
अरविन्द तिवारी

बाली/ इंडोनेशिया (गंगा प्रकाश) – विश्व में आर्थिक दृष्टि से शक्तिशाली 20 देशों के 17 वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इंडोनेशिया की राजधानी बाली के नगुरा राय इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे , यहां पर उनका जोरदार स्वागत किया गया। वे सोमवार सुबह ही नई दिल्ली के पालम एयरपोर्ट से बाली के लिये उड़ान भरी थी। पीएम मोदी तीन दिनों तक बाली में रहेंगे , इस दौरान वे 20 से अधिक कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। इस समिट के दौरान बाली में रामायण के चित्रों का महिमामंडन किया गया है। एक सड़क के किनारे रामसेतु में वानर सेना की अहम भूमिका को दर्शाया गया है। दरअसल जब भगवान श्रीराम को यह ज्ञात हुआ की माँ सीता लंका में रावण की कैद में है और वहाँ तक पहुँचने के लिये एक सेतु की जरूरत पड़ेगी , तो वानरसेना ने समुद्र में रामसेतु बना दिया था। बाली रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि वह बाली में जी – 20 समूह के नेताओं के साथ वैश्विक आर्थिक वृद्धि में नयी जान फूंकने , खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसी चुनौतियों और स्वास्थ्य तथा डिजिटल परिवर्तन से जुड़े मुद्दों के समाधान पर व्यापक चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि वह वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक समाधान करने में भारत की उपलब्धियों और इसकी मजबूत प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करेंगे।इंडोनेशिया प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी कई विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे और इंडोनेशिया में प्रवासी भारतीय के एक सामुदायिक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। हालांकि मोदी चीन के राष्ट्रपति शी से मुलाकात करेंगे या नहीं अभी यह स्पष्ट नहीं है। अगर दोनों के बीच मुलाकात होती है तो जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद यह पहली द्विपक्षीय मुलाकात होगी। इसके पहले भी दोनों नेताओं ने सितंबर में उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में शिरकत की थी , लेकिन तब दोनों के बीच कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं हुई थी। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। रूस को शिखर सम्मेलन में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर चर्चा के दौरान कड़ी निंदा का सामना करना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रोन , इंडोनिशया के राष्ट्रपति जोको विडोडो , स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज पेरेज कास्टजोन और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सीन के साथ भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की द्विपक्षीय मुलाकातों का कार्यक्रम तय हो चुका है। कोविड महामारी काल के बाद ‘रिकवर टुगेदर, रिकवर स्ट्रॉन्गर’ की थीम पर आयोजित होने वाले इस शिखर सम्मेलन में में तीन सत्र -‘खाद्य एवं ऊर्जा सुरक्षा’, ‘स्वास्थ्य’ और ‘डिजीटल परावर्तन’ के विषयों पर आधारित होंगे। बताते चलें कि जी -20 वैश्विक आर्थिक सहयोग का एक प्रभावशाली संगठन है। यह वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत , वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करता है। जी -20 समूह फोरम में दुनियां के डेवलप्ड और डेवलपिंग इकोनॉमी वाले 20 देश हैं। इन देशों में अर्जेंटीना , ऑस्ट्रेलिया , ब्राजील , कनाडा , चीन , फ्रांस , जर्मनी , भारत , इंडोनेशिया , इटली , जापान , साउथ कोरिया , मैक्सिको , रूस , सऊदी अरब , दक्षिण अफ्रीका , तुर्की , ब्रिटेन , अमेरिका और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं।इंडोनेशिया जी-20 का वर्तमान अध्यक्ष है। जबकि भारत एक दिसंबर से औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता सम्हालेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के अगले महीने जी-20 की अध्यक्षता सम्हालने के विषय पर कहा कि बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो भारत को जी -20 की अध्यक्षता सौंपेंगे , जो हमारे देश और नागरिकों के लिये एक महत्वपूर्ण क्षण होगा। भारत आधिकारिक तौर पर 01 दिसंबर 2022 से जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। मैं अगले साल जी -20 शिखर सम्मेलन में जी -20 के सदस्यों तथा अन्य आमंत्रित लोगों को भी अपना व्यक्तिगत निमंत्रण दूंगा।