Cgnews:फिंगेश्वर में पीएम आवास योजना की सुस्ती पर कलेक्टर का ‘एक्शन मोड’, 13 कर्मचारियों को नोटिस — अब लापरवाही नहीं चलेगी!
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। फिंगेश्वर ब्लॉक में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की सुस्त रफ्तार पर अब जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपना लिया है। गरियाबंद के तेजतर्रार कलेक्टर श्री बी.एस. उइके ने मंगलवार को फिंगेश्वर जनपद पंचायत सभाकक्ष में योजना की गहन समीक्षा करते हुए साफ कह दिया — “या तो सुधार करो, या कार्रवाई के लिए तैयार रहो!”

बैठक में सामने आया कि कई ग्राम पंचायतों में आवास निर्माण कार्य या तो शुरू ही नहीं हुए हैं या फिर बीच में अधूरे पड़े हैं। इस लापरवाही पर तत्काल सख्त कदम उठाते हुए कलेक्टर ने 12 ग्राम पंचायत सचिवों और 1 तकनीकी सहायक को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
इन पंचायत सचिवों पर गिरी गाज:
चरौदा, धुरसा, पतोरा, रक्सा, टेका, पाली, भसेरा, गनियारी, सेंदर, बिनौरी, बासीन और छुईहा — इन गांवों के सचिव अब प्रशासन के निशाने पर हैं। साथ ही तकनीकी सहायक अलेश धृतलहरे को भी कार्य में लापरवाही के लिए नोटिस भेजा गया है।
आँकड़ों की हकीकत भी चौंकाने वाली:
- 2024-25 में स्वीकृत आवास: 6,219
- अब तक पूर्ण आवास: सिर्फ 1,900
- प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत: 153 में से 111 पूर्ण, बाकी अधूरे
कलेक्टर उइके ने इस पर नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि यदि ज़मीनी अमला गंभीर नहीं हुआ तो बड़ी कार्रवाई से पीछे नहीं हटा जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब हर पंचायत सचिव को यह मालूम होना चाहिए कि उनके ग्राम में कितने आवास स्वीकृत हुए हैं और कितने पूर्ण।
खास निर्देश:
- जिओ टैगिंग अनिवार्य करें
- आवास सूची पंचायत भवन के सूचना पटल पर चस्पा हो
- किस्तों के नाम पर अवैध वसूली की शिकायत आई तो सस्पेंशन तय
- काम में रूचि नहीं लेने वाले तकनीकी सहायकों की सेवा अवधि बढ़ाई नहीं जाएगी
मैदानी अमले को चेतावनी:
कलेक्टर ने दो टूक कहा — “सरकार की मंशा है कि कोई गरीब परिवार छत से वंचित न रहे। अब हर हितग्राही तक योजना का लाभ समय पर पहुँचना चाहिए। जो भी इस काम में लापरवाही करेगा, उसे परिणाम भुगतने को तैयार रहना होगा।”
प्रशासन की टीम भी रही मौजूद:
इस अहम बैठक में जिला पंचायत सीईओ जी.आर. मरकाम, अपर कलेक्टर नवीन भगत, एसडीएम विशाल महाराणा, डिप्टी कलेक्टर सुश्री अंजली खलखो सहित जनपद सदस्य, पंचायत सचिव, तकनीकी सहायक, आवास मित्र और रोजगार सहायक बड़ी संख्या में शामिल रहे।
संक्षेप में — अब योजनाओं में सुस्ती नहीं, सिर्फ नतीजे दिखेंगे। कलेक्टर उइके का सख्त संदेश है — जनहित सर्वोपरि है, और इसमें कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।