बिलासपुर नगर निगम द्वारा नियम कायदे को दरकिनार कर एक नई परंपरा की शुरुआत।

राजेश सोनी

 बिलासपुर (गंगा प्रकाश)। नगर निगम जोन कार्यालय 7 राजकिशोर नगर अंतर्गत लिंगियाडीह में

हो रहे निर्माण कार्य स्थल पर लगाए गए सूचना पटल को देखकर तो ऐसा ही लगता है कि जिम्मेदार अधिकारियों को नियम शर्तों से कोई लेना देना नहीं है। यदि होता तो निर्माण कार्य स्थल पर लगे सूचना

पटल पर नेताओं के नाम का उल्लेख नहीं मिलता।

यह भूमि पूजन शिलान्यास या उद्घाटन का बोर्ड नहीं है ये है निर्माण स्थल पर नगर निगम द्वारा लगाया गया आमजन को निर्माण संबंधी जानकारी देने कार्य का सूचना पटल है। वह भी आनन फानन में तब लगाया गया सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई। बल्कि नियमानुसार जिम्मेदार अधिकारी द्वारा सूचना पटल पर कार्य का नाम मद का नाम स्वीकृत राशि दर्शाया गया है किंतु कार्य प्रारंभ और कार्य पूर्णता की तिथि अंकित नहीं है साथ ही जिम्मेदार अधिकारी का नाम पद और मोबाईल नम्बर अंकित करते तो आम जनता के काम आता वह भी गायब है। जबकि यह नियम है कि एजेंसी जो कि नगर निगम बिलासपुर है कार्य प्रारंभ के पूर्व सूचना पटल कार्य स्थल पर नियमानुसार लगवाए फिर कार्य प्रारंभ हो।

ज्ञात रहे कि 31 मई को जारी आदेश अनुसार स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल लिंगियाडीह का उन्नयन कार्य सुधीर गुप्ता मुख्य अभियंता एवं नोडल अधिकारी के सम्पूर्ण देखरेख एवं निर्देशन में किया जा रहा है एवं सहयोगी के रूप में प्रवीण शुक्ला कार्यपालन अभियंता एस के मानिक सहायक अभियंता एवं आशीष पांडेय उप अभियंता हैं।

अब निर्माण कार्य स्थल पर लगाए गए सूचना पटल पर नेताओं के नाम लिखकर नगर निगम कौन सी नई

परंपरा आरंभ कर रहा है ये वही जाने लेकिन निगम के उच्च पदों में विराजमान जिम्मेदार अधिकारियों को चाहिए कि तत्काल मौके का निरीक्षण करें और देखें कि उन्हें कागजों में भेजी जा रही जानकारी धरातल पर है भी की नहीं और यदि है तो कितनी सही।

फिलहाल देखना होगा कि निरीक्षण उपरांत अधिकारी कोई ठोस कदम उठाते हैं ताकि भविष्य में ऐसी गलती की पुनरावृत्ति न हो या इस परंपरा आगे बढ़ाने का काम किया बदस्तूर जारी रहेगा।

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