कानून को ठेंगा! रायपुर में दबंग पुलिसकर्मी की गुंडागर्दी, किसान को झूठे केस और मौत की धमकी!…
रायपुर/बलौदाबाजार (गंगा प्रकाश)।छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था सवालों के घेरे में है! जब खुद को पुलिसकर्मी बताने वाला व्यक्ति खुलेआम धमकी दे, सरकारी अफसरों को भगाए और एक किसान को उसकी खरीदी हुई ज़मीन पर भी कब्जा न लेने दे—तो इसे क्या कहेंगे? न्याय का मखौल या गुंडाराज?
रायपुर निवासी राधेश्याम साहू अपनी मेहनत की कमाई से खरीदी गई जमीन पर खेती करने गए, तो उन्हें जगदेव साहू नामक व्यक्ति ने रोक दिया। आरोप है कि जगदेव खुद को पुलिसकर्मी बताकर कानून की धज्जियां उड़ा रहा है और खुलेआम धमकी दे रहा है—
“अगर ज़मीन पर कदम रखा, तो झूठे केस में फंसा दूंगा, गोली भी मार सकता हूँ!”
दबंगई की हद: प्रशासन के अधिकारियों को भी भगाया :
यह मामला एक साधारण ज़मीन विवाद से अब कानून और प्रशासन की साख पर हमला बन चुका है। राधेश्याम साहू ने सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करते हुए ज़मीन खरीदी, रजिस्ट्री, नामांतरण, भुगतान—सब कुछ वैध तरीके से किया। लेकिन जब सरकारी अफसर सीमांकन करने पहुंचे, तो दबंगों ने उन्हें भी धमकाकर भगा दिया! सवाल उठता है-जब सरकारी कर्मचारी सुरक्षित नहीं, तो आम जनता की क्या बिसात?
कब तक चलेगा कानून का मज़ाक?
राधेश्याम साहू ने पुलिस अधीक्षक बलौदाबाजार से न्याय की गुहार लगाई, जिस पर एसपी ने 8 मार्च तक समाधान का आश्वासन दिया। लेकिन बड़ा सवाल यह है—
क्या इस गुंडागर्दी पर कार्रवाई होगी?
क्या झूठे केस और गोली मारने की धमकी देने वाला पुलिसकर्मी जेल जाएगा?
या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर खत्म हो जाएगा?
अगर राधेश्याम साहू को उनकी कानूनी रूप से खरीदी गई ज़मीन पर भी कब्जा नहीं मिल पा रहा, और सरकारी अफसर भी दबंगों के डर से पीछे हट रहे हैं, तो यह सिर्फ एक किसान की समस्या नहीं—बल्कि पूरे प्रशासन की परीक्षा है! अब देखना यह है कि 8 मार्च तक न्याय की जीत होती है, या फिर दबंगों का आतंक जारी रहता है?
(पुलिसकर्मी जगदेव साहू का पक्ष जानने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। मामले की अगली कड़ी जल्द प्रकाशित की जाएगी।)
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