भद्राकाली कन्या आश्रम शाला से अधीक्षिका नदारद

गोविंद दुर्गम

बीजापुर/भोपालपटनम (गंगा प्रकाश)। भोपालपटनम विकासखंड में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित कन्या आश्रम शाला भद्रकाली में पदस्थ अधीक्षिका अक्सर आश्रम शाला से नदारद रहती है. ग्रामीणों की शिकायत पर मीडिया कर्मी आश्रम शाला के सामने पहुंचे. जबकि छात्राओं की दर्ज संख्या-50 है.सुबह लगभग 8:30 मीडिया कर्मियों ने देखा की नाश्ते के समय दाल चावल  खिलाया जा रहा है.जब आश्रम शाला पहुंचे तो आश्रम शाला से अधीक्षिका अनुपस्थित थी। आश्रम शाला के प्रथम द्वार के बाहर खड़े होकर वहां उपस्थित भृत्य से जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि अधीक्षिका घर पर है। बताया जाता है कि अक्सर अधीक्षिका रात के समय छात्राओं के साथ नहीं रहती है। ज्यादातर समय किसी काम का बहाना बनाकर  अपने घर मुख्यालय में रहती हैं। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है की अपने कर्तव्य पालन में कितना वफादार है। जबकि शासन प्रशासन के द्वारा आदिवासी क्षेत्रों में कोई शिक्षा से वंचित ना हो जिसके लिए शासन के द्वारा दूरदराज क्षेत्रों में गुरुकुल आश्रम शालाएं संचालित कर अच्छे एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की योजनाएं बना रही है। लेकिन एक ओर ऐसे लापरवाह अधीक्षिका के कारण इन छात्राओं का  जीवन अंधकारमय  होता जा रहा है। आश्रम शाला में रहने वाले छात्राओं को  परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  आश्रम शाला में उपस्थित छात्राओं के द्वारा बताया गया है कि सुबह का नाश्ता नहीं दिया गया है। जबकि मीनू के अनुसार सुबह नाश्ता भोजन में एक सब्जी और दाल अचार पापड़ दिया जाना है। लेकिन कमीशन खोरी की मिली भगत से बच्चो की थाली में डाका डालकर शासन के द्वारा बनाया गये मीनू को दरकिनार कर लिया जा रहा है।  छात्राओं को वहां पदस्थ भृत्यो के भरोसे छोड़ जाते है। इन बच्चों के माता पिता ने बड़ी जिम्मेदारी के साथ आश्रम शालाओं में इन अधिक्षिका के भरोसे अपने बच्चों को छोड़ जाते हैं। ऐसे लापरवाह  अधीक्षिका के कारण बेचारी छोटी छोटी  छात्राओं को परेशानियो का सामना करना पड़ता है। ऐसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने की जगह अक्सर घर मुख्यालय में रहते हैं ।और आश्रम शाला में बच्चों को  भृत्यों के भरोसे  छोड़ जाते हैं। अगर कोई अनहोनी  हो तो जिम्मेदार कौन ?इस प्रश्न का उत्तर कौन देगा? इसके पूर्व 2014 में आश्रम में गंभीर घटना घटी उक्त जानकारी को आश्रम शाला में पदस्थ भ्रुत्य के माध्यम से विकासखंड के शिक्षा अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी को मोबाईल पर बात कर जानकारी दी गई है तो उन्होंने कहा है कि “आश्रम  शालाओं के निरीक्षण व जांच कर  कार्यवाही करने की बात कही है।”

0Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *