जनपद पंचायत में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का शपथग्रहण हुआ एक बंद कमरे में, किसी भी रिश्तेदारों राजनैतिक दल के सदस्यों एवं पत्रकारों को रखा गया दूर
गरियाबंद/फिंगेश्वर (गंगा प्रकाश)। गुपचुप तरीके से आज शुक्रवार 7 मार्च को जनपद पंचायत फिंगेश्वर में नवनिर्वाचित अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का शपथ ग्रहण करवाया गया। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शासन के निर्देशानुसार आज जनपद पंचायत के सभा भवन में नवनिर्वाचित अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का शपथग्रहण कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम की सूचना आमंत्रण भाजपा नेताओं, गणमान्य, नागरिकों, पत्रकारों आदि सहित किसी को नहीं दिया गया। इससे इस कार्यक्रम में कुछ जनपद सदस्य भी उपस्थित नहीं हुए। कार्यक्रम में जनपद सदस्यों के अलावा गिनती के 10-15 लोग ही उपस्थित थे। इस तरह के गोपनीय आयोजन की नगर में जमकर चर्चा है। इस पूरे मामलें की जानकारी प्राप्त होने पर फिंगेश्वर पत्रकार संघ के अध्यक्ष जितेन्द्र शर्मा जनपद पंचायत फिंगेश्वर पहुंचे। वहां वरिश्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं ने भी शपथ ग्रहण समारोह की विधिवत जानकारी अथवा आमंत्रण आदि न मिलने की शिकायत की। जनपद परिसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत फिंगेश्वर स्वप्निल धु्रव से इसकी शिकायत पर उन्होंने कहा कि हमें 7 मार्च को शपथग्रहण कराने के आदेश राज्य सरकार से मिला था। इसलिए आप शपथ विधि संपन्न की गई। उनसे यह पूछे जाने पर की इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की सूचना अथवा आमंत्रण अन्य जनप्रतिनिधियों, राजनैतिक दल के कार्यकर्ताओं, पत्रकारों, मीडिया आदि को देने की जरूरत आपने नहीं समझी। इस पर श्री धु्रव कोई भी संतोशजनक जवाब नही दे पाए। जनपद पंचायत सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को ग्रामीण अंचल में जरूरतमंदो तक पहुंचाने सबसे प्रमुख माध्यम होता है। ऐसे में जनपद पंचायत द्वारा ग्रामीणों को सुविधा अथवा लाभ पहुंचाने योजनाओं की जानकारी मीडिया के माध्यम से ही दी जा सकती है। परंतु अक्सर देखा गया है कि अधिकारियों द्वारा इसके लिए कभी भी सार्थक प्रयास नहीं होते। यही कारण है कि सरकारी योजनाएं धरातल में सफल नहीं हो पाती। यही कारण है कि आज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण जैसे महत्वपूर्ण आयोजन की जानकारी देना अधिकारियों ने जरूरी नहीं समझा। जनपद पंचायत के नवनिर्वाचित सदस्यों ने जनपद कार्यालय के गेट के बाहर पत्रकारों को बताया कि हमारे परिजन, पत्नि, बच्चे, ससुराल वाले आदि रिश्तेदार हमारे साथ हमारा शपथ ग्रहण देखने आए है, उन्हें भी गेट में रोक दिया गया। अंदर नहीं आने दिया। पूछे जाने पर अधिकारी स्वप्निल ध्रुव ने कहा कि यह कार्यक्रम सदस्यों के लिए ही है। अधिकारी के इस तरह के व्यवहार से परिजनों के सामने सदस्यों को लज्जीत होना पड़ा। ऐसा व्यवहार बडे़ बड़े जनप्रतिनिधियों के शपथग्रहण में कभी देखा कभी नहीं देखा गया। नगर सहित अंचल में जनपद शपथ ग्रहण प्रक्रिया की जमकर चर्चा है।