छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक नहीं यह  कांग्रेस पार्टी का मौत का ओलम्पिक है-दीपिका

तीन खिलाड़ियों की मृत्यु पर भड़की भाजपा नेत्री

कहा बिना उचित तैयारी के सिर्फ वाहवाही लेने के नियत से की गई शुरुवात

आयोजकों पर उचित कार्यवाही करे सरकार

संजय सिंह भदौरिया

सुकमा (गंगा प्रकाश)। छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक में लगातार 3 खिलाड़ियों की मृत्यु पर प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए भाजयुमों प्रदेश उपाध्यक्ष अधिवक्ता दीपिका शोरी ने कहा कि मैं समस्त शहीद खिलाड़ियों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं व उनके परिजनों से कहना चाहती हूं कि आपके साथ दुःख की इस बेला में भाजयुमों छत्तीसगढ़ का एक एक युवा आपके साथ है साथ ही मैं पूछना चाहती हूं कांग्रेस की सरकार से  कि यह छत्तीसगढ़िया ओलम्पिक है या कांग्रेस पार्टी के द्वारा कारित मौत का ओलम्पिक हैं जहां सिर्फ अव्यवस्था के चलते छत्तीसगढ़ नें अपने दो होनहार युवा खिलाड़ी व एक महिला खिलाड़ी को खो दिया उस पर छत्तीसगढ़ के  सरकार के मुखिया भूपेश बघेल जी का गैर जिम्मेदाराना बयान कि खेल खेल में हो जाती हैं दुर्घटनाएं मैं पूछना चाहती हूं कांग्रेस पार्टी के समस्त जिम्मेदारों से अगर उनके घरों के किसी सदस्य के साथ यह घटना होती तो क्या वो मुख्यमंत्री के बयान से सहमत होते  आज पूछिए फरसाबहार विकासखण्ड के सुंढरु में आयोजित कबड्डी के दौरान  घायल होकर असमय  ही मृत्यु का वरण करने वाले घुमरा गाँव के समारू के परिजनों से,माकड़ी विकासखण्ड के ग्राम माँझीबोरण्ड की मृतक महिला ख़िलाडी शांति मंडावी के परिजनों से  जिन्हें घायल शांति को ईलाज हेतु ले जाने 108 भी नसीब नहीं हुई और 11 अक्तूबर को रायगढ़ में घरघोड़ा क्षेत्र के भालूमार में  कबड्डी  के दौरान खिलाड़ी ठंडा राम मालाकार जिनकी कबड्डी के दौरान घायल होने पर हालत गंभीर देख डॉक्टरों ने उन्हें जिला अस्पताल भेजा लेकिन सड़क खराब होने के चलते एंबुलेंस को साढ़े चार घंटे लग गए। इस दौरान तमनार पाली घाट मार्ग पर रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया पूछिये इस सभी खिलाड़ियों के परिजनों से कितना दुःख और दर्द के बीच गुजर रहे हैं उनके दिन।मैं यह नहीं कहती कि खेल नहीं होना चाहिए परन्तु बिना किसी उचित तैयारी के आनन फानन में सिर्फ वाहवाही लूटने की नीयत से करवाये गए इस मौत के ओलम्पिक ने छत्तीसगढ़ महतारी के दो युवा और एक महिला खिलाड़ी की जान ले ली।

मेरी यह मांग है कि छत्तीसगढ़ सरकार नैतिकता के आधार पर इसकी पूरी जिम्मेदारी लेकर आयोजकों पर उचित कार्यवाही करते हुए मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रु मुआवज़े के तौर पर देकर प्रत्येक परिवार के एक एक सदस्य को शासकीय नौकरी भी दे।

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