमुंद, बीजापुर, दंतेवाड़ा, सुकमा — यहां हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक की संभावना बनी हुई है।
राहत की खबर: गर्मी से मिली निजात
शनिवार-रविवार की रात से शुरू हुई बारिश ने प्रदेश में तापमान को नीचे धकेल दिया है। गर्मी से परेशान जनता को जबरदस्त राहत मिली है। कई जिलों में तापमान सामान्य से 4-6 डिग्री नीचे चला गया है, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली है।
आसमान में काले बादलों की घेराबंदी
रायपुर सहित कई शहरों में सुबह से ही घने बादल और तेज हवाओं ने माहौल को रोमांचक बना दिया है। लोग गर्मी की छुट्टी में ऐसी मौसम की राहत को ‘वरदान’ बता रहे हैं, मगर तूफानी हवाओं और बिजली गिरने का खतरा अभी भी टला नहीं है।
सावधानी जरूरी, प्रशासन अलर्ट पर
मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
- घरों में रहें
- पेड़ों और बिजली के खंभों से दूर रहें
- यात्रा करने से बचें
- मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का प्रयोग सीमित करें
जनता बोली – “गर्मी गई, मगर डर कायम!”
बारिश की बौछारों ने गर्मी से राहत दी है, लेकिन तेज तूफान और बिजली गिरने की घटनाओं को लेकर ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में दहशत का माहौल है। किसानों की फसलें भी तेज हवा और ओलावृष्टि की संभावना से खतरे में हैं।
क्या कहता है मौसम विभाग?
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह मौसमी बदलाव बंगाल की खाड़ी से उठे चक्रवातीय सिस्टम के कारण हुआ है, जो अब प्रदेश के ऊपर सक्रिय है। आने वाले 3 से 4 दिन तक इसी तरह का मौसम बना रहने की संभावना है।
निष्कर्ष:
छत्तीसगढ़ में मौसम की करवट ने गर्मी से राहत तो दी है, लेकिन अब खतरा तूफान और वज्रपात का है। जनता से अपील है कि प्रशासन की चेतावनियों को हल्के में न लें और पूरी सतर्कता बरतें।
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