Cgnews: तुमगांव बना खेल प्रतिभाओं की नई धरती: राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर गूंज रहा नाम, मैदान में चल रही मेहनत अब दिखा रही रंग
महासमुंद (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले का छोटा सा गांव तुमगांव, अब सिर्फ एक गांव नहीं रहा — यह खेलों की प्रयोगशाला बन चुका है, जहां से नित नए खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी चमक बिखेर रहे हैं। मैदान में पसीना बहा रहे युवा अब सिर्फ भविष्य नहीं, वर्तमान की पहचान बन चुके हैं। यह बदलाव कोई चमत्कार नहीं, बल्कि निरंतर अभ्यास, मार्गदर्शन और जज्बे की जीत है।
खेलों का अखाड़ा बना तुमगांव, रोज दर्जनों खिलाड़ी मैदान में
तुमगांव का खेल मैदान अब आसपास के दर्जनों गांवों के खिलाड़ियों के लिए अभ्यास का प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहां पर रग्बी, सॉफ्टबॉल, तलवारबाजी, बेसबॉल, खो-खो, हैंडबॉल, एथलेटिक्स, कुश्ती, रस्साकसी और वॉलीबॉल जैसे खेलों का प्रशिक्षण नियमित रूप से चल रहा है। हर सुबह और शाम मैदान में खिलाड़ियों की गूंज और कोचिंग की गूंज से माहौल खेलमय बना रहता है।
राज्य स्तरीय से लेकर नेशनल गेम्स तक, चमक रहा तुमगांव
तुमगांव के खिलाड़ियों का प्रदर्शन अब सिर्फ जिलास्तर तक सीमित नहीं। हाल ही में:
- राज्य स्तरीय सॉफ्टबॉल प्रतियोगिता, रायपुर: 4 खिलाड़ी शामिल हुए
- बेसबॉल राज्य प्रतियोगिता, बिलासपुर: खिलाड़ियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया
- राष्ट्रीय रग्बी चैंपियनशिप, गुवाहाटी (असम): 2 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया (27-28 अप्रैल)
- सब-जूनियर नेशनल रग्बी फुटबॉल चैंपियनशिप, ग्वालियर: 3 खिलाड़ी चयनित
- 38वें नेशनल गेम्स, उत्तराखंड (8 से 14 फरवरी 2025): मयंक पटेल, ममता धीवर, अभिषेक निर्मलकर और विजेता जोशी ने मॉडर्न पेंटाथलान में भाग लिया
तीरंदाजी में कमाल, खिलाड़ियों का चयन अकादमी में
खेल अकादमी में तुमगांव के दो होनहार खिलाड़ियों — अबीर पांडे और टिकेश्वरी साहू का चयन हुआ है। यह उपलब्धि यह साबित करती है कि तुमगांव सिर्फ भाग नहीं ले रहा, अब जीतने की होड़ में सबसे आगे दौड़ रहा है।
इस बदलाव के नायक: मैदान के सच्चे योद्धा
तुमगांव की इस सफलता के पीछे केवल खिलाड़ी नहीं, बल्कि डॉ. सुनील कुमार भोई, व्यायाम शिक्षक (शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, भोरिंग) की निरंतर मेहनत और मार्गदर्शन है। उन्होंने खेल के बीज बोए और अब फल पूरे राज्य को मिल रहा है।
साथ ही जगदीश धीवर, अभिषेक निर्मलकर, आयुष निर्मलकर, लिशांशु साहू, अभिषेक नेहरू, ओंकार निषाद और एवन साहू जैसे स्थानीय युवाओं का सहयोग लगातार बना हुआ है।
खेल अधिकारी का सक्रिय सहयोग
महासमुंद जिले के खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी मनोज धृतलहरे ने मैदान की ज़रूरतों को समझते हुए समय-समय पर संसाधनों और उपकरणों की पूर्ति सुनिश्चित की। उनकी पहल के कारण ही गांव के खिलाड़ियों को बाहर जाकर अभ्यास करने की जरूरत नहीं पड़ती।
अब सिर्फ लक्ष्य है – अंतरराष्ट्रीय पदक
तुमगांव के युवाओं का उत्साह और मेहनत अब इस ओर इशारा कर रही है कि आने वाले वर्षों में यह गांव राष्ट्रीय नहीं, अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर भी अपनी जगह बना लेगा। एक छोटे से गांव से निकले ये खिलाड़ी आज हजारों युवाओं को प्रेरणा दे रहे हैं कि अगर जज्बा हो, तो किसी भी मंच तक पहुँचना संभव है।
तुमगांव अब सिर्फ नाम नहीं, एक पहचान है — छत्तीसगढ़ की खेल क्रांति का मजबूत आधार।
There is no ads to display, Please add some




