Cg: गरियाबंद में आज मातृत्व सुरक्षा का महा आयोजन! हर गर्भवती महिला को मिलेगा विशेषज्ञों का साथ, जांच, दवा और परामर्श—all फ्री!
गरियाबंद (गंगा प्रकाश)। गरियाबंद जिले की सभी गर्भवती महिलाओं के लिए एक बड़ी और बेहद अहम खबर सामने आई है। 24 मई को जिला अस्पताल गरियाबंद में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व विशेष अभियान (PMSMA) के तहत एक विशाल और सुनियोजित मातृत्व जांच शिविर का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें न केवल फ्री मेडिकल जांच की सुविधा होगी बल्कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा संपूर्ण स्वास्थ्य परामर्श भी दिया जाएगा। जिला स्वास्थ्य विभाग की अगुवाई में चलाए जा रहे इस अभियान का उद्देश्य है – “हर मां को सुरक्षित प्रसव और स्वस्थ जीवन का अधिकार।”
क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान?
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य है गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच, उच्च जोखिम वाली गर्भावस्थाओं की पहचान, और गुणवत्तापूर्ण इलाज। इस योजना के अंतर्गत हर माह की 9 और 24 तारीख को देशभर के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में मातृत्व जांच दिवस का आयोजन किया जाता है।
गरियाबंद जिले में भी इस योजना को पूरे जोर-शोर से लागू किया गया है। जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) और उप-स्वास्थ्य केंद्रों पर नियमित रूप से इन शिविरों का आयोजन किया जाता है। लेकिन इस 24 मई का आयोजन विशेष होगा—इसमें ज्यादा संख्या में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम, अल्ट्रासाउंड सुविधाएं, पोषण परामर्श और गहन स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की गई है।

जिला अस्पताल में होगा “वन-स्टॉप हेल्थ सेंटर” का अनुभव
इस दिन जिला अस्पताल को एक तरह से वन-स्टॉप हेल्थ सेंटर के रूप में परिवर्तित कर दिया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को मिलेगा
- हीमोग्लोबिन टेस्ट
- ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर की जांच
- एंटी-एनिमीया उपचार सलाह
- थायरॉइड और यूरिन टेस्ट
- फीटल हार्ट रेट मॉनिटरिंग
- अल्ट्रासाउंड सेवाएं (यदि आवश्यक हुआ)
- पोषण और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श
- रेफरल की स्थिति में तुरंत उच्च संस्थान से संपर्क
सभी सेवाएं निःशुल्क होंगी और हर महिला को व्यक्तिगत स्वास्थ्य पुस्तिका भी दी जाएगी, जिसमें उसकी सभी जांच रिपोर्ट और फॉलोअप सलाह दर्ज की जाएंगी।
डॉ. गार्गी यदु ने की अपील – “गंभीरता से लें यह मौका”
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गार्गी यदु ने मीडिया से बातचीत में कहा,
“हमारा प्रयास है कि जिले की कोई भी गर्भवती महिला बिना जांच और परामर्श के न रह जाए। मातृत्व की यात्रा तभी सफल है, जब मां और शिशु दोनों स्वस्थ रहें। इसलिए हम गांव-गांव जाकर महिलाओं को इस शिविर में लाने की व्यवस्था कर रहे हैं।”
डॉ. यदु ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने प्रत्येक गांव के मितानिनों, ANM और स्वास्थ्य संयोजकों को निर्देश दिए हैं कि वे इस अभियान को घर-घर पहुंचाएं। सभी स्वास्थ्य कर्मियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वे संभावित हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी को चिन्हित करें और उन्हें विशेष तौर पर इस शिविर तक पहुंचाएं।
गांवों से लायी जाएगी महिलाएं—प्रशासन कर रहा है सहयोग
इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन ने परिवहन सुविधा की व्यवस्था भी की है। दूरदराज के गांवों से आने वाली महिलाओं को एंबुलेंस या अन्य सरकारी वाहनों से लाया जाएगा। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ता और मितानिनों को प्रति महिला लाने पर प्रोत्साहन राशि देने की योजना पर भी विचार चल रहा है।
“एक स्वस्थ मां ही स्वस्थ समाज की नींव है”
इस नारे के साथ जिला स्वास्थ्य विभाग पूरे जोश में है। गरियाबंद जिला अस्पताल में तैयारियां अंतिम चरण में हैं। पोस्टर, बैनर, ऑडियो संदेश, आंगनबाड़ी के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
इस अभियान का असल उद्देश्य है—मातृ मृत्यु दर को शून्य की ओर ले जाना।
समय पर जांच, पोषण, जागरूकता और विशेषज्ञ चिकित्सा से यह सपना साकार हो सकता है।
निष्कर्ष:
गरियाबंद जिले में 24 मई को होने वाला यह आयोजन सिर्फ एक शिविर नहीं, बल्कि एक मिशन है—मातृत्व को सुरक्षित बनाने का। अगर आप या आपके परिवार में कोई महिला गर्भवती है, तो इस मौके को बिल्कुल न गंवाएं। यह स्वास्थ्य से जुड़ी वो सुविधा है, जो आपके दरवाजे तक सरकार खुद लेकर आ रही है।
आइए, मातृत्व को सुरक्षित बनाएं—24 मई को जिला अस्पताल जरूर जाएं!