पंचायत सचिवों को मिली बड़ी राहत, शासकीयकरण पर सरकार से बनी सहमति ; 17 मार्च से चल रहा प्रदेशव्यापी आंदोलन स्थगित, जनवरी 2026 तक रिपोर्ट पेश करने का वादा….

 

रायपुर (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों द्वारा विगत एक माह से चलाए जा रहे प्रदेशव्यापी आंदोलन को बड़ी सफलता मिली है। प्रदेश पंचायत सचिव संघ छत्तीसगढ़ के नेतृत्व में चल रहे इस आंदोलन के दबाव में सरकार को आखिरकार पीछे हटना पड़ा और आज उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से हुई चर्चा के बाद आंदोलन को स्थगित करने की घोषणा की गई।

संघ के प्रांताध्यक्ष उपेन्द्र सिंह पैकरा ने आज एक पत्र के माध्यम से प्रदेशवासियों को जानकारी दी कि उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा से आंदोलन के दौरान सौहार्द्रपूर्ण और सकारात्मक बातचीत हुई, जिसमें सचिवों की प्रमुख माँगों पर सरकार ने सहमति दी है। उन्होंने बताया कि आंदोलन को फिलहाल “आगामी तिथि तक स्थगित” कर दिया गया है।

आंदोलन की पृष्ठभूमि :

17 मार्च 2025 से छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिव अपनी एक सूत्रीय मुख्य माँग—शासकीयकरण को लेकर आंदोलित थे। पंचायत सचिवों का कहना था कि वे वर्षों से राज्य के सुदूर ग्रामीण इलाकों में शासन-प्रशासन की नीतियों को जमीनी स्तर पर लागू कर रहे हैं, फिर भी उन्हें अस्थायी और संविदा जैसे असुरक्षित पदों पर रखा गया है।

सरकार और संघ के बीच बनी ये मुख्य सहमति :

  1. शासकीयकरण की प्रक्रिया को औपचारिक रूप देने हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गठित समिति जनवरी 2026 तक अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। इसके पश्चात शासकीयकरण की प्रक्रिया प्रारंभ होगी।
  2. शासकीयकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने से पूर्व ही चिकित्सा व्यय प्रतिपूर्ति हेतु एक स्पष्ट मार्गदर्शिका अलग से जारी की जाएगी, जिससे सचिवों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधा मिल सके।
  3. वर्तमान में 15 वर्ष की सेवा पूरी होने पर वेतन सत्यापन में उत्पन्न विसंगतियों को सरकार दूर करेगी, जिससे वरिष्ठ सचिवों को उनका वाजिब लाभ मिल सके।
  4. आंदोलन की अवधि में सचिवों का जो वेतन रुका है, उसे तत्काल स्वीकृत कर भुगतान करने का निर्णय लिया गया है।

 

संघ का ऐलान : आंदोलन फिलहाल स्थगित –

प्रांताध्यक्ष श्री पैकरा ने अपने पत्र में कहा है कि आंदोलन के दौरान प्रदेशभर के पंचायत सचिवों ने अनुशासित, अहिंसक और शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगों को सामने रखा, जिसका सकारात्मक प्रभाव सरकार पर पड़ा।

उन्होंने आगे कहा कि –

“यह केवल पंचायत सचिवों की जीत नहीं है, बल्कि प्रदेश के हर उस कर्मठ कर्मचारी की जीत है जो न्याय, स्थायित्व और सम्मान की लड़ाई लड़ रहा है। हम उपमुख्यमंत्री महोदय के आश्वासन का स्वागत करते हैं और पूरी उम्मीद है कि सरकार समयसीमा का पालन करते हुए सहमति को अमल में लाएगी।”

क्या है आगे की राह? :

अब सरकार के सामने सबसे बड़ी जिम्मेदारी है कि वह जनवरी 2026 तक रिपोर्ट प्रस्तुत कर शासकीयकरण की प्रक्रिया को लागू करे। सचिवों की निगाहें अब सरकार की हर एक कार्रवाई पर होंगी। यदि तय समयसीमा में ठोस पहल नहीं हुई, तो आंदोलन की वापसी तय मानी जा रही है।

छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिवों का यह संघर्ष केवल वेतन, पद और सुविधा का मामला नहीं, बल्कि ग्राम्य प्रशासन की नींव को स्थायित्व और सम्मान दिलाने की लड़ाई थी। यह सहमति राज्य शासन और कर्मचारियों के बीच संवाद व समाधान की मिसाल बन सकती है, यदि इसे ईमानदारी से लागू किया जाए।

 

Share.

About Us

Chif Editor – Prakash Kumar yadav

Founder – Gangaprakash

Contact us

📍 Address:
Ward No. 12, Jhulelal Para, Chhura, District Gariyaband (C.G.) – 493996

📞 Mobile: +91-95891 54969
📧 Email: gangaprakashnews@gmail.com
🌐 Website: www.gangaprakash.com

🆔 RNI No.: CHHHIN/2022/83766
🆔 UDYAM No.: CG-25-0001205

Disclaimer

गंगा प्रकाश छत्तीसगढ के गरियाबंद जिले छुरा(न.प.) से दैनिक समाचार पत्रिका/वेब पोर्टल है। गंगा प्रकाश का उद्देश्य सच्ची खबरों को पाठकों तक पहुंचाने का है। जिसके लिए अनुभवी संवाददाताओं की टीम हमारे साथ जुड़कर कार्य कर रही है। समाचार पत्र/वेब पोर्टल में प्रकाशित समाचार, लेख, विज्ञापन संवाददाताओं द्वारा लिखी कलम व संकलन कर्ता के है। इसके लिए प्रकाशक, मुद्रक, स्वामी, संपादक की कोई जवाबदारी नहीं है। न्यायिक क्षेत्र गरियाबंद जिला है।

Ganga Prakash Copyright © 2025. Designed by Nimble Technology

WhatsApp us

Exit mobile version