भागवत दीवान
कोरबा (गंगा प्रकाश)। विश्वकर्मा जयंती पर इस साल तीन शुभ योग बना रहा । शनिवार को सर्वार्थ सिद्धि, द्विपुष्कर, रवि व अमृत सिद्धि योग में देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा विराजे। खदानों, संयंत्रों, कल कारखानों, कार्यालय और रेलवे परिक्षेत्र में परंपरा अनुसार विधिवत पूजा-अर्चना और श्रद्धालु भक्तों को भोग प्रसाद का वितरण किया गया। पंडालों में आकर्षक विद्युत साज सज्जा की गई । देर-रात तक पंडालों में प्रतिमा स्थापित की गई।
ऊर्जाधानी में कोरोना महामारी के दो साल बाद भव्य उत्सव की तैयारी है। चार शुभ योग के बीच देवशिल्पी का आगमन हुआ। अश्विन माह की कन्या संक्रांति के दिन सृष्टि के पहले हस्तशिल्पकार, वास्तुकार भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। विश्वकर्मा जयंती पर लोग अपने संस्थान, कल कारखानों में औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं। शहर में में विशेष रूप से उत्सव के रूप में मनाते हैं। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही देवताओं के अस्त्र (त्रिशूल, सुदर्शन चक्र आदि) भवन, स्वर्ग लोग, पुष्पक विमान का निर्माण किया था। बुनकर, शिल्पकार, औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोग विशेष तौर पर इस दिन विश्वकर्मा जयंती धूमधाम से मनाते हैं। बता दें कि विश्वकर्मा जयंती को लेकर गुरुवार को बाजार में जबरदस्त रौनक थी। दुकानों में पूजन सामग्री व प्रतिमा खरीदने भीड़ रही।
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